13 बच्चे तीन शिक्षक फिर भी स्कुल वीरान

(रामकन्या ब्यूरो) बालमुकुन्द वैष्णव 
schoolसूनने मे भले ही अजिब लगे लेकिन सरकारी स्कुलो मे तेरह बच्चों पर तीन शिक्षक हैं फिर भी स्कूल विरान नजर आता हैं और स्कुल के ताले लटके मिलते हैं हम बात कर रहे हैं सरवाड उपखंड कि स्कुलो कि जहा स्कुलो कि हालात खराब हैं
जी मीडिया ने शनिवार को राज. बालिका उच्च प्राथमिक विधालय चकवी सरकारी स्कुल का निरीक्षण किया तो हालात चोकाने वाले मिले सुबह 11 बजे स्कूल के ताले लटके मिले स्कूल मे आवारा जानवर घुम रहे थे स्थानीय ग्रामीणों से बातचित कि तो उन्होंने कहा कि स्कूल मे 13 बच्चो का नामांकन हैं लेकिन मूश्किल से 3 या 4 बच्चे ही कभी कभार स्कूल जाते हैं
अभिभावकों ने अपने बच्चों का नामांकन चकवा व सरवाड करवा दिया हैं ग्रामीणों का मानना हैं कि स्कुल मे पढाई नही होती और माहोल भी अच्छा नही हैं यहा दो शिक्षिकाएं ओर एक शिक्षक कार्यरत हैं आपसी तालमेल के अभाव मे एव आए दिन शिकायतें मिलने के कारण एक शिक्षक को एपीऔ कर दिया गया
यहा कार्यरत स्टाफ नामांकन बढाने कि बजाए बिना पढाए ही फोगट कि तनख्वाह उठा रहा हैं लेकिन शिक्षा कि अलख जगाने वाला खुद शिक्षा विभाग कुम्भकणी नीद सोया हूआ हैं जिससे स्टाफ कि मोज हो रही हैं और ईसी के चलते स्कूल भी कभी कभार ही खुलता हैं लेकिन जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारी खामोश हैं कया ऐसे अपने नोनिहालो का भविष्य सवारेगे चकवी स्कुल के निरीक्षण के बाद मेरी समझ मे आया कि लोग अपने बच्चों को निजि स्कूल मे कयो पढाते हैं और कयो सरकारी स्कुलो का शिक्षा स्तर लगातार गिरता जा रहा हैं शिक्षा राज्य मत्री व अजमेर जिले के प्रभारी वासूदेव देवनानी प्रदेश मे शिक्षा के क्षैत्र मे क्रांति लाना चाहते ओर ईसके लिए प्रयास भी कर रहे हैं लेकिन उन्हीं के जिले मे स्कुलो का बटाधार हो रहा हैं और वो कुछ नही कर पा रहे हैं ऐसे मे राजस्थान कि स्कुलो मे कया कर पाएंगे ईसमे सशय हैं चकवी कि तरह सावर कहार मोहल्ले कि प्राईमरी स्कुल के भी यही हालात हैं शनिवार को सरपंच रगलाल भील ने स्कूल का निरीक्षण किया तो स्टाफ नदारद मिला ओर स्कूल के ताले लटके मिले

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