जयपुर, 26 जुलाई। रिलायंस जिओ अपनी ब्राडबैण्ड एवं वॉय फॉय सेवाओं के आगामी दिसंबर में कामर्शियल लांचिंग के साथ ही 4 जी एलटीई तकनीक वाले अपने ही ब्रांण्ड के हैण्डसैट भी बाजार में ला सकता है।
रिलायंस इण्डस्ट्रªीज के सयुंक्त मुख्य वित्तीय अधिकारी श्रीकान्त वैंकटाचारी ने मुंबई में शनिवार को कंपनी के जून वाले क्वार्टर के आंकडे़ जारी करते हुए कहा, ’’हम सभी प्रमुख हैण्डसैट बनाने वाली कंपनियों के संपर्क में हैं। हमारी खुद की रिटेल शाखा ’रिकनेक्ट’ इस समय हैण्डसैट सहित करीब सौ तरह के इलैक्ट ªªानिक उत्पाद बेच रही है और ऐसा कोई कारण नजर नहीं आता कि रिलायंस जिओ के साथ यह एसोसिएशन क्यो नहीं हो सकता।’’ उन्होंने इस बारे में अधिक जानकारी साझा करने से मना किया।
’’क्या रिलायंस जिओ अपनी खुद की उत्पादन इकाई लगाने का विचार रखती है’’, सवाल के जवाब में वैंकटाचारी ने कहा-’’हम सेवा प्रदाता रहना चाहते हैं, हैण्डसैट बनाने वाले नहीं।’’
रिलायंस जिओ के आयोजना एवं रणनीति प्रमुख अंशुमान ठक्कर ने बताया कि कंपनी ने 75 हजार टावरों पर अपना नेटवर्क खड़ा कर दिया है जिसमें 30 हजार टावर तो अपने हैं और बाकी दूसरे नेटवर्क के साथ अनुबंध पर हैं। आगामी दिसंबर में जब वाणिज्यिक सेवाओं का लांच होगा तब तक इनकी संख्या दुगनी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस नेटवर्क के माध्यम से देश की 80 प्रतिशत आबादी को अपनी सेवाओं से जोड़ दिया जाएगा और अगले तीन साल में हम पूरे देश को 4 जी की सेवाओं के दायरे में ले आएंगे।
उन्होंने कहा कि 4 जी इन्टरनेट सेवाओं की बीटा टेस्टिंग का काम देशभर में चालू है और अब नेटवर्क खड़ा करने की प्ररंभिक शर्तों को पूरा करने की सरकार से कोई और इजाजत लेने की आवश्यकता नहीं है क्यों कि रिलायंस को 2010 में जब स्पैक्ट ªम आवंटन हुआ था उसे पांच साल बीत चुके हैं।
वैंकटाचारी से पूछा गया कि रिलायंस जिओ परियोजना पर एक लाख करोड़ रूपए का निवेश कब पूरा हो जाएगा, तो उन्होंने कहा कि अधिकांश खर्चों का भुगतान हो चुका है। अब सरकार और कुछ ठेकेदारों को भुगतान करना है और अगले 2-3 क्वार्टर में उसे कर दिया जाएगा। ’’ हमने स्पैक्ट्रम लिया तब 15 हजार करोड़ रूपए का भुगतान हो गया था, कुल 35 हजार करोड़ का भुगतान करना है।
