विधानसभा सत्र के मद्देनजर नियंत्रण कक्ष स्थापित

bikaner samacharबीकानेर, 1 सितम्बर। चौदहवीं राजस्थान विधानसभा के गुरुवार को शुरू हुए सातवें सत्र के दौरान प्राप्त होने वाले प्रश्नों/ध्यानाकर्षण/विशेष उल्लेख प्रस्तावों आदि का जवाब समय पर भिजवाने के लिए जिला कलक्टर कार्यालय में नियंत्रण कक्ष की स्थापना कमरा नं. 5 में की गई है। नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नम्बर 0151-2226031 है। अतिरिक्त कलक्टर (प्रशासन) हरि प्रसाद पिपरालिया नियंत्रण कक्ष के प्रभारी होंगे।
जिला कलक्टर वेद प्रकाश ने बताया कि नियंत्रण कक्ष विधान सभा सत्रकाल तक सुबह आठ बजे से रात दस बजे तक कार्यरत रहेगा। वर्तमान में सहायता शाखा द्वारा संचालित नियंत्रण कक्ष में कार्यरत कर्मचारी विधानसभा प्रश्नों से संबंधित कार्य भी सम्पादित करेंगे। नियंत्रण कक्ष में कार्यरत कर्मचारी, कार्यालय अधीक्षक की देखरेख में प्रतिदिन प्राप्त होने वाले प्रश्नों का रजिस्ट्रर संधारित करेंगे। कार्यालय अधीक्षक प्रतिदिन सुबह साढ़े दस बजे शाखावार प्राप्त एवं निस्तारित प्रश्नों की सूचना संकलित कर नवीनतम स्थिति से प्रभारी अधिकारी को अवगत करवाएंगे।
—–
अल्पसंख्यक छात्रावास के लिए आवेदन आमंत्रित

बीकानेर, 1 सितम्बर। अल्पसंख्यक मामलात विभाग की ओर से जिला मुख्यालय बीकानेर में अल्पसंख्यक बालक छात्रावास तथा खाजूवाला ब्लॉक में अल्पसंख्यक बालिका छात्रावास का संचालन शीध्र ही प्रारंभ किया जाएगा।
जिला अल्प संख्यक कल्याण अधिकारी मोहम्मद सलीम ने बताया कि अल्प संख्यक समुदय (मुस्लिम, सिख, इसाई, जैन, बौद्ध व पारसी) की बालक/बालिकाओं को छात्रावास में निःशुल्क रहने, खाने आदि की सुविधा प्रदान की जाएगी। छात्रावास में प्रवेश के लिए 9 सितम्बर 2016 तक आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। छात्रावास आवेदन संबंधित विस्तृत जानकारी के लिए कार्यालय समय में व्यक्तिगत या दूरभाष संख्या 0151-2201008 पर संपर्क किया जा सकता है।
—–
15 सूत्री कार्यक्रम की समीक्षा बैठक 9 को

बीकानेर, 1 सितम्बर। जिला कलक्टर वेद प्रकाश की अध्यक्षता में 15 सूत्री कार्यक्रम की प्रगति समीक्षा बैठक 9 सितम्बर को सुबह साढ़े दस बजे जिला कलक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में होगी। जिला अल्प संख्यक कल्याण अधिकारी मोहम्मद सलीम ने बताया कि विभिन्न विभागों के अधिकारियों को अनुपालना व प्रगति रिपोर्ट 6 सितम्बर तक भिजवाने का आग्रह किया गया है।

—–
मेलों के दौरान विभिन्न व्यवस्थाओं के निर्देश
बीकानेर, 1 सितम्बर। जिला मजिस्ट्रेट वेदप्रकाश ने रामदेवरा और पूनरासर मेले के मद्देनजर जिले में कानून व्यवस्था संधारित करने एवं सड़क दुर्घटनाओ को रोकने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
जिला मजिस्ट्रेट ने इस सम्बंध में पुलिस अधीक्षक, जिले के समस्त उपखण्ड मजिस्टे्रट, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी और रोडवेज के मुख्य प्रबंधक को समुचित व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि 10 सितम्बर को पूनरासर और 12 सितम्बर को रामदेवरा मेले के लिए बड़ी संख्या में पदयात्री सड़कों से प्रस्थान करेंगे। ऎसे में पदयात्रियों की सुविधा को देखते हुए सड़कों के किनारों के कटाव को ठीक करवाने, संकेत बोर्ड लगाने तथा पेंचवर्क से संबंधित कार्य करवाए जाएं।
मेलों में यात्रियों की संख्या को देखते हुए रोडवेज की अतिरिक्त बसों की व्यवस्था करें, जिससे यात्रियों को सुविधाएं मिल सके और ओवरलोड आदि के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि मेले के दौरान दुर्घटना संभावित स्थानों का चयन कर गति अवरोधक अथवा चैक पोस्ट स्थापित की जाए। इन स्थानों पर नियमित चैकिंग स्टाफ लगाने को कहा गया है। साथ ही मार्ग पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाए तथा निर्धारित मापदण्डों का उल्लंघन करने वाले चालकों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाए।
मेला स्थलों पर तालाबों, नहरों पर कुशल तैराक व उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करवाएं जिससे किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। उन्होंने किसी भी दुर्घटना की सूचना तत्काल जिला मुख्यालय भिजवाने और अपने विभाग से सम्बंधित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
—–
दो मेडिकल स्टोर के अनुज्ञापत्र निलंबित

