कांग्रेस कार्यकर्ताओं का दमन बर्दाष्त नहीं-पायलट

राजस्थान में सरकार नही सामंतषाही हावी-भाया
धरना प्रदर्षन में उमड़ा जन सैलाब

z1z2फ़िरोज़ खान बारां, ( राजस्थान ) 17 जून। राज्य की भाजपा सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में जो हालात बने हैं, उसके चलते आमजन पूरी तरह त्रस्त है। गरीब, मध्यम वर्ग पूरी तरह आहत दिखाई दे रहा है। पूरा सरकारी तंत्र भाजपा नेताओं के इशारों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं कांग्रेस से जुडे जनप्रतिनिधियों के दमन पर तुला हुआ है। इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासनिक अधिकारी यह सोच कर चले कि राज आता है, जाता है। प्रदेश में कांग्रेस कोई हमेशा के लिए नहीं गई। जनता के विश्वास और जन समर्थन के बाद अब यह स्पष्ट है कि राज्य में ढाई साल बाद फिर कांग्रेस शासन की ओर आ रही है। शासन बदलने पर कानून के दायरे से बाहर रहकर कार्य करने वाले अधिकारियों को किसी भी सूरत में बख्शा नही जाएगा। अधिकारी कानून के दायरे में रहकर कार्य करें। किसी के दबाव में कार्य करने के साथ-साथ अपनी नौकरी के बारे में भी सोचकर चलेे। यह उद्गार राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने शुक्रवार को जिला कलेक्टेªट कार्यालय, बारां के सामने आयोजित विशाल धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन जिला महासचिव कैलाश जैन द्वारा किया गया।

उमस भरी गर्मी के बावजूद जिले के कोने-कोने से हजारों की संख्या में पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के जन सैलाब की मौजूदगी में मंच पर उत्साह से लबरेज कार्यक्रम में बीस हजार से अधिक लोगों की भीड़ को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि राज्य सरकार हर मोर्चे पर विफल है। जनता गरीबी से जूझ रही हैं। अगर कहीं विकास हुआ है तो भाजपा नेताओं का हुआ है, जो कल तक फटेहाल थे। दूसरों की गाडियों में लिफ्ट लेकर घूमा करते है, आज लाखों रूपयों की गाडियों में मौज करते हुए अधिकारियों की दलाली में लिप्त है। पायलट ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस शासन के दौरान चलाई गई जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद कर लाखों गरीबों का पोस मशीन की आड में गेहूं बंद कर दिया। पेंशन के लिए हजारों लोग दर-दर भटक कर सरकारी कार्यालयों में चक्कर लगा रहे है। एक ओर राज्य की मुख्यमंत्री कहती है राज्य का पूरा परिवार मेरा अपना है। तो फिर आखिर ऐसे क्या हालात हुए कि प्रदेश के 164 विधायकों को अविश्वास के दायरे में लाकर बाडेबंदी में रखने की मजबूरी बनी। जैमर लगा दिए गए, गेट पर रखवाली के लिए कुत्तों को तैनात कर दिया गया। इससे साफ जाहिर है कि राज्य में सामंतशाही शासन है। भारी गर्मी के बीच पसीने से तर सचिन पायलट ने जिले के लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आगे जब भी अन्याय होगा तो उसके बदले ईट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा।

धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष प्रमोद जैन भाया ने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधराराजे उनके सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह एवं भाजपा के नेता उन्हें राजनीति से नेस्तनाबूद करने पर तुले हुए है, लेकिन वह कितना ही दमन कर लें भाया घबराने वाला नहीं है। जिले में उडद और मूंग की फसल बर्बाद हो गई, किसानों को आज तक एक कोडी मुआवजा नही मिला। कांग्रेस शासन की सिंचाई परियोजनाओं को बंद कर दिया गया। जिले में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। भाजपा पदाधिकारियों के काले कारनामें रोज उजागर हो रहे है। किसी पदाधिकारी को सरकारी गेहूं की कालाबाजारी करते हुए पकड़ा जा रहा है तो कोई जनप्रतिनिधि जुंआ, सट्टा, शराब, स्मैक के कारोबार में लिप्त है। भाया ने कहा कि उनके द्वारा जन कल्याण के क्षेत्र में बारां राजकीय चिकित्सालय के बाहर रोगी सेवा केन्द्र को चालू किया गया। यदि माननीया मुख्यमंत्री वसुंधराराजे स्वंय सेवा कार्य करना चाहती है तो वे राजस्थान में राजकीय चिकित्सालय बारां के अतिरिक्त संचालित सैकडों प्राथमिक स्वास्थ्य केंन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व चिकित्सालयों में रोगी सेवा केन्द्र खोले। उनके द्वारा ऐसा किए जाने पर हम उनका स्वागत करेंगे। राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधराराजे वर्ष 1989 से बारां एवं झालावाड़ जिले की राजनीति कर रही थी, उनके भीतर अगर मानवीयता एवं सेवा भाव की भावना होती तो वह भी ऐसे सेवा प्रकल्प शुरू कर सकती थी, लेकिन राजनैतिक द्वेषता के तहत रोगी सेवा केन्द्र को बंद करवा दिया गया। भाया ने कहा कि मेरे द्वारा समय-समय पर गरीबों एवं किसानों के जनहित के मुददो के लिए जो आवाज उठाता हूं उससे विचलित होकर मुख्यमंत्री के सुपुत्र सांसद दुष्यंत सिंह बार-बार सार्वजनिक बयान देते है कि ‘‘भाया को मैं जेल में डलवा कर रहूंगा’’। मैं जनहित के लिए संघर्ष करते हुए जेल जाने से तो क्या फांसी से भी नही डरता तथा मैं मरते दम तक गरीब व किसान के लिए आवाज उठाता रहूंगा।

भाया ने कहा कि यदि 2 माह के अंदर इस सरकार द्वारा पोस मशीनों से वितरण में आ रही समस्या, नए राशनकार्ड बनने की समस्या तथा गरीबों के बंद किए गेहूं को वापस प्रारंभ नही करवाया, जिले में अवैध सट्टा, शराब, स्मैक, चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाया जाकर कानून व्यवस्था की स्थिति नही सुधारी, किसानों की सोयाबीन, उडद सहित अन्य खराब हुई फसलों का मुआवजा नही दिया गया, कांग्रेस शासन में स्वीकृत सिंचाई परियोजनाएं दांयी मुख्य नहर का जीर्णोद्वार 1120 करोड रूपए, तुलसा लिफ्ट परियोजना, परवन वृहद सिंचाई परियोजना का कार्य प्रारंभ नही करवाया तो आगामी समय में इससे भी बड़ा प्रदर्शन बारां की धरती पर किया जाकर किसानों एवं गरीबों के लिए न्याय की लड़ाई लडेंगे।

भाया ने कहा कि भाजपा सरकार के दबाव में जिला कलक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक अपने पद की गरिमा को तांक में रखकर, कानून का खुला मखौल उडाकर कानून के रक्षक ही भक्षक बन रहे है तथा भाजपा के जिला प्रवक्ता बनकर चपरासी की तरह काम कर रहे है। लाखों में से एक आईएएस एवं आईपीएस बनता है। इन पदों की गरिमा को खत्म कर रहे है। कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों, जिम्मेदार साथियों को अनावश्यक परेशान किया जा रहा है। कांग्रेस के प्रधान/चेयरमेन/सरपंच आदि जनप्रतिनिधियों को नजर अंदाज कर उनकी अवहेलना की जाकर लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। इसको हम बर्दाश्त नही करेंगे।

सभा को कांग्रेस जिलाध्यक्ष पानाचंद मेघवाल ने संबोधित करते हुए जिले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ चल रही दमनकारी नीतियों का डटकर विरोध करने की बात कहते हुए जिले के अधिकारियों को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अधिकारी सुन ले कांग्रेस गांधीवादी सिद्वांतों में विश्वास करती है लेकिन इसका यह मतलब नही कि कांग्रेस कार्यकर्ता ने भगतसिंह और सुभाषचंद बोस की क्रांति का पाठ नहीं पढा। भविष्य में अगर यदि किसी कार्यकर्ता को प्रताड़ित किया गया तो ईंट से ईट बजाकर उसका विरोध किया जाएगा।

