विश्व भर के बाघों में से 70% भारत में

मोहन थानवी
मोहन थानवी
बीकानेर ( मोहन थानवी )। हम भारत के निवासी पर्यावरण संरक्षण के प्रति गंभीर हैं। साथ ही प्राणी मात्र के प्रति संवेदनशील। हम लोग मूक पशु पक्षियों तक के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं। गौतम बुद्ध से प्रेरणा लेते हैं। बाघों से प्‍यार करते हैं और यही कारण है कि बाघों के संरक्षण के कारण भारत में 2,226 बाघ हैं जो कि विश्‍व भर में बाघों की आबादी का 70 प्रतिशत है। 29 जुलाई को रूस में सेंट पीटर्सबर्ग में विश्‍व टाइगर डे मनाने का फैसला किया गया था।
ज्ञातव्य है कि देशभर में 17 राज्‍यों और 49 अभ्‍यारणों में बाघ पाये जाते हैं। पर्यावरण मंत्री ने भी टाइगर डे मनाते हुए एक कार्यक्रम में कहा कि बाघों के संरक्षण और देखभाल के चलते भारत में बाघों की संख्‍या वर्ष 2022 तक दोगुनी हो जाएगी। एक स्‍वस्‍थ बाघ स्‍वस्‍थ पर्यावरण का प्रतीक है। भारत सेंट पीटसबर्ग के लक्ष्‍य जिसे टी X 2 के रूप में जाना जाता है, को प्राप्‍त करने की दिशा में महत्‍वपूर्ण योगदान दे रहा है।

टाइगर रेंज :–

प्रोजेक्‍ट टाइगर के तहत किये जा रहे बाघ संरक्षण के प्रयासो के कारण विश्‍व की 13 टाइगर रेंज देशों में भारत और इसके आस-पास क्षेत्रों में बाघों की अधिकतम संख्‍या है। टाइगर रेंज देशों में वन्‍य बाघों की स्थिति विलुप्‍त प्राय बनी हुई है। हालां‍कि कुछ टीआरसी देशों जैसे भारत, नेपाल, भूटान और रूस में कुछ स्थिति में सुधार हुआ है लेकिन वैश्‍विक परिद्श्‍य गंभीर चिंता का विषय हैं। कुछ टीआरसी देशों में स्‍थानीय स्‍तर पर बाघ विलुप्‍त हो चुके है।

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