निर्माण के पश्चात अच्छी व्यवस्था करना ही सुशासन – सांसद राठौड़

hari om singh rathour 1राजसमन्द । सांसद और प्रदेश महामन्त्री हरिओम सिंह राठौड़ ने कहा की निर्माण के कार्य करना सुशासन नही हे लेकिन निर्माण के पश्चात अच्छी व्यवस्था करवाना सुशासन हे। बस स्टेण्ड, अस्पताल, सड़के आदि का निर्माण करना भी महतवपूर्ण हे लेकिन इन सब पर सही मैनेजमेंट के माध्यम से जनता को राहत पहुंचाना सुशासन हे। राठौड़ ने गोष्ठी के प्रारम्भ में पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन पर प्रकाश डाला और कहा की वाजपेयी हर दृष्टिकोण से पथ प्रणेता हे। मुख्यवक्ता बसंती लाल बाबेल ने कहा की सुशासन का मतलब जंहा कानून का राज हो जंहा समता, स्वतंत्रता और पंथ निरपेक्षता हो उसे सुशासन कहते हैं। बाबेल ने वाजपेयी की सोच की व्याख्या करते हुए कहा की वाजपेयी का सात सूत्री स्वप्न था गरीब को पोषाहार, स्वच्छ शासन, स्थाई रोज़गार, अनुच्छेद 356 को हटाना, परियोजनाओं की क्रियान्विति, जम्मू कश्मीर में शांति और सर्व धर्म सदभाव ओर इन्ही सूत्रों के इर्द गिर्द उन्होंने कार्य किया। आज वाजपेयी के सपनो को पूरा करने के लिए उनके उत्तराधिकारी के रूप में नरेंद्र मोदी आये हैं जो हर समय अनुशासन की सिख देते हे। बाबेल ने कहा की ये हमारा दुर्भाग्य हे की सचिन तेंदुलकर के बाद वाजपेयी को भारत रत्न मिला ये तो बहुत पहले मिल जाना चाहिए था। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समाजसेवी सुरेश चंद्र कावड़िया ने कहा की सुशासन और वाजपेयी एक दूसरे के पूरक हे। भिक्षु निलियम में तीन बजे आयोजित सुशासन पर विचार गौष्ठी
कार्यक्रम के शुभारम्भ में अतिथियों का स्वागत किया गया एंव भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। विचार गोष्ठी को दिनेश श्रीमाली, शिव नारायण बूब, चतुर कोठारी, रचना तेलंग, सुन्दर लाल लोढ़ा, राजकुमार दक, राधाकिशन निष्कलंक, डा. विजय खिलनानी, कवी फतह लाल अनोखा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर कुम्भलगढ़ विधायक सुरेन्द्र सिंह राठौड़ भी उपस्थित थे। धन्यवाद आयोजनकर्ता गिरिजा शंकर पालीवाल ने दिया। संचालन लता मादरेचा और सविता शर्मा ने किया।

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