कार्यक्रम को पूर्व सांसद रामनारायण मीणा, पूर्व मंत्री एवं बारां जिला प्रभारी अशोक बैरवा, पूर्व मंत्री रामगोपाल बैरवा, पूर्व विधायक शिवनारायण नागर, जिलाध्यक्ष झालावाड मदनलाल वर्मा, जिलाध्यक्ष बूंदी सीएल प्रेमी, पूर्व विधायक कैलाश मीणा, मीनाक्षी चंद्रावत, स्नेहलता आर्य, प्रेमचंद नागर, निर्मला सहरिया, करणसिंह राठौड, प्रदेश महासचिव पंकज मेहता, प्रदेश सचिव नईमुद्वीन गुडडू, विधानसभा प्रत्याक्षी संजय गुर्जर, प्रकाशचंद नागर, पूर्व जिला प्रमुख रामचरण मीणा, पूर्व जिलाध्यक्ष निजामुद्वीन खान, पीसीसी सदस्य कैलाश शर्मा, हंसराज मीणा आदि ने संबोधित किया। धरना प्रदर्शन में हजारों की संख्या में पहुंचे पदाधिकारियों एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रदेश उपाध्यक्ष प्रमोद जैन भाया एवं जिलाध्यक्ष पानाचंद मेघवाल ने आभार जताया।

भाजपा में रहते है तो देवता कांग्रेस में आते ही क्यों बताया जाता है गुण्डा- अनेकों उदाहरण देते हुए प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने अपने संबोधन में कहा कि झालावाड़ जिले में भाजपा के कद्दावर नेता रहे समाजसेवी शेलेन्द्र यादव उर्फ कालू जब भाजपा में थे तो महान समाजसेवी, गरीबों के मसीहा, भाजपा के चरित्रवान कार्यकर्ता के रूप में उन्हें संबोधित किया जाता था, लेकिन जब शेलेन्द्र यादव भाजपा से उबकर कांग्रेस में आ गए तो उन्हें जिले का सबसे बड़ा गुण्डा करार देकर उनके खिलाफ अनेकों जांचे शुरू कर दी। कई मामलों में उन्हें आरोपी बनाकर राजनैतिक प्रताडनाए देना शुरू कर दिया।

यह रहे धरना प्रदर्शन में मौजूद- जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित विशाल धरना प्रदर्शन के दौरान मंच पर वरिष्ठ नेता राजेन्द्र बंसल, ब्लाॅक अध्यक्ष किशनगंज संदीप शर्मा, बारां रामस्वरूप मीणा, अंता देवीशंकर मालव, मांगरोल लक्ष्मीशंकर नागर, अटरू अशोक मीणा, छबडा अरविन्द प्रताप सिंह, छीपाबडोद बाबूलाल मीणा,नगर अध्यक्ष बारां धर्मचंद जैन, अंता सीपी मीणा, मांगरोल विनोद चोपडा, छबडा दिग्विजय सिंह, अग्रिम संगठन जिलाध्यक्ष यूथ कांग्रेस धर्मराज मेहरा, एनएसयूआई इरफान अंसारी, सेवादल अशरफ देशवाली, महिला कांग्रेस नाहिदा बेगम, एससी प्रकोष्ठ सत्यनारायण भूमल्या, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ लियाकत अली, अद्र्व घुमंतू प्रकोष्ठ सुरेश भांड, किसान कांग्रेस रमेश मीणा, मजदूर कांग्रेस शेख बहादुर, नगर परिषद सभापति प्रेमशंकर सांखला, चेयरमेन अंता कृष्णा मेहरा, वाइस चेयरमेन रामराज बागडी, प्रधान बारां अजीत सिंह हाडा, अटरू अजय सिंह, छीपाबडौद कविता मीणा, किशनगंज सेवाराम मीणा, शाहबाद निधि चंदेल, उप प्रधान किशनगंज रामहेत मीणा, छीपाबडौद सुरेन्द्र मालव, मंडी अध्यक्ष प्रदीप काबरा, उपाध्यक्ष मंडी हेमराज गोयल, पूर्व सभापति राजेन्द्र भूमल्या, कैलाश पारस, हरिश माहेश्वरी, नाथूलाल अग्रवाल, रामकल्याण शर्मा आदि नेता उपस्थित रहे।

फंूका राजे व सांसद का पुतला- गर्मी के चरम वेग के बावजूद कांग्रेस के धरना प्रदर्शन में जिस कदर उत्साह कार्यकर्ताओं में था, लोग भाषण के बीच-बीच में सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए दिखाई दे रहे थे। सर्वाधिक रूप से प्रमोद जैन भाया, पानाचंद मेघवाल तथा प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के भाषणों के दौरान उपस्थित जन सैलाब ने गर्मजोशी से नारेबाजी करते हुए सरकार की जनविरोधी तथा अलोकतांत्रिक नीतियों का डटकर विरोध किया। धरना प्रदर्शन के बाद सभा स्थल पर रखे राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधराराजे, सांसद दुष्यंत सिंह के पुतले को भी कलेक्टेªट कार्यालय के बाहर तिराहे पर लाकर अग्नि दी गई।

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