जयपुर, 13 जुलाई। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की महिलाओं और बालिकाओं को ई-साक्षर बनाने के साथ ‘डिजिटल राजस्थान’ की तर्ज पर तेजी से बढ़ाने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है। इससे आने वाले समय में राज्य की महिलाएं कहीं अधिक सक्षम और आत्मनिर्भर होंगी।
श्रीमती भदेल सोमवार को निदेशालय महिला अधिकारिता में अमृता आईटी ज्ञान केंद्र के तहत महिलाओं और बालिकाओं के लिए संचालित निशुल्क कम्प्यूटर बेसिक कोर्स प्रशिक्षण योजनान्तर्गत जुलाई-2015 बैच के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रही थीं। उन्होंने उपस्थित बालिकाओं और महिलाओं को संबोधित करते हुआ कहा कि आज का युग कम्प्यूटर और तकनीक का है, जो तकनीक के साथ चलेगा, उसके आत्मनिर्भर होने की संभावनाएं कहीं ज्यादा होंगी।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने कहा कि सभी केंद्रों पर प्रशिक्षणार्थियों के लिए बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू किया गया है। साथ ही प्रशिक्षणार्थी महिलाओं का डेटाबेस भी तैयार कराया जाएगा ताकि प्रशिक्षण का उन्हें आगे भी लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि प्रदेश की महिलाएं ज्यादा से ज्यादा ई-साक्षर हों ताकि उन्हें रोजगार के नए अवसर मिलें और वे आत्मनिर्भर बन सकें।
उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में आरएस-सीआईटी द्वारा जुलाई-2015 में राज्य के 1240 केंद्रों पर 15 हजार 266 महिलाओं और बालिकाओं को कम्प्यूटर का निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा आरकेसीएल के माध्यम से निशुल्क कम्प्यूटर बेसिक कोर्स प्रशिक्षण योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत आरएस-सीआईटी व डिजिटल सहेली कोर्स का प्रशिक्षण निशुल्क दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण सरकारी नौकरियों में मान्य रहेगा।
इससे पहले श्रीमती भदेल ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने प्रशिक्षण लेने आई बालिकाओं से बातचीत की और कम्प्यूटर तथा तकनीक की महत्ता भी बताई। साथ ही आरएस-सीआईटी के अधिकारियों से भी प्रशिक्षण संबंधी जानकारी ली।
कार्यक्रम में महिला प्रशिक्षणार्थियों के अलावा महिला अधिकारिता अतिरिक्त निदेशक डॉ. मुक्ता अरोड़ा, आरके-सीआईटी के प्रबंध निदेशक श्री रविंद्र शुक्ला समेत कई विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
