जयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर ने अप्रार्थी संस्था प्रबन्ध समिति, विद्या भवन सोसायटी, उदयपुर (राज.) को आदेश दिया कि वे छठे वेतन आयोग के अनुसार वेतन स्थिरीकरण कर पुनरीक्षित वेतनमान की राशि का भुगतान बकाया होने की दिनांक से ब्याज सहित प्रार्थीगणों को करे। उल्लेखनीय है कि प्रार्थीगण श्रीमती बशोबी भटनागर, डॉ. दया दवे, डॉ. कमलेश झॉ, डॉ0 सीमा सरूप्रिया, डॉ. रूची रावत एवं सत्यनारायण पुरोहित ने प्रार्थना पत्रा प्रस्तुत कर उक्त लाभ अप्रार्थी संस्था से दिलाने के लिए माननीय अधिकरण से निवेदन किया। प्रार्थीगणों की नियुक्ति विभिन्न पदों पर अप्रार्थी संस्था में हुई। जो चयन समिति द्वारा सम्पूर्ण प्रक्रिया अपनायी जाकर हुई थी। अप्रार्थी संस्था राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त होते हुए 90 प्रतिशत अनुदान प्राप्त करती है। जिसने विभिन्न तरीके अपनाकर कर्मचारियों को तंग व परेशान करने का मानस बना रखा था। प्रार्थीगण ने अप्रार्थी संस्था से छठे वेतन आयोग के अनुसार बकाया वेतन देने का निवेदन किया। परन्तु अप्रार्थी संस्था ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। प्रार्थीगण के अधिवक्ता डी.पी.शर्मा का तर्क था कि राजस्थान सिविल सर्विसेज (रिवाईज पे स्केल ) रूल्स , 208 का लाभ राज्य सरकार के अधीनस्थ कर्मचारियो को दिनांक 1-9-2006 से दिया गया था तो मान्यता प्राप्त संस्था के कर्मचारी भी इसका लाभ उसी अनुसार प्राप्त करने के अधिकारी थी। प्रार्थीगण ने अप्रार्थीगण की सेवा को जून, 2012 में छोडा है इसलिये इससे पूर्व के समस्त सेवा लाभ वे अप्रार्थी संस्था से प्राप्त करने के अधिकारी है। मामले की सुनवाई के पश्चात् अधिकरण ने प्रार्थीगण को छठे वेतन आयोग का लाभ प्राप्त करने का अधिकारी मानते हुए उक्त लाभ बकाया होने की दिनांक से ब्याज सहित भुगतान करने के आदेश अप्रार्थी संस्था को दिये।