नई दिल्ली। इंडियन मुजाहिदीन का सह-संस्थापक भटकल अमेरिका पर 9/11 हमले के बाद अफगानिस्तान में नाटो बलों से मुकाबला करना चाहता था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘अफगानिस्तान पर अमेरिकी हमले के बाद वह गठबंधन बलों से भिड़ना चाहता था।’ भटकल कई देशों में पांच साल तक भागने के बाद बीते गुरुवार को भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में भटकल ने बताया कि उसके पाकिस्तानी आकाओं ने उसे फरवरी, 2013 में हैदराबाद में धमाकों का निर्देश दिया था। एक अधिकारी ने बताया कि भटकल ने 2011 में बाहरी दिल्ली के नागलोई में एक हथियार बनाने की फैक्ट्री भी लगाई थी। वह दिल्ली में राकेट लांचर और एलएमजी (लाइट मशीनगन) बनाना चाहता था। हथियार फैक्ट्री में न केवल पारंपरिक हथियार बनाने की क्षमता वाले उपकरण और मशीनरी थी, बल्कि इसमें गोला-बारूद भी बनाया जा सकता था।
इस मामले में 22 नवंबर, 2011 को भटकल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बाद में उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट भी जारी किया गया था। अधिकारी ने बताया कि अब्दुल करीम टुंडा की गिरफ्तारी और उससे हुई पूछताछ के आधार पर भटकल की गिरफ्तारी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि दोनों मामले अलग हैं। दोनों को आपस में नहीं जोड़ा जा सकता। सूत्रों के मुताबिक, भटकल ने पूछताछ में बताया है कि फरवरी, 2013 में हैदराबाद के दिलसुखनगर में हुए धमाकों के लिए उसने ही विस्फोटक पहुंचाए थे।
उसके मुताबिक, पाकिस्तानी आकाओं ने उसे हैदराबाद के सायबराबाद को निशाना बनाने का निर्देश दिया था, ताकि विदेशी कंपनियां भारत से दूरी बनाएं। दिलसुखनगर में 21 फरवरी को हुए दोहरे धमाके में 17 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 100 से ज्यादा घायल हो गए थे।