आयुर्वेद दुनिया की सबसे प्राचीन एवं सटीक चिकित्सा पद्घति-वन

पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी की देशी नुस्खों की पुस्तक ‘देशी इलाज-एक घंटे से एक महीने मेंÓ का हुआ विमोचन
a2बीकानेर, 13 अगस्त। वन, पर्यावरण एवं खान मंत्री तथा जिला प्रभारी मंत्री राज कुमार रिणवा ने कहा कि आयुर्वेद दुनिया की
सबसे प्राचीन एवं सटीक चिकित्सा पद्घति है। महर्षि चरक, सुश्रुत और निघंटू जैसे ऋषि-मुनियों ने वर्षों के शोध के बाद जो
नुस्खे दिए, उनमें सभी प्रकार के रोगों को समूल नष्ट करने की शक्ति विद्यमान है।
रिणवा गुरूवार को वेटरनरी विश्वविद्यालय के सभागार में पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी द्वारा संकलित और प्रकाशित पुस्तक
‘देशी इलाज एक घंटे से एक महीने मेंÓ के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया आयुर्वेद का
लाभ उठा रही है, लेकिन हम दिनोदिन इससे दूर होते जा रहे हैं। बिगड़ी हुई दिनचर्या और देखादेखी की होड़ से आज नईं-नईं
बीमारियां पैदा हो रही हैं। उन्होंने कहा कि आज हम प्रकृति से विमुख हो रहे हैं। हमें इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने
गाय को देश की अर्थव्यवस्था की धुरी बताया तथा कहा कि गाय का दूध, दही, घी, म€खन, मूत्र तथा गोबर अनेक बीमारियों से
बचाता है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने विज्ञान को धर्म से जोड़कर जो-जो मान्यताएं दीं, वे हमारे लिए बेहद लाभदायक हैं,
हमें उनकी पालना करनी चाहिए।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि प्रकृति द्वारा प्रदत्त प्रत्येक पेड़-पौधे में औषधीय गुण विद्यमान है, इसे ध्यान में रखते हुए वन
विभाग द्वारा प्रदेश भर में फलदार, फूलदार और औषधीय पौधे प्राथमिकता से रोपित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब ये
पौधे तैयार हो जाएंगे तो प्रदेश में एक क्रांति आ जाएगी। उन्होंने आमजन से एलोपैथी की बजाय आयुर्वेद की ओर लौटने का
आह्वान किया।
पुस्तक को बताया ‘अनमोलÓ
रिणवा ने पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘देशी इलाज-एक घंटे से एक महीने मेंÓ को अनमोल
बताया। उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री द्वारा अब तक शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर आयोजित करके आमजन को देशी नुस्खों
की जानकारी दी जाती थी, अब पुस्तक रूप में प्रकाशित होने से हजारों लोगों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में
बताए गए नुस्खों की सभी वस्तुएं सुगमता से उपलŽध होने वाली हैं तथा इनसे जटिल से जटिल बीमारी का निदान संभव है।
संवित सोमगिरि ने कहा कि आजादी से पहले अंग्रेजों ने षडय़ंत्रपूर्वक देश की सभ्यता, संस्कृति, उद्योग, भाषा,
चिकित्सा तथा शिक्षा की अनमोल धरोहर में विष बीज बो दिए, लेकिन आजादी के बाद भी हम इस बुराई की गिरफ्त से निकल
नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम मातृभ€ित तथा संस्कृति भक्ति को पुन: जागृत करें तथा स्वदेशी
चिकित्सा पद्घति की ओर लौटें, तभी भारत फिर से विश्वगुरू बन पाएगा। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक आमजन में विराट चेतना
जागृत करने का कार्य करेगी।
पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी ने कहा कि हमार े ऋषि-मुनियों ने शून्य खर्च आधारित अर्थव्यवस्था की परिकल्पना की।
पाश्चात्य प्रभाव से यह परिकल्पना धीरे-धीरे प्रभावित होने लगी। इसी का परिणाम है कि आज हम ऐलोपैथी पर निर्भर हो गए
हैं। उन्होंने कहा कि हमारी रसोई किसी रसायनशाला से कम नहीं है। इनके माध्यम से हम छोटी-मोटी बीमारी घर बैठे ही दूर
भगा सकते हैं। उन्होंने राजीव दीक्षित द्वारा स्वदेशी के प्रोत्साहन के लिए किए गए कार्यों की सराहना की तथा रिफाइंड तेल,