बीकानेर, 1 सितम्बर। अनुज्ञापन प्राधिकारी एवं सहायक औषधि नियंत्रक ने जांच के दौरान विभिन्न अनियमितताएं पाए जाने के बाद दो मेडिकल स्टोर के लाइसेंस अलग-अलग अवधि के लिए निलंबित किए हैं।
अनुज्ञापन प्राधिकारी एवं सहायक औषधि नियंत्रक अनुप रावत ने बताया कि बीकानेर के उस्ताबारी के बाहर स्थित लक्की मेडिकल एंड जनरल स्टोर के लाइसेंस 15 से 21 सितम्बर तक सात दिन के लिए तथा लूणकरनसर तहसील के जैतपुर स्थित पारीक मेडिकल स्टोर के अनुज्ञापत्र 15 सितम्बर से 14 अक्टूबर तक 30 दिन के लिए निलम्बित किए हैं।
—–
बैठक 2 सितम्बर को

बीकानेर, 1 सितम्बर। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के द्वितीय चरण के लिए नकद, श्रमदान एवं मशीनरी के रूप में सहयोग एकत्रित करने के संबंध में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में 2 सितम्बर को प्रातः 11 बजे जिला परिषद सभागार में आयोजित की जाएगी। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी. एल. मेहरड़ा ने यह जानकारी दी।
—–

जयमलसर के ग्रामीणों को मिली दोहरी खुशी जलग्रहण के तहत तैयार हुआ तालाब, एमजेएसए के द्वितीय फेज में चयनित हुआ गांव –
हरि शंकर आचार्य
कुएं, कुंड, तालाब और बावड़ियां किसी भी क्षेत्र की असली सम्पति है। इनमें संरक्षित जल से गांव एवं शहर, जल आत्मनिर्भर बन सकते हैं। रेगिस्तानी क्षेत्र में तो सदियों से बरसाती जल संरक्षण की परम्परा रही है। इस क्षेत्र के लोग पानी की बूंद-बूंद की कीमत समझते हैं, तभी तो पूर्वजों ने गांवों में अनेक तलाईयों और तालाबोें का निर्माण करवाया और इनमें बरसाती पानी को संरक्षित किया जाता रहा। समय के साथ परिस्थितियां बदलीं और जल संरक्षण के ये पारम्परिक स्त्रोत क्षतिग्रस्त होने लगे। इनकी जल संग्रहण क्षमता घटने लगीं और ग्रामीणों को पेयजल के लिए अन्य साधनों पर निर्भर रहना पड़ने लगा।

बीकानेर पंचायत समिति के जयमलसर गांव का सार्वजनिक तालाब भी ऎसा ही तालाब था, जो ग्रामीणों के लिए किसी पूजनीय स्थल से कम नहीं था और इसके माध्यम से आस-पास के अनेक गांवों में जलापूर्ति होती थी। इस पर भी समय की मार पड़ी और यह तालाब क्षतिग्रस्त हो गया। इस दौर में, जयमलसर के इस सार्वजनिक तालाब के जीर्णोद्धार का कार्य जलग्रहण विकास योजना के तहत लिया गया। इसी वर्ष 16 अप्रैल को तालाब का जीर्णोद्धार कार्य शुरू भी हो गया और आज इसमें छलकता बरसाती पानी पुराने दिनों की याद ताजा करने लगा है।

जलग्रहण विकास कार्यक्रम के तहत इस तालाब के जीर्णाद्धार पर 41.86 लाख रूपये स्वीकृत किए गए थे, इनमें से लगभग 30 लाख रूपये व्यय कर दिए गए हैं। इस तालाब की साफ-सफाई का कार्य पूर्ण हो चुका है। सुरक्षा दीवारें बनवाई जा चुकी हैं। मिनी एनिकट बनाया गया है, जिससे तालाब में सिल्ट नहीं आए। पक्का घाट बना दिया गया है। तालाब की दीवारों पर अंकित जल संरक्षण के नारे, जल संग्रहण की महत्ता को प्रकट कर रहे हैं। इन कार्यों से इस तालाब की क्षमता पांच टीसीएम से बढ़कर आठ टीसीएम हो गई है, जो कि ग्रामीणों के लिए बेहद लाभदायक सिद्ध होगी। सीढ़ियों पर जोधपुरी पत्थर लग जाने के बाद यह तालाब और अधिक दर्शनीय हो जाएगा।
जयमलसर के ग्रामीणों के लिए इस तालाब का सुदृढ़ीकरण दोहरी खुशी लेकर आया है। एक ओर जहां तालाब का निखरा हुआ स्वरूप, उनके लिए वरदान साबित होगा, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के दूसरे चरण में जयमलसर का चयन किया गया है।
अब जयमलसर में सार्वजनिक तलाई, टांका एवं डिग्गी मरम्मत, निजी एवं सामुदायिक टांका, खड़ीन तथा जलबिंदु निर्माण के कार्य बड़ी संख्या में होंगे, जो कि ग्रामीणों की दिशा और दशा बदल देंगे।

— मोहन थानवी

error: Content is protected !!