अपीलार्थी को सेवा में मानते हुए पुन: बहाली के आदेश

jaipur newsजयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर ने सेवामुक्ति आदेश को अपास्त करने तथा सेवा को निरन्तर मानकर समस्त परिलाभों का भुगतान करने हेतु प्रत्यर्थी संस्था प्रबन्ध समिति, श्री सनातन धर्म सीनियर सैकण्डरी स्कूल, रणजीत नगर, भरतपुर, राजस्थान को आदेश दिया। उल्लेखनीय है कि अपीलार्थीया श्रीमती गीता देवी के पति रणजीत सिंह की नियुक्ति चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर प्रत्यर्थी संस्था में हुई थी एवम् उनकी मृत्यु दिनांक 16-10-1997 को हुई। तत्पश्चात् प्रत्यर्थी संस्था के प्रशासक द्वारा आदेश दिनांक 3-4-1999 से अपीलार्थीया के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर तैनात किया गया। अपीलार्थीया को बिना किसी कारण सेवामुक्त कर दिया गया। इससे पीडित होकर अपीलार्थीया ने अपने वकील डी.पी.शर्मा के माध्यम से अधिकरण के समक्ष अपील प्रस्तुत की। जिसे अधिकरण ने स्वीकार कर निर्णय दिनांक 27-3-2001 पारित किया एवम् अपीलार्थीया को सेवा में बहाल करने के आदेश प्रत्यर्थी संस्था को दिया। अपीलार्थीया की पुन: सेवा समाप्ति आदेश दिनांक 19-4-2003 द्वारा प्रत्यर्थी संस्था द्वारा कर दी गई। इससे पीडित होकर अपीलार्थीया ने पुन: अधिकरण के समक्ष अपने वकील डी.पी.शर्मा के माध्यम से एक अपील प्रस्तुत की। अपीलार्थीया के वकील का तर्क था कि प्रत्यर्थी संस्था ने पुन: विधिक प्रक्रिया अपनाये बिना अपीलार्थीया को सेवा मुक्त कर दिया। जो मनमाना तथा निदेशक की पुर्वानुमति प्राप्त नहीं करने के कारण विधि विरूद्ध रहा। अपीलार्थीया के वकील का यह भी तर्क था कि सेवामुक्त करने से पूर्व नियम 1993 के नियम 30 (बी) में वर्णित प्रक्रिया को अपनाये जाने की आवश्यकता थी जो पूरी नहीं की गई व अपीलार्थीया की सेवा समाप्ति उसे सुनवाई का अवसर दिये बिना की गई थी। मामले की सुनवाई के पश्चात् अधिकरण ने सेवा समाप्ति आदेश दिनांक 19-4-2003 को अपास्त कर अपीलार्थीया को समस्त परिलाभो सहित सेवा में पुन: स्थापित करने के आदेश प्रत्यर्थी संस्था को दिया एवम् अधिकरण ने यह भी उल्लेख किया कि ऐसा माना जाये कि अपीलार्थीया को सेवामुक्त नहीं किया गया है तथा अपीलार्थीया निरन्तर सेवा में बनी हुई है।
डी पी शर्मा
एडवोकेट
मो. नं. 9414284018
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