’अन्नपूर्णे सदा पूर्णे, शंकर प्राण वल्लभे’

अन्नपूर्णा भंडारों के प्रति बढ़ रहा है उपभोक्ताओं का वश्वास

bikaner samacharबीकानेर, 3 सितम्बर। अन्न-धन की देवी अन्नपूर्णा के नाम से राजस्थान में शुरू की गई अन्नपूर्णा भंडार योजना की सार्थकता निरन्तर बढ़ रही है। सभी वर्ग व तबके के लोग अन्नपूर्णा भंडारों पर पहुंचकर ब्रांडेड कंपनियों की गृह उपयोगी वस्तुओं को रियायती मूल्य पर खरीद रहे हैं। अन्नपूर्णा भंडारों में गुणवत्तापरक माल सही मूल्य पर मिलने से उपभोक्ताओं को प्रमुख बाजारों में भी नहीं जाना पड़ता। इससे उनके समय व उर्जा का व्यय भी कम हुआ हैं ।
बीकानेर जिले के उदासर गांव में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन की दुकान के साथ खुले ऐसे ही एक अन्नपूर्णा भंडार ने पिछले तीन माह में लगभग 350 तरह के आइटमों की डेढ़ लाख रुपए से अधिक की बिक्री कर सैकड़ों उपभोक्ताओं को ब्रांडेड सामान सुलभ करवाया है। भंडार के संचालक इन्द्र सिंह ने बताया कि उनकी दुकान नं. 956 का चयन सरकार ने अन्नपूर्णा भंडार के लिए कर ग्रामीण उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा में एक बेहतर कदम बढ़ाया है। राशन डिपो होने के कारण गांव के लगभग सभी वर्ग व तबके लोग उनसे जुड़े हैं। उन लोगों में 350 से अधिक परिवार बी.पी.एल. हैं। इन सबको राशन की दुकान के साथ अन्नपूर्णा भंडार का भी लाभ मिलने लगा है।
उन्होंने बताया कि उपभोक्ता भंडार में अधिकतर सामान उस पर प्रिंट अधिकतम मूल्य से कम कीमत पर बेचा जाता है। वे दूरभाष एवं मोबाइल पर बुक ऑर्डर के माध्यम से सामग्री की ‘होम डिलीवरी’ भी करने लगे हैं। इससे उनकी आय तो बढ़ी ही है, साथ ग्रामीणों को भी इससे लाभ हुआ है। इंद्रसिंह ने बताया कि अन्नपूर्णा भंडार में अन्नपूर्णा देवी की नियमित पूजा-अर्चना की जाती है, साथ ही वे अन्नपूर्णे सदापूर्णे शंकरप्राण वल्लभे। ज्ञान वैराग्यसिद्ध्यर्थं भिक्षं देहि च पार्वति’ के माध्यम से मां अन्नपूर्णा से राज्य के अन्न-धन के भंडार भरे रखने की प्रार्थना भी करते हैं।
-हरि शंकर आचार्य
सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी, बीकानेर

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