पुलिस की नजरों से गायब आसाराम, समर्थकों का मीडिया पर हमला

Asaram Bapuनई दिल्ली। आज कभी भी आसाराम बापू की गिरफ्तारी हो सकती है। गिरफ्तारी से बचने के लिए आराराम कभी यहां कभी वहां भाग रहे हैं। आलम यह है कि आज समर्थकों ने मीडियाकर्मियों से जमकर मारपीट की। एक निजी चैनल के पत्रकार के साथ समर्थकों ने मारपीट की। भोपाल से इंदौर जाते वक्त देवास नाके पर टोल भी नहीं दिया। पुलिस के मुताबिक आसाराम इंदौर आश्रम में नहीं हैं। किसी फार्म हाउस में छुपे होने की आशंका जताई जा रही है। वहां पर उपस्थित लोगों ने बताया कि मुंह छुपाकर आसाराम जा रहे थे। अपने गुरुकुल की नाबालिग छात्र से दुष्कर्म मामले में फंसे आसाराम बापू गुरुवार को पूछताछ के लिए जोधपुर पुलिस के समक्ष नहीं पेश हुए। उनके पुत्र नारायण सांई के मुताबिक गुरुवार रात से उनकी तबीयत खराब है, जिसके चलते वह कहीं जाने की अवस्था में नहीं हैं। वहीं समय सीमा समाप्त होने के बाद जोधपुर पुलिस की एक टीम आसाराम की गिरफ्तारी के लिए भोपाल रवाना हो गई। हालांकि डीसीपी अजय लांबा का कहना है कि पूछताछ में संतुष्टि नहीं मिलने पर ही गिरफ्तारी की जाएगी।पीटीआई के अनुसार आसाराम ने कहा था कि जेल भेजे जाने की स्थिति में वो अनशन शुरू कर देंगे क्योंकि वो षडयंत्र के तहत उन्हें दिए जाने वाले भोजन पर भरोसा नहीं कर सकते।

मामले में तीन अन्य आरोपियों को भी पुलिस के समक्ष पेश होना था पर वे भी नहीं आए। जोधपुर के पुलिस कमिश्नर बीजू जार्ज जोसेफ ने इनकी भी गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं। आसाराम को 30 अगस्त तक पुलिस के समक्ष हाजिर होना था। वह गुरुवार को भोपाल में अपने रिश्तेदार के यहां आए थे। देर रात तबीयत बिगड़ आई। उनके बेटे नारायण सांई ने पत्रकारों को बताया कि ‘बापू की तबीयत कुछ नरम गरम है। वह देशी दवाओं पर विश्वास करते हैं। जल्द ही पूना से विशेष वैद्य आएंगे। जब तक उनकी तबीयत नहीं सही होगी, वह जोधपुर नहीं जा पाएंगे।’

इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, आसाराम अपनी साख खो चुके हैं। उन्होंने संत होते हुए जो कार्य किया है, वह बिल्कुल ठीक नहीं है। जोधपुर के डीसीपी अजय लांबा ने आसाराम को और मोहलत देने से इन्कार करते हुए कहा कि हमारे पास उनके खिलाफ पुख्ता सुबूत हैं। जांच में पता चला है कि दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली छात्र को कोई बीमारी नहीं थी। पूरी साजिश उसका आसाराम के समक्ष समर्पण कराने की थी। गुरुकुल वार्डन ने बीमारी के बहाने ही परिजनों को बुलाया था, मगर बाद में भूत-प्रेत का साया बताकर आसाराम से अनुष्ठान कराने का दबाव बनाया था।

अंतरिम जमानत अर्जी वापस ली आसाराम बापू को गुजरात हाई कोर्ट ने भी राहत देने से इन्कार कर दिया। बापू के वकील ने अंतरिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल की लेकिन अदालत के रुख को देखते हुए अर्जी को वापस ले लिया। न्यायाधीश एजे देसाई ने वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर नानावटी से कहा कि वह इस मामले में कोई राहत नहीं दे सकते।

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