महिला अत्याचारों एवं दलितों की भूमि समस्याओं पर राज्य स्तरीय जनसुनवाई

IMG_0582जयपुर, 31 दिसंबर, 2015। *’दलित अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने वाला
प्रहरी’ दलित अधिकार नेटवर्क, राजस्थान की ओर से गुरुवार को पंत कृषि भवन में
राज्य स्तरीय जनसुनवाई का आयोजन किया जा रहा है। इसमें एक्शन एड, जय भीम विकास
शिक्षण संस्थान सहयोगी संस्थाओं के रूप में दलितों की जनसुनवाई में सहयोग कर
रही हैं। जनसुनवाई में श्री राजस्थान उच्च न्यायलय के पूर्व न्यायाधीश
पानाचंद जैन, आर.के.आकोदिया, रिटायर्ड जिला न्यायाधीश, रिटायर्ड चीफ
ज्युडीसरी मजिस्ट्रेट, श्री जे.पी.विमल, रिटायर्ड
आई.ए.एस.अधिकारी, श्री गोपालदास, रिटायर्ड आर.ए.एस. अधिकारी, श्री गोपाल
केसावत, अध्यक्ष, घुमंतु अर्ध घुमंतु विमुक्तु कल्याण बोर्ड जयपुर, श्री
विजया लक्ष्मी, महिला जनवादी सामाजिक कार्यकर्ता, श्री तुलसीदास राज,
राज्य संयोजक, दलित अधिकार नेटवर्क राजस्थान ज्यूरी मेम्बर के तौर पर
उपस्थित रहेंगे। जनसुनवाई में दलित महिला अत्याचारों,
दलित अत्याचारों और दलितों के भूमि अधिकार प्रकरणों पर सुनवाई की जाएगी।
राज्य भर में आज भी छूआछूत के नाम पर दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं। यह
सिलसिला ग्रामीण अंचल में आज भी अधिकाधिक तौर पर जारी है। गांवों में दलितों
के शोषण और उनके साथ हो रहे अमानवीय अत्याचारों से पुलिस रिकॉर्ड भरे हुए हैं।
देश में इनके संरक्षण और सुरक्षा के लिए कानून बन जाने के बावजूद इन पर
अत्याचारों में कमी नहीं आई है। देश-प्रदेश में दलित महिलाओं को बहुत ही हीन
दृष्टि से देखा जाता है तथा मनुवादी मानसिकता के लोग दलित समुदाय के लोगों को
दबाकर रखना चाहते हैं दलित आज भी सामन्ती दबंगों की गुलामी झेल रहे हैं और आये
दिन दलितों पर शोषण व अत्याचार की घटनाएं होती जा रही है और पीडि़त दलितों की
पुलिस-प्रशासन द्वारा सुनवाई नहीं की जाती है और उल्टा दलितों कीे ही पुलिस
प्रशासन झूठे मामलों में फंसाने में लगी है। इस क्षेत्र में दलित के साथ
अत्याचार की घटनाऐं आम बात है महिलाओं के साथ मारपीट करना व बलात्कार करना आम
बात है यहां पर दलित के साथ छुआछूत व्यापक स्तर पर किया जाता है। और दलित
महिलाओं कि स्थिति बहुत ही दयनीय है। प्रदेश में दलित के साथ छुआछूत काफी बड़े
स्तर पर होती है। इसी के चलते दलित अधिकार नेटवर्क की स्थापना की गई थी, जो
लगातार इस तरह के प्रकरणों पर जनसुनवाई करती है और दलितों को न्याय दिलाने के
लिए प्रयासरत है।

इस जनसुनवाई के दौरान एक कमिटी बनाई गयी, जिसमे सेवानिवृत्त आई ए एस जे
पी विमल, गोपालदास, आर के अकोदिया, विजयलक्ष्मी और तुलसीदास को शामिल
किया गया है. यह कमेटी घुमंतू प्रजाति के लोगो के जाति प्रमाण पत्र बनने
में आ रही परेशानी की जांच करेगी. साथ ही सरकारी स्कूलों में मिड डे मिल
पर भेदभाव की भी जांच करेगी.

