16 जुलाई। कांग्रेस नेता सोनू गोयल हत्याकाण्ड प्रकरण में माननीय न्यायालय के आदेश की अनुपालना पुलिस द्वारा नहीं किए जाने पर आईजी पुलिस रेंज कोटा को 15 जुलाई को न्यायालय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट, शाहबाद श्री अजय शर्मा ने तलब किए जाने हेतु नोटिस जारी किया गया था।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष पानाचंद मेघवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि गत 26 जून को घटित बहुचर्चित सोनू गोयल हत्याकाण्ड में दिवंगत सोनू गोयल के बड़े भाई फरियादी रामावतार गोयल द्वारा एसीजेएम, शाहबाद में जिला पुलिस अधीक्षक बारां तथा कस्बाथाना पुलिस पर प्रकरण में नामजद आरोपियों को पक्षपात करते हुए व राज्य सरकार के दबाव में उन्हें गिरफ्तार करने के बजाय बचाए जाने को लेकर निष्पक्ष जांच हेतु एक प्रार्थना पत्र पेश किया था, जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा अपने आदेश 06.07.2016 में अनुसंधान अधिकारी पुलिस कस्बाथाना तथा जिला पुलिस अधीक्षक बारां की भूमिका को संदेहास्पद मानकर स्पष्ट तौर पर प्रकरण का अनुसंधान पक्षपातपूर्ण एवं विधि के प्रावधानों का खुला उल्लघंन बताकर प्रकरण का अग्रिम अनुसंधान सीआईडी, सीबी से करवाए जाने हेतु पुलिस महानिरीक्षक, जयपुर को निर्देशित किया था।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अधीक्षक, सीआईडी (अपराध शाखा) जयपुर द्वारा महानिरीक्षक पुलिस कोटा रेंज, कोटा को अपने पत्र दिनांक 12 जुलाई 2016 से माननीय न्यायालय अति. मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट, शाहाबाद के आदेश दिनांक 6 जुलाई 2016 के विरूद्व जिला एवं सत्र न्यायालय में अपील/रिविजन पेश करने तथा प्रकरण का अग्रिम अनुसंधान आईजी, कोटा के पर्यवेक्षण में पुलिस अधीक्षक (अपराध एवं सतर्कता) महानिरीक्षक कोटा रेंज कोटा कार्यालय से करवाने के निर्देश जारी किए गए एवं माननीय न्यायालय में 13 जुलाई को उपस्थित होकर पारित आदेश 06 जुलाई के विरूद्व सक्षम अपर न्यायालय से अनुतोष प्राप्त करने हेतु विभाग द्वारा कार्यवाही जा रही है, का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश प्रदान किए गए।
इस पर माननीय न्यायालय द्वारा अपने आदेश की पालना नही किए जाने को लेकर 15 जुलाई को आईजी पुलिस रेंज कोटा को न्यायालय में उपस्थित होने के लिए निर्देशित किया गया था। आईजी कोटा द्वारा इस प्रकरण में 15 जुलाई को माननीय न्यायालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के लिए अपने प्रतिनिधि के रूप में जिला पुलिस अधीक्षक बारां श्री दुष्टदमन सिंह को निर्देशित किया गया, जिस पर जिला पुलिस अधीक्षक, बारां न्यायालय में उपस्थित हुए।
परिवादी रामावतार गोयल के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि न्यायालय में उपस्थित प्रतिनिधि महानिरीक्षक पुलिस कोटा रेंज कोटा के श्री दुष्टदमन सिंह पुलिस अधीक्षक बारां पर उक्त प्रकरण में आरोप लगाए गए थे जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा अनुसंधान को त्रुटिपूर्ण, मनमाना व विधि के प्रावाधानों के अनुरूप नही किए जाने के पुलिस अधीक्षक पर लगाए गए आरोप को मददेनजर रखते हुए अनुसंधान सीआईडी, क्राइम ब्रांच से कराए जाने के आदेश पारित किए थे। यह तथ्य महानिरीक्षक पुलिस रेंज कोटा की जानकारी में भी थे लेकिन उनके द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक बारां को ही इस प्रकरण में अपना पक्ष रखने हेतु भिजवाया गया। जिला पुलिस अधीक्षक से इस प्रकरण में सही वस्तुस्थिति रखने की आशा नही की जा सकती।
माननीय न्यायालय द्वारा 15 जुलाई 2016 को महानिरीक्षक पुलिस कोटा रेंज कोटा को पुनः निर्देशित करते हुए अपने प्रतिनिधि के रूप में जिला पुलिस अधीक्षक, बारां के स्थान पर पैरवी में भाग लेने के लिए अन्य पुलिस अधिकारी जो कि पुलिस अधीक्षक स्तर का हो, इस प्रकरण की पूरी तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 19 जुलाई को न्यायालय में उपस्थित होने के लिए निर्देशित किया गया।
मेघवाल ने कहा कि पुलिस द्वारा इस जघन्य हत्याकाण्ड में शामिल नामजद अपराधियों को बचाने को लेकर माननीय न्यायालय के द्वारा प्रदान किए गए आदेशों की भी अवज्ञा की जा रही है। पुलिस राजनैतिक दबाव के कारण नामजद अपराधियों को बचाने का कुत्सित प्रयास कर रही है।
फ़िरोज़ खान बारां राजस्थान
संलग्न:- माननीय न्यायालय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक
मजिस्टेªट शाहबाद के आदेश 15.07.2017 की प्रति