बीकानेर, 6 सितम्बर। राज्य सरकार द्वारा 1 जून से प्रारम्भ की गई ‘मुख्यमंत्री राजश्री योजना’ बालिका जन्म और बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के दृष्टिकोण से मील का पत्थर साबित हो रही है। इस अभिनव योजना के तहत बालिका के जन्म से उसके बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने तक कुल पचास हजार रूपये प्रोत्साहन स्वरूप दिए जाएंगे। योजना की शुरूआत के पहले तीन महीनों में ही जिले में लगभग 3 हजार बालिकाआें के जन्म पर प्रथम किश्त (पच्चीस सौ रूपये प्रति बालिका) का भुगतान कर दिया गया है। प्रथम किश्त के रूप में दी गई कुल राशि लगभग 75 लाख है।
बालिका के जन्म के प्रति सकारात्मक सोच पैदा करने एवं उनके शैक्षणिक एवं स्वास्थ्य सुधार के लिए मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने बजट भाषण में इस योजना की घोषणा की। इसकी अनुपालना में 1 जून 2016 से यह योजना राज्य में लागू कर दी गई। ‘कन्या भू्रण हत्या रोकने, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और सरकारी स्कूलों का मान बढ़ाओ’ अभियान को और अधिक गति देने तथा संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ये योजना बनाई है।
31 मई के बाद जन्मी बालिका को मिलेगा लाभ
इस योजना का लाभ 31 मई 2016 की रात 12 बजे बाद से जन्मी बालिका को मिलेगा। राज्य के सभी राजकीय चिकित्सा संस्थान एवं जेएसवाई में अधिस्वीकृत निजी चिकित्सा संस्थान भी इसमें शामिल हैं। इस योजना में राजस्थान की मूल निवासी होने पर ही परिलाभ देय होगा।प्रोत्साहन स्वरूप मिलेंगे पचास हजार
मुख्यमंत्री राजश्री योजना के तहत बालिका के जन्म लेने से लेकर उसकी 12वीं तक की शिक्षा पूरी होने पर सरकार उसके परिजनों को 50 हजार रुपए तक प्रोत्साहन स्वरुप देगी। योजना के तहत बालिका को मिलने वाली राशि उसकी माँ के खाते में जमा होगी। परिलाभ की प्रथम किश्त 2 हजार 500 रुपए राजकीय व अधिस्वीकृत निजी चिकित्सालय में बालिका के जीवित जन्म पर देय होगी। वहीं द्वितीय किश्त 2 हजार 500 रुपए एक वर्ष की आयु पूर्ण करने व पूर्ण टीकाकरण होने पर दी जाएगी। राजकीय विद्यालय में पहली कक्षा में प्रवेश लेने पर तीसरी किश्त चार हजार, राजकीय विद्यालय में छठी कक्षा में प्रवेश करने पर चौथी किश्त पांच हजार रूपये दी जाएगी।
इसी प्रकार राजकीय विद्यालय में ही दसवीं में प्रवेश पर पांचवी किश्त के रूप में ग्यारह हजार तथा राजकीय विद्यालय में बारहवीं पास करने पर छठी किश्त के रूप में पच्चीस हजार रूपये दिए जाएंगे। इस योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा देय प्रथम व द्वितीय किश्त परिलाभ भुगतान सीएचसी व उच्चतर संस्थानों में ओजस सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन सीधे माँ के खाते में तथा पीएचसी व उपकेंद्रों में चेक द्वारा किया जावेगा। अंतिम 4 किश्तें महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग से समन्वय कर दी जाएंगी।
-हरि शंकर आचार्य सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी, बीकानेर