*ऐसे ही कुछ दिल दहला देने वाले प्रकरणों का विवरण इस प्रकार है :*
*1. दलित नाबालिक छात्रा का डरा-धमकाकर, लैगिंग शोषण करना व आरोपियों द्वारा
प्रताडि़त करना -*
जोधपुर के दईकड़ा गांव की बालिका रेखा मेघवाल के साथ छेड़छाड़ की शुरूआत कक्षा
10 में ही हो गई थी। झूमरराम जाट ने रेखा के साथ छेड़छाड़ की थी। आरोपी श्रवण
जाट और शोभाराम मेघवाल पीडि़ता का लैगिंग शोषण करता आ रहा था तथा पीडि़ता अपने
साथ हो रहे प्रकरण के बारे में किसी को नहीं बताये इसके लिए डराता-धमकाता था।
मोबाइल में रेखा के फोटो दिखाकर उसे ब्लेकमेल करते रहते थे। इस तरह डरा धमकाकर
आरोपी उसका शोषण करते रहे।
*अब तक इस प्रकरण में हुई कार्यवाही:- *
प्रकरण में दलित अधिकार नेटवर्क, राजस्थान ने तुरन्त एक फैक्ट-फाइंडिंग टीम का
गठन कर घटना-स्थल का दौरा कर साक्ष्य जुटाये व पीडि़त परिवार से मिल कर घटना
के बारे में जानकारी हासिल की व पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ घटना
के बारे में बातचीत की। राज्य दलित संदर्भ केन्द्र, जयपुर ने प्रकरण की
गम्भीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन का इस घटना की तरफ ध्यान आकर्षित करने
के लिए शिकायती-पत्र जारी किये गये। प्रकरण में पीडि़त परिवार की तरफ से पुलिस
ने एफ.आई.आर. 228/2015 दिनांक 30/09/2015 दर्ज कर ली गई है। प्रकरण में जांच
विचाराधीन है।

*2. मिड डे मिल में थाली को स्पर्श करने पर दलित छात्र के साथ मारपीट*
जोधपुर के बैरड़ों का बास निवासी 7 वर्षीय दिनेश मेघवाल के साथ उसी के स्कूल
के शिक्षक हेमाराम जाट और रसोइया हनुमान जाट ने स्कूल में बन रहे मिड डे मील
के भोजन के लिए रखी गई सवर्णों की थाली को हाथ लगा लिया और उसी में भोजन करने
लगा तो शिक्षक और रसोइये ने अन्य छात्रों के साथ मिलकर छात्र की बुरी तरह
पिटाई की, जिससे वह बेहोश हो गया और उसे गंभीर चोट भी आई। पीडि़त दिनेश मेघवाल
ने रोते-रोते स्वंय के साथ बीती सारी घटना अपने पिताजी को बताई। पीडि़त छात्र
दिनेष मेघवाल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र औंसियां लेकर भर्ती करवाया और
प्रकरण को औंसियां थाने में दर्ज करवाया। दिनांक 2/10/2015 को पीडि़त छात्र
दिनेष मेघवाल को उम्मेद अस्पताल जोधपुर रैफर कर दिया गया जहां पर पीडि़त छात्र
का इलाज काफी समय तक चला। पीडि़त छात्र के कान पर थप्पड़ मारने से कान से कम
सुनाई देने लगा है तथा विद्यालय में जाने से डरने लगा।
*अब तक इस प्रकरण में हुई कार्यवाही:- *
प्रकरण में दलित अधिकार नेटवर्क, राजस्थान ने तुरन्त एक फैक्ट-फाइंडिंग टीम का
गठन कर घटना-स्थल का दौरा कर साक्ष्य जुटाये व पीडि़त परिवार से मिल कर घटना
के बारे में जानकारी हासिल की गई व पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ
घटना के बारे में बातचीत की गई। राज्य दलित संदर्भ केन्द्र, जयपुर ने प्रकरण
की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन का इस घटना की तरफ ध्यान आकर्षित
करने के लिए शिकायती-पत्र जारी किये गये। प्रकरण में पीडि़त परिवार की तरफ से
पुलिस ने एफ.आई.आर. 181/2015 दिनांक 01/10/2015 दर्ज कर ली गई है तथा आरोपी
शिक्षक को शिक्षा विभाग ने ए.पी.ओ. कर दिया। प्रकरण में जांच विचाराधीन है।

