वन विभाग में कुछ हिस्सा होने के कारण आवासो का निर्माण नहीं हो रहा

IMG-20160520-WA0012फ़िरोज़ खान बारां, ( राजस्थान ) ।किशनगंज ब्लॉक की ग्राम पंचायत पिंजना में अधिकांश समुदाय खेरूआ जाती का निवास करता है । गांव के लालाराम व् कंवरलाल ने बताया कि इंद्रा आवास के लगभग 147आवास स्वीक्रत है । लेकिन वन विभाग में कुछ हिस्सा होने के कारण आवासो का निर्माण नहीं हो रहा है । इस कारण लोग परेशान है । यही नही किशनगंज व् शाहबाद में अधिकांश सहरिया, भील, खेरूआ, व् अन्य लोग कई वर्षो से वन भूमि पर बसे हुए है । इस कारण आवास बनाने के दौरान वन विभाग की और से आपत्ति की जाती रही है । जबकि वनाधिकार के तहत सभी को पटटे भी जारी कर दिए है । लोगो ने बताया कि पीजना में पंचायत भवन समेत अन्य भवनों के निर्माण में परेशानी आ रही है । लोगो ने बताया कि इस गांव की जनसंख्या 1835 है । और गांव में कुछ लोग तो आबादी में बसे हए है, और कुछ लोग वन भूमि पर बसे है । जहाँ जिनको जगह मिली वहीँ बस गए इनको क्या पता है, कि कोनसी वन भूमि और कोनसी आबादी है । इस कारण कई लोगो को तो लाभ मिल रहा है । और कई वंचित है । इसमें इन लोगो की क्या गलती है । जबकि राज्य सरकार के द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि राजस्थान में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारो को ( बीपीएल परिवार ) को राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त समस्त सुविधाओँ को कथौडी जनजाति एवं बारां जिले की शाहाबाद व् किशनगंज तहसील में निवास करने वाले सहरिया परिवारो के व्यक्तियो को भी उपलब्ध करवाया जावे । यह आदेश राजस्थान सरकार जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग ने 25.10.2015 को निकाले थे । उसके बाद भी इनको बीपीएल का लाभ नहीं मिल रहा है । जबकि 2002 के सर्वे की सूची के अनुसार पीजना से करीब 350 परिवार बीपीएल है । अभी गत दिनों बारां जिले के दौरे पर आयी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समक्ष भी इन लोगोँ ने सहरिया समुदाय के समान लाभ देने की मांग रखी थी । उसके बावजूद भी यह लाभ से वंचित है । यही नही जानकारी के अनुसार बारां जिले के समस्त गांवों में सबसे ज्यादा बीपीएल इसी गांव के लोग है, उसके बाद भी इनकी उपेक्षा हो रही है । गांव में स्कूल , उप स्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाड़ी केंद्र, बस्ती में सीसी रोड ,हेण्डपम्प, बिजली, राशन डीलर की दुकान, सब कुछ होने के बाद भी इस गांव को वन भूमि पर बताना आश्चर्य की बात है । इस सम्बन्ध में ग्राम पंचायत के ग्राम सेवक निर्मल ने बताया की जो लोग वन भूमि पर बसे हुए है, उनको वनाधिकार समिति में दावे प्रस्तुत करने चाहिए । वन भूमि पर बसे होने के कारण इनको इंद्रा आवास का लाभ नही मिल रहा है जैसे ही ऑनलाइन क्लिक करते है तो यह गांव पर वन विभाग लिखा आता है । यही नहीं गुरुवार को पंचायतराज मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने मिनी सचिवालय में पंचायत राज से जुड़े अधिकारियों की बैठक ली थी ,उसमे में भी क्षेत्रीय विधायक ललित मीणा ने सहरिया व् खेरूआ समाज के लोगो की समस्या को प्रमुखता से रखा था । लोगो ने बताया कि इस गांव को आबादी में तब्दील करने के लिए जिला प्रसाशन, क्षेत्रीय विधायक से भी मांग की जा चुकी है ।

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