निजी स्कूल संचा 27 जुलाई। जिले की निजी षिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत छात्रों की टीसी बगैर षुल्क लिए जारी करने के जिला प्रषासन के आदेष से क्षुब्ध निजी षिक्षण संस्थाओं के संचालकों ने बुधवार को जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में एसोसिएषन के जिलाध्यक्ष पदम अग्रवाल ने बताया कि जिलेभर की निजी षिक्षण संस्थाओं की आम षिकायत है कि कई छात्रों के अभिभावक जिनके बच्चों का षाला षुल्क बकाया रहता है, वे षुल्क जमा ना कराने की नीयत से जिला प्रषासन को टीसी के लिए प्रार्थना प्रत्र देते हैं। जिला प्रषासन भी जिला षिक्षाधिकारी को आदेष प्रदान कर देता है। जिसमें बगैर षुल्क लिए छात्र को टीसी जारी करने को कहा जाता है। प्रांतीय उपाध्यक्ष प्रमोद षर्मा ने बताया कि बगैर षुल्क लिए टीसी जारी करने पर स्कूलों को तमाम तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। टीसी पर ही मुद्रित है कि प्रमाणित किया जाता है कि छात्र पर षाला षुल्क बकाया नहीं है, को बिना प्रमाणित किए जैसे टीसी जारी की जा सकती है। साथ ही स्कूलों को सालाना आॅडिट हाती है, फिर बकाया षुल्क किस खाते में समाहित की जाए। षर्मा ने ज्ञापन में बताया कि निजी स्कूलों को सरकार कोई अनुदान नहीं देती है। सभी संस्थाएं स्ववित्त पोशित है। सरकार ही निजी स्कूलों की फीस निर्धारण करती है, तो फिर जिला प्रषासन बिना फीस लिए कैसे टीसी जारी करने का आदेष दे सकता है। एसोसिएषन के सदस्य प्रद्युम्न वर्मा, राजेष मान, हरिमोहन गोयल सहित दर्जनभर संस्था प्रधानों ने ज्ञापन में मांग की है कि जिला प्रषासन ऐसे आदेष जारी न करे जिससे निजी स्कूलों को ना केवल तकनीति समस्याओं का सामना करना पड़े, बल्कि उनके आय के स्त्रोेत भी बाधित हों।
फ़िरोज़ खान बारां