अच्छे मानसून के आसार देख सरकार ने विभाग को परंपरागत स्रोतों के जीर्णोद्धार की दी जिम्मेदारी।
जयपुर, 4 जून। राज्य में अच्छे मानसून की संभावना को देख सरकार भी जल सरंक्षण के प्रति पूरी तरह तैयार नजर आ रही है। इसी कड़ी में प्रदेश की मुख्यमंत्री श्रीमती वसंुधरा राजे ने जलदाय विभाग को निर्देश दिए हैं कि विभाग प्रदेश के कुएं, बावडि़यों का सर्वे और चयन कर उनकी मरम्मत, पुनरोद्धार और जीर्णोद्धार करने का जिम्मा उठाए।
प्रमुख शासन सचिव श्री जेसी महान्ति ने बताया कि निर्देशानुसार विभाग प्रदेश के पंरपरागत स्रोतों का विभाग सर्वे करवाएगा, साथ ही रूफ रेन हार्वेस्टिंग के प्रति भी लोगों को जागरूक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस काम में लोगों का जुड़ाव और भागीदारी रहे इसके लिए समाजसेवी संस्थाओं, धार्मिक संगठनों, गैर सरकारी संस्थाओं और दान दाताओं की मदद भी ली जाएगी।
श्री महान्ति ने कहा कि प्रदेश में अच्छे मानसून की संभावना है। यदि प्रदेश के कुए, बावड़ी और परंपरागत जल स्रोत दुरुस्त रहते हैं तो बारिश के जल को अधिकाधिक मात्रा में संरक्षित किया जा सकेगा। इससे न केवल भूजल के स्तर में सुधार होगा बल्कि पानी की गुणवत्ता भी सुधरेगी। उन्होंने कहा कि विभाग जल्द अभियान चलाकर ऐसे पारंपरिक स्रोतों का पता लगाएगा और उनके पुनरोद्धार में काम करेगा।
प्रमुख शासन सचिव ने इस कड़ी में विभाग के अधिकारियों के साथ जयपुर की सिसोदिया रानी के बाग के पास स्थित जग्गा की बावड़ी, दिल्ल रोड स्थित बंगाली बाबा की बावड़ी और काले हनुमानजी की बावड़ी का निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्य अभियंता श्री सीएम चौहान, अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्री अशोक गर्ग, अधीक्षण अभियंता श्री वीएस माहेचा, भूजल विभाग के अधीक्षण अभियंता श्री बीके माहेश्वरी कई अधिकारी उपस्थित रहे।
