कोणार्क वायु रक्षा ब्रिगेड ने अपनी स्वर्ण जयन्ति के अवसर पर आज एक सैनिक सम्मेलन आयोजित किया। विषेष सैनिक सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए लेफ्टिनेन्ट जनरल वी. के. सक्सेना, महानिदेषक सेना वायु रक्षा एवं वरिष्ठ कर्नल कमांडाण्ट ने स्थापना से लेकर आज तक कोणार्क वायु रक्षा ब्रिगेड की व्यवसायिक दक्षता एवं उपलब्धियॉं बताईं। जनरल ने बताया कि ब्रिगेड ने 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध समेत विभिन्न ऑपरेषनों में बेहतरीन योगदान दिया है। पिछले 50 वर्षों में देष में विभिन्न अवसरों पर फॉर्मेषन की तैनाती का ब्यौरा भी दिया। महानिदेषक ने आधुनिक परिप्रेक्ष्य में जहॉं वायु रक्षा युद्ध विजय का एक महत्वपूर्ण पहलू है, वहीं वायु रक्षा की जटिलताओं की विवेचना की।
कोणार्क वायु रक्षा ब्रिगेड की स्थापना 01 मई 1964 को गुवाहाटी में हुई। इसकी स्थापना से लेकर आज तक ऑपरेषन अब्लेज, ऑपरेडन रिडल, ऑपरेषन कैक्टस लिलि, ऑपरेषन विजय ऑपरेषन पराक्रम जैसे बड़े ऑपरेषनों में भाग लिया। वर्तमान समय में डेजर्ट कोर में स्थित इस ब्रिगेड ने स्वर्ण जयन्ति समारोह के उपलक्ष में कई कार्यक्रम आयोजित किये। इनमें मुख्य कार्यक्रम थे भू-नौकायन अभियान, गौरव सेनानी रैली, बच्चों के लिए भविष्य नियोजन मेला एवं सैनिक भोज। इन समारोह का मुख्य उद्देष्य आपसी तालमेल एवं सहयोग को बढ़ाना, खेलों एवं साहसिक गतिविधियों में लोगों का रूझान लाना एवं मौलिक सैन्य मूल्यों को बढ़ाना था।
इस अवसर पर महानिदेषक ने सभी पदों को आव्हान किया कि हम स्वयं को व्यवसायिक दक्षता की बुलंदियॉं हासिल करने को तथा देष सेवा को समर्पित करें। अंत में ‘‘आकाषे शत्रुन जहि’’ और ‘‘भारत माता की जय’’ के जयकारे के साथ ही यह समारोह सम्पन्न हो गया।
एस. डी. गोस्वामी
रक्षा प्रवक्ता
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