सूचना के अधिकार आन्दोलन की स्मृति में एक शिलालेख के अनावरण का कार्यक्रम

Invitation 26-05-2016फ़िरोज़ खान बारां, जयपुर । ( राजस्थान ) 25 मई । बड़े ही हर्ष के साथ हम आपको सूचित कर रहे हैं कि ब्यावर शहर के नागरिकों के साथ मिलकर मजदूर किसान शक्ति संगठन 26 मई, 2016 को ब्यावर (अजमेर, राजस्थान) में सूचना के अधिकार आन्दोलन की स्मृति में एक शिलालेख के अनावरण का कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. जैसा कि आप जानते हैं, 1996 में ब्यावर में हुए 40 दिनों के ऐतिहासिक धरने ने ही देश में सूचना के अधिकार आन्दोलन को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया और इसी धरने के बाद सूचना के जन अधिकार के राष्ट्रीय अभियान (NCPRI) का जन्म हुआ. एक ऐसे दौर में जब सूचना के अधिकार की कोई चर्चा कहीं नहीं होती थी तब ब्यावर शहर ने सूचना अधिकार आन्दोलन को पुरजोर तरीके से आगे बढाने में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. 2001 में सूचना के जन अधिकार के राष्ट्रीय अभियान का पहला अधिवेशन भी ब्यावर में ही हुआ और उसके बाद भी हमेशा ब्यावर शहर सूचना के अधिकार आन्दोलन को समय-समय पर बल देता रहा.

ब्यावर का यह योगदान अतुलनीय रहा है और इसे पूरे विश्व में सराहा भी गया है.

यह बड़े ही हर्ष और गौरव का विषय है कि पिछले साल ब्यावर नगर परिषद् ने एक प्रस्ताव लेकर सूचना के अधिकार के पहले संघर्ष के साक्षी रहे ब्यावर के चांग गेट पर सूचना के अधिकार आन्दोलन की स्मृति में एक शिलालेख स्थापित करने का निर्णय लिया.

पिछले साल ही 12 अक्टूबर, 2015 को सूचना के अधिकार कानून के 10 साल पूरे होने पर, भारत के प्रथम मुख्य सूचना आयुक्त रहे श्री वजाहत हबीबुल्लाह के कर-कमलों द्वारा इस शिलालेख का शिलान्यास किया गया था.

सूचना के अधिकार आन्दोलन के ब्यावर में हुए इस पहले संघर्ष के 20 साल पूरे होने पर आगामी 26 मई, 2016 को सांय 06:00 बजे इस शिलालेख का अनावरण जस्टिस सुरेन्द्र नाथ भार्गव (पूर्व मुख्य न्यायाधीश, सिक्किम उच्च न्यायालय) द्वारा किया जायेगा. साथ ही श्री श्रीधर आचार्युलू (सूचना आयुक्त, केंद्रीय सूचना आयोग) भी इस अवसर पर विशेष अतिथि होंगे. इस अवसर पर ब्यावर शहर और पूरे राजस्थान के कई इलाकों के सूचना अधिकार आन्दोलन से जुड़े कई नागरिक और प्रबुद्ध जन इस उत्सव में शामिल होंगे.

हम इस निमंत्रण के ज़रिये आपसे आग्रह करते हैं कि आपके और हम सबके इस सामूहिक महोत्सव में हिस्सा ज़रूर लें. हम उम्मीद करते हैं कि इस कार्यक्रम के ज़रिये हम ब्यावर शहर और बल्कि पूरे राजस्थान को प्रशासनिक पारदर्शिता के एक उल्लेखनीय उदहारण के तौर पर स्थापित करने के तरीकों पर विचार कर पाएंगे और साथ ही गीत-संगीत, नाटक और अन्य तरीकों से हमारे सूचना के अधिकार का जश्न मनाएंगे.

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