सांस्कृतिक चेतना सबसे बड़ी सेवा:हस्तीमल जैन

भाविप प्रताप का शपथ ग्रहण सम्पन्न
Shapath 14उदयपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अ. भा. सम्पर्क प्रमुख हस्तीमल जैन ने कहा कि आज देश में सांस्कृतिक चेतना जागृत करना ही सबसे बड़ा सेवा कार्य है। भारत की परम्पराओं और गौरवशाली इतिहास का हर देशवासी को ज्ञान होना चाहिए। हस्तीमल भारत विकास परिषद् प्रताप, उदयपुर के शपथ ग्रहण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
भाविप प्रताप के संरक्षक डॅा. सत्यनारायण माहेश्वरी नें कहा कि देश के दो नाम होना एक बड़ी विडम्बना है। हमें पुनः भारत के भाव की प्रतिष्ठा करनी होगी। विकास के लिए स्वदेशी चिंतन का कोई विकल्प नहीं है।
इस अवसर पर हस्तीमल जैन नें भाविप प्रताप की नई कार्यकारिणी को शपथ दिलाई। नव निर्वाचित कार्यकारिणी में अध्यक्ष डॉ. सुजान सिंह, सचिव आशा कोठारी, कोषाध्यक्ष बंसल पोरवाल, संरक्षक ड़ा. सत्यनारायण माहेश्वरी, उपाध्यक्ष रेन प्रकाश जैन एवं ललितप्रकाश माहेश्वरी, सहसचिव दिनेश महात्मा, महिला प्रमुख प्रीति कोठारी, निवर्तमान अध्यक्ष गोपाल पारीक, विवर्तमान सचिव सुशीला मेहता, भाविप प्रताप प्रतिष्ठान के अध्यक्ष नरेन्द्र पोरवाल एवं सचिव नरेन्द्र पोरवाल सम्मिलित हैं। कार्यकारिणी सदस्य कमलेश धुप्पड़, अजेश सेठी, डॉ, महावीर परिहार, डी.पी. धाकड़, दीपक जैन, रमेश मोदी, सीमा भण्डारी, लोकेश कोठारी, एवं बीना मारु बनें।
निर्वतमान अध्यक्ष गोपाल पारीक नें अतिथियों का स्वागत किया एवं सचिव सुशीला मेहता ने गत वर्ष का कार्यवृत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन निर्मला जैन ने किया । अध्यक्ष डॉ. सुजान सिंह नें भावी कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला एवं सचिव आशा कोठारी नें धन्यवाद ज्ञापित किया।

महावीर जयंति पर विचार गोष्ठी का आयोजन
Mavaveer 14उदयपुर। भारत विकास परिषद प्रताप उदयपुर नें महावीर जयंति के अवसर पर महावीर की प्रासंगिकता विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी में संरक्षक डॉ. सत्यनारायण माहेश्वरी, सचिव आशा कोठारी, निवर्तमान अध्यक्ष गोपाल पारीक, सुशीला मेहता, नरेन्द्र पोरवाल, कमलेश धुप्पड़, सुनील भाणावत, सुरेन्द्र भण्डारी, दिनेश महात्मा, दीपक जैन, दिनेश कोठारी, प्रकाश गांधी, बंसत पोरवाल, सुरेश मेहता, ओम चित्तोड़ा, सीमा भण्डारी, उषा भाणावत एवं कंचन धुप्पड़ नें महावीर की देशनाओं की वर्तमान युग में प्रासंगिकता पर विचार व्यक्त किए।
संरक्षक डॉ. सत्यनारायण माहेश्वरी नें अपने उद्बोधन में कहा कि अपने धर्म पर दृढ़ आस्था और दुसरों के धर्म का सम्मान करना विश्व में संघर्षों को समाप्त कर सकता है। अहिंसा एवं विचारों में भिन्नता को सहज लेना महावीर के जीवन का सार है। संयम, उपभोग पर स्व नियंत्रण और जीवन में नैतिकता का विस्तार करके ही हम आधुनिक युग की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।
भाविप प्रताप के सदस्यों नें महावीर जयंति की शोभा यात्रा का अश्विनी बाजार में स्वागत किया एवं जल सेवा दी।
डॉ. सत्यनारायण माहेश्वरी
संरक्षक

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