बीकानेर। संत कंवरराम सिंधी समाज ट्रस्ट की ओर से जय झूलेलाल सिंधी युवा मंडल, भारतीय सिंधु सभा, मातृशक्ति सत्संग मंडली, विश्वास वाचनालय, सिंधी सेंट्रल पंचायत, सिंधी साहित्य समिति, साधु वासवानी सेंटर, अमरलाल मंदिर ट्रस्ट, संत कंवरराम मंदिर रथखाना, झूलेलाल सेवा समिति पवनपुरी के तत्वावधान में चालिया महोत्सव की पूर्व संध्या पर झूलण के रंग का आयोजन लिलिपोंड पब्लिक पार्क में किया गया। महिलाओं और युवाओं ने इस अवसर पर सिंधी संस्कृति और परंपरा के अनुसार सिंधी लोकगीतों व भजनों और छेज की प्रस्तुति दी। आयोजन सिंधी लोक कलाकार मनीष भगत व सतीश रिझवानी के आतिथ्य एवं नानक हिंदुस्तानी, प्रताप खुराना, विजय ऐलानी के सान्निध्य में हुआ। अध्यक्षता लालचंद तुलसियानी, अर्जुनदास आवतरमानी, दीपचंद सदारंगानी ने की। किशन सदारंगानी ने बीकानेर में चेटीचंड, चालिया महोत्सव आदि सिंधी समाज के पर्व त्योहारों को जलनिधि किनारे, लिलिपोंड पर बीते 11 साल से मनाए जाने की परंपरा के बारे में बताया। मातृशक्ति सत्संग मंडली ने शाम को संत कंवरराम धर्मशाला धोबीतलाई के निज मंदिर में दीपमाला सजाई। दीपमाला का आयोजन वयोवृद्ध कलावती वलीरमानी, चंद्रावती हरवानी, कांता हेमनानी, पार्वती देवी ग्वालानी, भगवानी देवी हेमनानी के सान्निध्य और कमला सदारंगानी, रुक्मिणी वलीरमान, भारती ग्वालानी, वर्षा लखानी के आतिथ्य में किया गया। आयोजन में श्याम आहूजा, तेजप्रकाश वलीरमानी, हरपाल तोतलान, मनु मल सदारंगान, सुरेश हिंदुस्तानी, राजू मोटवानी ने सिंधी लोक भजनों और लोकगीतों से युवा पीढ़ी को जोड़ने का आह्वान किया। सिंधी साहित्यकार एवं नाटककार मोहन थानवी ने झूलेलाल जी के जीवन पर प्रकाश डाला एवं चालिया महोत्सव मनाने की परंपरा के बारे में बताया। करीब 1055 वर्ष पूर्व सिंध में मिरख बादशाह के जुल्मों से निजात दिलाने के लिए सिंध भूमिवासियों ने जलदेवता की उपासना आराधना लगातार 40 दिनों तक की थी। तब झूलेलाल ने पल्लव ( विशेष मछली) पर सवार झूलेलाल जी ने लोगों को दर्शन दिया व मिरख के जुल्मों से राहत दिलाने की आकाशवाणी की। सिंध के लोग इसी स्मृति को अक्षुण रखने के लिए चालिया महोत्सव प्रतिवर्ष चालीस दिन तक व्रत उपवास और धर्म कर्म व दानपुण्य करते हुए मनाते हैं। रंग और दीपमाला आयोजनों में तुलसी पंजाबी ने पंजाबी भजनों की प्रस्तुति दी।
किशन सदारंगानी
9414952790