करीब 500 गधे, 2000 घोड़े और 100 से अधिक खच्चर हुए शामिल
जयपुर। अखिल भारतीय गर्दभ मेला विकास समिति और खलखाणी माता मानव सेवा संस्थान की ओर से गोनेर रोड स्थित भावगढ़ बंध्या गांव में आयोजित किए गए तीन दिवसीय ऐतिहासिक गर्दभ मेले का शुक्रवार को समापन हुआ। समिति प्रवक्ता अमित बैजनाथ गर्ग ने बताया कि एशिया के एकमात्र गर्दभ मेले के नाम से चर्चित इस मेले का समापन रावण दहन के साथ हुआ। इस दौरान समिति संरक्षक ठा. उम्मेद सिंह राजावत, अध्यक्ष भगवत सिंह राजावत, उपाध्यक्ष चंदालाल मीणा, हंसराज मीणा, महेश यादव व राजेंद्र जैन भी मौजूद थे।
जयपुर नगर निगम के सहयोग से आयोजित हुए मेले में इस बार करीब 500 से अधिक गधे, 2000 घोड़े और 100 से अधिक खच्चर शामिल हुए। खास बात यह रही कि पिछले सालों की तुलना में इस साल गधोंकी संख्या में करीब 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ। वहीं मेले में लगाए गए हाट बाजार में गधों-घोड़ों से संबंधित विभिन्न उत्पाद, महिलाओं-बच्चों के रोजमर्रा में काम आने वाले तथा सजावटी उत्पाद प्रदर्शित किए गए।
हादसे के बाद मेला स्थगित
इससे पूर्व पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत राजस्थानी लोकगीत एवं लोकनृत्य, अलगोजा, कालबेलिया, बहरूपिया सहित विभिन्न प्रस्तुतियों के जरिए करीब 25 कलाकारों ने अपनी कलाओं के जरिए उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं घोड़ी डांस के दौरान हुए हादसे में एक घोड़ी के गंभीर रूप से घायल हो जाने के बाद आयोजकों ने गधों की कैटवॉक, फैशन शो, फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता सहित अन्य कार्यक्रमों को निरस्त करते हुए मेले के समापन की घोषणा कर दी।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें :
भगवत सिंह राजावत, अध्यक्ष
अखिल भारतीय गर्दभ मेला विकास समिति
मो.: 9460144382, 8384947481
अमित बैजनाथ गर्ग, प्रवक्ता
अखिल भारतीय गर्दभ मेला विकास समिति
मो.: 9680871446, 7877070861
ई-मेल: rewindprmedia@gmail.com
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