दोस्तों , सबसे पहले तो आप सभी को मेरा नमस्कार. दैनिक नवज्योति से जुडे आज 25 साल पूरे हो गए . आज से ठीक ढाई दशक पहले 28 दिसम्बर 1989 को दैनिक नवज्योति में कदम रखा और इससे जुड गया. चार दिन बाद एक जनवरी 1990 से छोटे से गांव गोनेर और सांगानेर कस्बे के एक स्ट्रीगर के रूप में विधिवत समाचार भेजने लगा.
कुछेक सालों तक स्ट्रींगर के रूप में काम करने बाद सीधे दफ़तर से जुड गया. साथियों स्ट्रींगर से चीफ रिपोर्टर तक के इस 25 साल के सफर में कई उतार चढाव देखे. पहले सिटी रिपोर्टर फिर क्राइम रिपोर्टर और बाद में चीफ रिपोर्टर की जिम्मेदारी के दौरान कई साथियों का भरपूर सहयोग और वरिष्ठ साथियों का मार्गदर्शन मिला, जिनका तहेंदिल से आभार प्रकट करता हॅू.
साथियों मेरा जन्म एक छोटे से गांव चतरपुरा में हुआ. ग्रामीण परिवेश में पला और पढा. दसवीं तक की पढाई भी पडौस के गांव गोनेर में ही हुई. कुल मिलाकर बात यह है कि मैने अंग्रेजी छठीं कक्षा से 11वीं तक ही पढी है. साफ तौर से लिखूं तो मुझे अंग्रेजी नहीं आती है और नहीं मैंने इसे ज्यादा सीखने की कोशिश भी नहीं की. ढाई दशक तक एक ही समाचार पत्र में लगातार रिपोर्टिंग करना का मौका बहुत ही कम लोगों को मिलता है. मैं सौभाग्यशाली हॅू कि यह अवसर मुझे भी मिला है.
इन 25 सालों में वरिष्ठ साथियों से तो बहुत कुछ सीखा, मगर कनिष्ठ साथियों का भी इसमें कम योगदान नहीं है. उनसे भी मैने कुछ न कुछ सीखने की भरपूर कोशिश की है और अभी भी सीख रहा हॅू. इस अवधि में कडवे मीठे अनुभव भी रहे हैं. गुलाबी नगर जयपुर के सभी छोटे बडे पत्रकारों का विशेष स्नेह मुझे मिला, तभी तो मुझ जैसे गांव के आदमी को भी चार बार पिंकसिटी प्रेस क्लब का अध्यक्ष चुना गया. यह मेरे लिए एक गौरव की बात है. पत्रकारिता के दौरान कई राजनेताओं से दोस्ती भी हुई और दूरियां भी बढी. लेकिन मैने राजनेताओं के संबंधों को अपनी पत्रकारिता पर कभी हावी नहीं होने दिया. कुछ लोगों ने कोशिश जरुर की थी लेकिन वे सफल नहीं हो पाए. मैंने भी इस बात का भी पूरा ख्याल रखा कि किसी भी राजनेता के हाथों टूल नहीं बनूं.
मैं नवोदित पत्रकारों को सिर्फ इतना सा कहना चाहूंगा कि आपकी लेखनी निष्पक्ष और समाज के हित में है तो आपको लाखों लोगों का साथ जरूर मिलेगा. और अंत में मै दैनिक नवज्योति समाचार पत्र के लिए सिर्फ इतना सा कहूंगा कि
“खूबसूरत तालमेल है, मेरे और नवज्योति के बीच में,
ज्यादा मैं मांगता नहीं, और कम वो देती नहीं”
लल्लू लाल शर्मा
