सूर्य नमस्कार को स्कूलों में थोंपना सरकार की घटिया सोच

mehmood khan, president of ajmer district minorities wing congress delivering keynote address at 7 annual conference of Rajasthan Urdu Teachers Assocoation held at ravindra rang manch in jaipur on sunday. This even is attended by over 2000 urdu teachers and urdu parateachers from across the state.
mehmood khan, president of ajmer district minorities wing congress delivering keynote address at 7 annual conference of Rajasthan Urdu Teachers Assocoation held at ravindra rang manch in jaipur on sunday. This even is attended by over 2000 urdu teachers and urdu parateachers from across the state.

जयपुर /शिक्षा पर साम्प्रदायिक सोच समाज के विघटन का नयाफार्मुला है राजस्थान में सूर्य नमस्कार को स्कूलों में थोंपना सरकार की घटियासोच की परिणिती होते हुऐ शिक्षा पर साम्प्रदायिकता की खुली राजनीति है।सरकार के ऐसे आदेश भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त धामिक स्वतंत्रता केअधिकार का खुला उलंघन है। यह उदगार कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग,Ajmer केअध्यक्ष महमूद खान ने राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ एवं एवंराजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के जयपुर में आयोजित सातवें अधिवेशन कीअध्यक्षता करते हुऐ दिऐ।
जयपुर स्थित रविन्द्र रंगमंच के खुले प्रांगण में आयोजित अधिवेशन में उन्होनेकहा कि योग की शारीरिक और मानसिक विकास में अहम भूमिका है लेकिनसूर्य नमस्कार को ऐच्छिक रखा जाए जो बच्चे सूर्य नमस्कार करना चाहते हैं करेंऔर जिन्हें नहीं करना उनके लिए यह अनिवार्य न हो तब तो वाकई लगेगा किसरकार बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास चाहती है
इसमें कोई शक नहीं है लेकिन भा ज पा की सरकार आने के बाद शिक्षा केसमाजिक धू्रवीकरण की कवायद शुरू कर दी गई है।
हमारी मुख्यमंत्री से अपील कि वह इस आदेश को वापिस ले व विद्यालयोंमें बच्चों पर धर्म निरपेक्ष मूल्यों के तहत किसी भी एक धर्म को ना थोपा जाये।
अधिवेशन को सम्बोधित करते हुऐ महमूद खान ने कहा कि सरकार के जरियेसंघ द्वारा अपने हिडन एजेंडे को लागु करने के लिए शिक्षा का सहारा लिया जा रहाहै और प्रधानमंत्री ने इन सभी मुद्दों पर चुप्पी साध रखी है। देश में इतिहास बदलनेकी तैयारी चल रही है। भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त धामिक स्वतंत्रता केअधिकार को प्रतिबंधित करना सरकार की कुंठित मानसिकता को प्रदर्शित करताहै। सरकार द्वारा जनसामान्य की ईच्छा के अनुरूप फैसला लिया जाना चाहिएउनकी भावनाओं के विपरीत नहीं । सरकार अपने निणय को बदले । सरकार द्वारासरकारी व निजी विद्यालयों में सूर्य नमस्कार को अनिवार्य करना धर्मनिरपेक्षनीति के विरूद्ध है।
उन्होने कहा कि पिछले कुछ समय से साम्प्रदायिक ताकतो का राजस्थान मेंपुर्नजागरण हो रहा हैं और ऐसी ताकतों द्वारा राज्य के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को खत्मकरने की कोशिशे जारी है। अफसोस है कि राज्य की भाजपा सरकार कामाध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने 3 फरवरी, 2015 को इस तरह के निर्देश जारीकिये है कि सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में प्रार्थना सभा में सभी बच्चों कोसूर्य नमस्कार करना होगा। जग जाहिर है कि सूर्य नमस्कार हिन्दू धर्म केअनुसार रीति व अभ्यास हैै। यह आदेश हिन्दू धर्म की रीतियों को अन्य धर्म केबच्चों पर थोपे जाने वाला आदेश है।
इससे पूर्व श्री खान का राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ एवं एवं राजस्थानउर्दू शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अमीन कायमख्वानी शाॅल ओढ़ा व माल्यापर्ण करस्वागत किया।
रियाज खान
9928670409
(प्रेस सलाहकार)

 

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