आदिवासी सहरिया महिलाओ को नि:शुल्क सिलाई प्रशिक्षण बना वरदान

फ़िरोज़ खान बारां
( शाहाबाद ) 14 जुलाई । महिलाओँ व् किशोरियों के सशक्तिकरण एवं उन्हें आत्म निर्भर बनाने के लिए संकल्प संस्था के सहयोग से चारु मित्रा स्म्रति न्यास द्वारा ग्राम मामोनी में सहरिया आदिवासी एवं गरीब महिलाओ व् किशोरियों के लिए सिलाई केंद्र चलाया जा रहा है । जहाँ महिलाएं निशुल्क सिलाई का काम सीख रही है । इस केंद्र पर प्रशिक्षत महिला करीब 20 महिलाओ को अलग अलग समय में सिलाई सिखाने का कार्य कर रही है । 20 महिलाओ का एक बेच 3 माह तक सीखता है । और उसके बाद फिर दूसरा बेच प्राम्भ किया जावेगा । इस केंद्र का मकसद है कि आदिवासी क्षेत्र की महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर अपनी आजीविका चला सके । और परिवार का सहारा बन सके । इस केंद्र पर 20 महिलाओं, युवतियों, बच्चियो को नि:शुल्क सिलाई प्रशिक्षण दिया जा रहा है । संस्था द्वारा इस क्षेत्र में यह एक नई शुरआत की है । जिसमे ज्यादतर महिलाएं एसी वर्ग से है । जो सिलाई का काम निरन्तर सिख रही है । इस केंद्र पर लेडीज बैग, पर्स, समीज, पेटीकोट, ब्लाउज, फ्रॉक, बनियान, सलवार सूट, स्कूल बैग, साड़ी का फाल, टॉपर मिड्डी, घागरी, आदि सिखाया जा रहा है । सेंटर की ट्रेनर का कहना कि महिलाओँ को आर्थिक दृस्टि से मजबूत बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है । महिलायें घर पर रहकर दो पैसे आय करेंगी तो वह अपने परिवार का खर्च चला सकती है । संचालिका ने बताया की मैने 15 साल पहले सिलाई का काम सीखा था । मै पिछले 10-12 वर्षो से अपने घर पर सिलाई का काम कर रही हूँ । में एक दिन में 150-200 रुपए का काम कर लेती हूँ । सिलाई केंद्र पर काम सीखने वाली कोशोल्या सहरिया मामोनी से बात की तो बताया कि मेरे परिवार में 5 बच्चों सहित कुल 7 सदस्य है । जब मुझे इस केंद्र के बारे में पता चला तो में भी सिलाई सीखने आने लगी और उसके बाद अब बेटी रेशमा सहरिया को भी सिखाने के लिए लेकर आने लगी और अब दोनों सिलाई सिख रही है । और जब पुरी सिलाई सीख लेंगे तो घर पर काम करेंगे । और दूसरी महिलाओ को भी सिखाने का काम करेंगे । सहरिया महिला ने बताया की पुरी लगन और मेहनत से सिलाई का काम सीख रहें है । और हमे सरल तरीके स सिखाया जा रहा है ।

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