24 माह बाद सांसद दुश्यंत सिंह को आई याद

पहुंचे परवन परियोजना निर्माण स्थल पर
भाया करेंगे 26 को परवन को लेकर पदयात्रा

baran samacharफ़िरोज़ खान बारां , ( राजस्थान ) 19 जून। माननीय सांसद दुष्यंतसिंह शनिवार को बहुप्रतिक्षित परवन वृहद सिंचाई परियोजना के बांध निर्माण स्थल पर पहुंचे। परवन वृहद सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य दिसम्बर माह में प्रारंभ होने की बात कही गई है। सांसद श्री दुष्यंत सिंह द्वारा लोकसभा चुनाव के दौरान जनता को आश्वासन दिया था कि लोकसभा चुनाव समाप्ति के तुंरत बाद वह परवन वृहद सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करवाएंगे। लोकसभा चुनाव समाप्ति के आज 24 माह गुजर जाने के बाद श्री दुष्यंत सिंह को परवन परियोजना का मौका स्थल देखने की याद आई, इसके लिए उन्हें धन्यवाद।

कांग्रेस शासन में केन्द्रीय वन मंत्रालय की प्रथम क्लियरेंस की शर्त पूरी हो चुकी थी तथा डेम क्षेत्र एवं टनल निर्माण का टेण्डर कांग्रेस शासन में लगा दिया गया था जिसकी प्रक्रिया पूर्ण की जानी थी। राजस्थान में भाजपा की सरकार बने 30 माह गुजर चुके है तथा कांग्रेस शासन में लगाए गए डेम एवं टनल निर्माण के टेण्डर को भी इनके द्वारा राजनैतिक द्वेषता के कारण 6-7 बार पोस्पोण्ड कर टाला गया। इससे स्पष्ट है कि श्रीमती वसुंधराराजे एवं सांसद श्री दुष्यंत सिंह की परवन परियोजना के निर्माण कार्य को लेकर नियत साफ नहीं है। भाजपा द्वारा परवन परियोजना के कार्य को राजनैतिक द्वेषतावश लंबित रखा जाकर बारां, झालावाड़ एवं कोटा जिले के किसानों के साथ घोर अत्याचार किया है। अब अपनी गलती को छुपाने के लिए परवन परियोजना निर्माण स्थल पर मंत्री व सांसद जाकर नोटंकी कर रहे हैं।

जिलाध्यक्ष पानाचंद मेघवाल ने बताया कि कांग्रेस शासन के दौरान स्वीकृतशुदा परवन वृहद सिंचाई परियोजना को इस भाजपा सरकार द्वारा राजनैतिक द्वेषतावश लंबित रखा। दिसम्बर माह में परवन का कार्य प्रारंभ करने की बात पर हमें भरोसा नहीं है। हमारे द्वारा परवन वृहद सिंचाई परियोजना के निर्माण कार्य को प्रांरभ करवाने की मांग को लेकर सतत रूप से जन जागरण पदयात्राएं की जा रही है तथा जब तक मौके पर निर्माण कार्य प्रारंभ नही हो जाता तब तक हमारे द्वारा परवन परियोजना निर्माण कार्य को लेकर लिए गए संकल्प के अनुसार लगातार पदयात्राएं की जाती रहेगी। इसी कडी में आगामी जन जागरण पदयात्रा 26 जून रविवार को परवन परियोजना से लाभान्वित होने वाले गांवों में की जाएगी। जब तक परवन का निर्माण कार्य मौके पर प्रारंभ नही होगा तब तक लगातार पदयात्राएं की जाती रहेगी एवं इसके पश्चात क्रमिक भूख हड़ताल की जावेगी।

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