प्रदेश भर में एस्को मॉडल पर चलेंगे सभी पंप सैट

अजमेर को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में किया जाएगा तैयार
IMG_20160317_155505जयपुर, 17 मार्च। जलदाय मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी ने प्रदेश भर के पंप सैटों को एस्को (एनर्जी सेविंग परफोर्मेंस कॉन्ट्रेक्टर) मॉडल से जोड़ने के लिए भारत सरकार के एनर्जी एफिशिएंसी सर्विस लिमिटेड (ईईसीएल) के अधिकारियों के साथ बातचीत की और आवश्यक निर्देश दिए।
श्रीमती माहेश्वरी विधानसभा परिसर में हुई बैठक में कहा कि एस्को मॉडल के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए हमने अजमेर शहर और ग्रामीण क्षेत्र को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में चुना। एनर्जी एफिशिएंसी सर्विस लिमिटेड के अधिकारियों ने पूरे अजमेर जिले के पुराने पानी के पंपसैटों की स्थिति, पानी के हैड और डिसचार्ज की बेसलाइन सर्वे किया।
जलदाय मंत्री ने बताया कि ईईसीएल ने अजमेर के ग्रामीण क्षेत्र में 10 वर्ष से ज्यादा पुराने 19 पंपिंग स्टेशनों के 78 पंप सैटों में 57 पंपों का ऑडिट किया, जिसमें से 49 पंप सैटों को बदलने की आवश्यकता बताई। वहीं शहरी क्षेत्र में 3 पंपों को बदलने की जरूरत बताई। ईईसीएल द्वारा किए सर्वे में बताया गया कि पुराने पंपों से जहां साल भर में 25.65 मिलियन यूनिट खर्च हो रही है, वहीं एस्को के बाद 20.22 मिलियन यूनिट ही विद्युत खर्च होगी। नतीजतन प्रति वर्ष 21.17 प्रतिशत बिजली बचेगी, जिससे 3.26 करोड़ रुपए की सालाना बचत हो सकेगी और इस बिजली बचत से प्रदेश भी बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की ओर अग्रसर होगा।
श्रीमती माहेश्वरी ने पूरे अजमेर जिले के सभी पंपसैटों को एस्को मॉडल पर शीघ्र चालू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस काम के लिए अप्रेल माह में टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने उदयपुर शहर और जिला, बीकानेर शहर और जिला, कोटा शहर और जिला, जोधपुर जिला और भरतपुर जिला, जयपुर शहर और जिला और आपणी योजना के तहत आने वाले सभी क्षेत्रों की बेसलाइन का सर्वे कराने और सभी जिलों में नोडल अधिकारी नियुक्त करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में सचिव श्री सुबीर कुमार, ईईसीएल के वरिष्ठ अधिकारी और विभाग के मुख्य अभियंतागण व अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
क्या है एस्को मॉडल
प्रदेश के 10 साल पुराने और सालाना पांच करोड़ से ज्यादा बिजली खर्च करने वाले पंप हाउसों को एस्को (एनर्जी सेविंग परफोर्मेंस कॉन्ट्रेक्ट) मॉडल पर जोड़ने के लिए निजी कंपनियों से निविदाएं आमंत्रित कर नई तकनीक के पम्प लगाने और उनका संधारण कर संबंधित वाल्व, स्काडा, सिस्टम पैनल्स आदि बदलने का कार्य करवाकर विद्युत बिलों की बचत में हिस्सेदारी प्रस्तावित की जाती हैं। योजना के तहत निजी फर्म पम्प हाउसों पर कम ऊर्जा खपत वाले मोटर लगाकर बिजली की बचत करेंगी, जिसके जरिए लाभांश कमाएगी।

error: Content is protected !!