*3. कालबेलिया परिवारों के अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र न होने का प्रकरण*
जैसलमेर के बड़ली नाथूसर निवासी गुलाबनाथ कालबेलिया समुदाय से है। कालबेलिया
समुदाय के बहुत से लोगो के पास अपने अनुसूचित जाति के अन्तर्गत होने का प्रमाण
पत्र भी नहीं है। कालबेलिया समुदाय के लोग अपने दलित घुमन्तु होने पर मिलने
वाले अधिकार व कल्याणकारी योजनाओं से वंचित है। प्रार्थी गुलाबनाथ अपने
समुदाय के बड़े परिवार के साथ रहता है जहां कालबेलिया समुदाय काफी संख्या में
निवास करते हैं। कालबेलिया समुदाय से होते हुए भी इन सभी के पास अनुसूचित जाति
होने का प्रमाण पत्र नहीं है। भारतीय संविधान भी इनको प्रमाण पत्र देने से नही
रोकता और उसमें भी अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगो के लिए विशेष अनुच्छेद हैैं।
गुलाबनाथ द्वारा जाति प्रमाण पत्र बनवाने का प्रयास करने पर भी पटवारी व
तहसीलदार द्वारा प्रार्थी को कोई जवाब नहीं देते हुए अब तक अनुसूचित जाति
प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है।
*अब तक इस प्रकरण में हुई कार्यवाही*
राज्य दलित संदर्भ केन्द्र, जयपुर ने प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए प्रषासन
का इस समस्या की तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए शिकायती-पत्र जारी किये गये।
दलित अधिकार नेटवर्क, राजस्थान द्वारा इस प्रकरण में पुलिस व प्रशासनिक
अधिकारियों को पत्र जारी किये गये।

*4. दलित (खटीक) समाज की कृषि भूमि कब्जा कर मारपीट करने का प्रकरण*
भीलवाड़ा के राजाजी का करेड़ा गांव के निवासी सरजूदास, बालकदास, छितरमल पुत्र
पीरचन्द बणवट, सत्यनारायण लढ़ा पुत्र लालाराम लढ़ा, गोपाल महात्मा पुत्र
रिखबदास महात्मा, कुन्दन सिंह पुत्र इन्द्रसिंह चुण्डावत, भंवरसिंह चुण्डावत
पुत्र सुमेरसिंह चुण्डावत, नन्दा कुमावत आदि ने खटीक समाज के 30 परिवारों की
कृषि भूमि पर कब्जा कर रखा है। दिनांक 07/07/2015 को आरोपियों ने खटीक समाज के
खेतों में खड़ी फसल व हरे पेड़ों को जे.सी.बी. द्वारा तहस-नहस व नष्ट कर दिया।
उक्त घटना की पीडि़त परिवारों ने पुलिस थाना करेड़ा में प्रकरण दर्ज है जिसका
नम्बर 127/15 दिनांक 15/07/2015 दर्ज है तथा पुलिस प्रषासन पीडि़तों को धमकाकर
दबाव बनाया जा रहा हैं। इस आशय की रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक भीलवाड़ा को प्रेषित
की गई जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
*अब तक इस प्रकरण में हुई कार्यवाही:- *
उक्त घटना की पीडि़त परिवारों ने पुलिस थाना करेड़ा में प्रकरण दर्ज है जिसका
नम्बर 127/15 दिनांक 15/07/2015, धाराएं 143/447/427/504 भा.द.सं. तथा
3(1)(10) अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत मामला
दर्ज है तथा पुलिस प्रशासन पीडि़तों को धमकाकर पीडि़तों पर दबाव बना रहे हैं।
इस आशय की रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक भीलवाड़ा को प्रेषित की गई जिस पर अभी तक कोई
कार्यवाही नहीं की गई है।
दलित अधिकार नेटवर्क,राज./राज्य दलित संदर्भ केन्द्र, जयपुर द्वारा इस प्रकरण
में शिकायती पत्र जारी किये गये। तथा इन पत्रों को प्रेषित करने के बाद
पुलिस-प्रशासन द्वारा मामले को गम्भीरता से लिया।

error: Content is protected !!