एल्यूमीनियम बर्तनों तथा चीनी आदि के दुष्प्रभाव बताए।
जुकाम हो तो, कान में डालें रूई
इस अवसर पर देवी सिंह भाटी ने अनेक घरेलू नुस्खे तथा इनसे होने वाले लाभ की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि
यदि जुकाम हो जाए तो दोनों कानों में रूई डाल लें, जुकाम शीघ्र ठीक हो जाएगा। यदि किसी को बस में उल्टियां आती हों तो
सीट पर अखबार बिछा कर बैठ जाएं। यदि हिचकियां आएं तो कान में अंगुलियां डालने से हिचकियां बंद हो जाएंगी। उन्होंने
कहा कि गाय का दूध इस दुनिया में साक्षात अमृत है। उन्होंने बताया कि बासी थूक प्रतिदिन सुबह आंखों में काजल की भांति
डालें, आंख के सभी रोग दूर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि तुलसी के पत्ते गुणों की खान हैं, इससे बुखार से लेकर कैंसर जैसे
अनेक गंभीर रोगों से लडऩे की ताकत है। उन्होंने अनेक लोगों को बताए गए नुस्खों की जानकारी दी तथा इनसे लाभ पाने वाले
लोगों के अनुभव बताए।
बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ गोपाल जोशी ने कहा कि यह पुस्तक आमजन के लिए मील का पत्थर
साबित होगी। उन्होंने लोगों को इन नुस्खों का अधिक से अधिक उपयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि महान् ऋषि-
मुनियों ने प्रकृति का अध्ययन करके पद्घति विकसित की, उनका संकलन इस पुस्तक में किया गया है। खाजूवाला विधायक डॉ
विश्वनाथ ने आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा कि यह पुस्तक हमारी पुरातन चिकित्सा पद्घति को जीवंत रखने का प्रयास है।
उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री भाटी द्वारा बताए गए नुस्खों से अनेक लोगों को प्रत्यक्ष लाभ हुआ है।
इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन तथा पुस्तक का विमोचन किया। पूर्व सरपंच
रामकिसन आचार्य ने आगंतुकों का आभार जताया। इस अवसर पर मंच पर वैद्य भंवर लाल आचार्य, डॉ बी.के.शर्मा, महापौर
नारायण चौपड़ा, उपमहापौर अशोक आचार्य सहित अनेक लोग मौजूद थे। वरिष्ठ पत्रकार शुभू पटवा ने भी आयुर्वेद और पुरातन
चिकित्सा पद्घति पर अपने विचार व्य€त किए।
कार्यक्रम में विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत, लोकेन्द्र सिंह कालवी, पूर्व महापौर भवानी शंकर शर्मा,
जनार्दन कल्ला, प्रधान राधा देवी सियाग, हनुमानगढ़ के पार्षद महादेव भार्गव,जयवीर सिंह, वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति
डॉ ए.के. गहलोत, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ आर.ए. बंब, भाजपा शहर जिलाध्यक्ष विजय आचार्य, देहात अध्यक्ष राम गोपाल
सुथार, सुमित गोदारा, सुनील बांठिया सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक मौजूद थे।संचालन ज्योति प्रकाश रंगा ने किया।
हॉल के बाहर एलइडी से हुआ प्रसारण
पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान सभागार खचाखच भर गया तथा सभागार से बाहर बड़ी सं•या में लोग मौजूद थे।
इन लोगों के लिए कार्यक्रम के सीधे प्रसारण के लिए सभागार से बाहर एलइडी स्क्रीन्स की व्यवस्था की गई। मंच से संबोधित
करने वाले वक्ताओं ने अपने वक्तव्य में सभागार में मौजूद लोगों के साथ-साथ बाहर बैठे लोगों को भी संबोधित किया।
प्रभारी मंत्री को सौंपे ज्ञापन
इस अवसर पर प्रभारी मंत्री को अनेक संगठनों ने ज्ञापन सौंपे। एकीकृत महासंघ और आइजीएनपी संयु€त संघर्ष
समिति ने भंवर पुरोहित के नेतृत्व में नहर विभाग में मशीनों का निजीकरण रोकने, फव्वारा पद्घति को प्रोत्साहित करने,
इंजीनियरिंग कॉलेज में संविदा कर्मियों को समायोजित करने, वन विभाग के कर्मचारियों के ग्रेड पे रिवाइज करने सहित विभिन्न
समस्याओं के निराकरण की मांग की। इस अवसर पर कमल अनुरागी, अरूण बैद, नरेन्द्र आचार्य, लेखराज सहारण सहित अन्य
पदाधिकारी मौजूद थे।

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