लाभ बकाया होने की दिनांक से ब्याज सहित भुगतान के आदेश

छठे वेतन आयोग के अनुसार वेतन स्थिरीकरण कर अन्तर राशि का भुगतान, उपदान की राशि एवं बकाया उपार्जित अवकाश के नकदीकरण का लाभ बकाया होने की दिनांक से ब्याज सहित भुगतान के आदेश
(राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर का मामला)

jaipur newsजयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर ने अप्रार्थी संस्था प्रबन्ध समिति, प्राज्ञ महाविद्यालय, बिजय नगर, जिला-अजमेर (राज.) को आदेश दिया कि वे प्रार्थी तेजराज गादिया को राजस्थान सिविल सर्विसेज रिवाईज पे स्केल रूल्स, 2008 के अनुसार वेतन स्थिरीकरण के उपरान्त वेतन की अन्तर राशि का नकद भुगतान करेगें एवं तत्पश्चात् बडे़ हुये महंगाई भत्ते की अन्तर राशि एवं अन्तिम वेतन के आधार पर उपदान की राशि का भुगतान करेगें तथा प्रार्थी के खाते में सेवानिवृŸि की दिनांक को बकाया उपार्जित अवकाश के नकदीकरण का लाभ भी देगें तथा अप्रार्थी संस्था उक्त सम्पूर्ण बकाया राशि पर बकाया होने की दिनांक से भुगतान किये जाने की दिनांक तक 06 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से ब्याज भी प्रार्थी को अदा करेगी। उल्लेखनीय है कि प्रार्थी तेजराज गादिया की नियुक्ति दिनांक 25.07.1974 को व्याख्याता के पद पर सम्पूर्ण विधिक प्रक्रिया अपनायी जाकर अप्रार्थी संस्था में हुई। अप्रार्थी संस्था राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त होते हुए 80 प्रतिशत से अधिक अनुदान प्राप्त करती है। प्रार्थी की स्वैच्छिक सेवानिवृŸि दिनांक 08.11.2008 को हुई। तत्पश्चात् प्रार्थी द्वारा उक्त लाभ देने हेतु अप्रार्थी संस्था से बार-2 निवेदन किया गया परन्तु अप्रार्थी संस्था ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। तत्पश्चात् प्रार्थी ने जरिये अधिवक्ता डी. पी. शर्मा के माध्यम से प्रार्थना पत्रा प्रस्तुत कर उक्त लाभ अप्रार्थी संस्था से दिलाने के लिए माननीय अधिकरण से निवेदन किया। प्रार्थी के अधिवक्ता डी.पी.शर्मा का तर्क था कि प्रार्थी की नियुक्ति अनुदानित पद के विरूद्ध हुई है तथा राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम 1989 की धारा 29 एवं नियम, 1993 के नियम 34 में मौजूद प्रावधानों के अनुसार समान पदों पर कार्यरत अनुदानित गैर सरकारी मान्यता प्राप्त शैक्षिक संस्थाओं के कर्मचारी भी उसी प्रकार वेतन एवं भत्ते प्राप्त कर सकते थे जो राज्य सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों को दिये गये। मामले की सुनवाई के पश्चात् अधिकरण ने उक्त सभी लाभ बकाया होने की दिनांक से ब्याज सहित भुगतान करने के आदेश अप्रार्थी संस्था को दिये।

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