राजसमन्द। साध्वी सुहृदय गिरि परमानन्द ने कहा की क्रोध पर नियंत्रण करके जीवन को नियंत्रित कर सकते हें। जब क्रोध पर नियंत्रण हो जाएगा तो व्यक्ति से अपराध नही होगा क्योंकि जो भी अपराध होता हे वह क्षणिक आवेश की वजह से ही होता हे। रक्षा बन्धन के अवसर पर वात्सल्य परिवार द्वारा जिला कारागृह में आयोजित उद्बोधन कार्यक्रम में बोलते हुए साध्वी सुहृदय ने कहा की प्रायश्चित समय को ध्यान, योग और साधना के साथ बिता कर अपने आप को परिवर्तित करे, जो बीत गया उसे भुलाकर एक नए रूप में समाज के सामने जाएँ। कारागृह से निकलने के बाद इस परिवर्तित रूप का सम्पूर्ण समाज स्वागत करेगा। साध्वी ने कहा की हिंसा, आवेश और अपराध की प्रवृति से स्वयम् के साथ ही परिवार, समाज और राष्ट्र को भी इसका परिणाम भुगतना पड़ता हे इसलिए यँहा से जब भी जाए इस संकल्प के साथ जाएँ कि जीवन में फिर कभी ऐसा अवसर नही आने देंगे जिससे परिवार और समाज को उनकी वजह से शर्मिंदा होंना पड़े। कार्यक्रम को आर्ट ऑफ़ लिविंग के सम्पत लड्ढा, राकेश गौड़, हेमेन्द्र खत्री, वात्सल्य सहयोग एक पवित्र संकल्प के संयोजक मधुप्रकाश लड्ढा ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर वात्सल्य परिवार के कैलाश माली, राधा गौड़, रवि कावड़िया, भगवती अजमेरा आदि कार्यकर्त्ता उपस्थित थे।
