मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के द्वितीय चरण में जनसहयोग हेतु कार्यशाला
आयोजित*
बीकानेर, 7 सितम्बर। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान, जल स्वावलम्बन की दिशा
में मील का पत्थर साबित होगा। विभिन्न औद्योगिक एवं सामाजिक संगठनों के
प्रतिनिधि यज्ञ की भावना, आदर एवं कृतज्ञता के साथ इस अभियान में सहयोग करें,
जिससे इसके सकारात्मक परिणाम मिल सके।
यह उद्गार लालेश्वर महादेव मंदिर के अधिष्ठाता संवित् सोमगिरि
महाराज ने बुधवार को पंचायत समिति सभागार में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन
अभियान के द्वितीय चरण के लिए धार्मिक, औद्योगिक एवं सामाजिक संगठनों के
प्रतिनिधियों की कार्यशाला को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि
हमारी संस्कृति में जल को देवतुल्य माना गया है। यह प्रकृति का अभिन्न अंग है।
जल को संरक्षित एवं संग्रहित करना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में चल रहा मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान, जल
संरक्षण की दिशा में किसी यज्ञ से कम नहीं है। इस यज्ञ में सभी को निष्काम भाव
से आहूति देनी चाहिए।
संवित् सोमगिरि ने कहा कि पर्यावरण के प्रति आदरपूर्वक एवं
निःस्वार्थ भाव से कुछ भी करें तो सकारात्मक परिणाम सामने आते हैं। उन्होंने
कहा कि अभियान के प्रथम चरण में जल संरक्षण के अनेक कार्य हुए। अनेक
जीव-जंतुओं ने इनके पानी का उपयोग किया। दूसरे चरण में भी सरकार और प्रशासन की
अपेक्षा से अधिक सहयोग करते हुए इसे और अधिक सार्थक बनाने के प्रयास करें।
श्री ब्रह्म गायत्री विद्यापीठ के अधिष्ठाता रामेश्वरानंद पुरोहित
ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान एक अनुष्ठान है। जल की उपयोगिता
प्यास बुझाने तथा दैनिक उपभोग के अन्य कार्यों तक ही सीमित नहीं है। सनातन
दर्शन में जल की अद्भुत व्याख्या की गई है। उन्होंने कहा कि रोजमर्रा की
जिंदगी के अनेक उपक्रमों में मितव्ययता के साथ जल का उपभोग करना चाहिए। जल
संरक्षण के इस अनुष्ठान में भामाशाह एवं दानदाता आगे बढ़कर सहयोग करें, यह
अक्षय दान है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए भी लाभदायक सिद्ध होगा।
खाजूवाला के मौलाना मोहम्मद तुफैल अशरफी ने कहा कि मोहम्मद साहब
ने पानी का अपव्यय नहीं करने की सीख दी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक धर्म और
सम्प्रदाय में पानी को अनमोल नैमत बताया है। बूंद-बूंद पानी का संरक्षण करना,
हमारा कर्तव्य है। हमें इस दायित्व का निर्वहन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि
ऎसे अभियान में जनसहयोग की कमी नहीं होनी चाहिए। स्वामी सुबोध गिरि ने कहा कि
जब हम किसी चीज का अपव्यय करते हैं, तो किसी दूसरे के हिस्से का उपभोग करते
हैं। हमें इस प्रवृति का त्याग करना चाहिए। उन्होंने पानी का मितव्ययता से
उपयोग करने का आह््वान किया तथा कहा कि यह मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान,
हमारे अस्तित्व को बचाए रखने का अभियान है। इसमें सहयोग करना, हमारा दायित्व
है।
जिला कलक्टर वेदप्रकाश ने कहा कि बीकानेर, अनेक प्रतिकूल भौगोलिक
परिस्थितियों वाला जिला है। यहां के लोग जल की कीमत जानते हैं तथा जल संरक्षण
के लिए सदियों से सचेत हैं। यहां जल संरक्षण की अनेक विधियां अपनाई जाती रही
हैं। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान भी इसी तर्ज पर चलने वाला अभियान है।
इसके पहले चरण में अनेक वर्गों के लोगों का सहयोग मिला। दूसरे चरण के लिए
श्रम, संसाधन एवं नकद के रूप में सहयोग अपेक्षित है। जिला परिषद के मुख्य
कार्यकारी अधिकारी बी. एल. मेहरड़ा ने अभियान के प्रारूप की जानकारी दी। इससे
पहले अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला की शुरूआत की।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी नरेन्द्र सिंह
पुरोहित, अधीक्षण अभियंता (जलग्रहण) सुखलाल मीना, घेवरचंद मुसरफ, गोपी गहलोत,
सरोज मरोठी सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी मौजूद थे।
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*जिला कलक्टर ने की पहल, 16 लाख से अधिक राशि की हुई धोषणा*
जिला कलक्टर वेदप्रकाश ने कार्यशाला के दौरान पहल करते हुए पंद्रह
दिनों का वेतन (पचास हजार रूपये) अभियान के तहत सहयोग के रूप में देने की
घोषणा की। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने जिला परिषद कार्मिकों
द्वारा मासिक वेतन से 1 लाख 25 हजार रूपये, समस्त विकास अधिकारियों द्वारा आधे
माह के वेतन से 2 लाख 10 हजार रूपये, समस्त सहायक अभियंताओं जलग्रहण द्वारा
आधे माह वेतन से 2 लाख 10 हजार, पंचायत समिति बीकानेर मंत्रालय कार्मिक संघ
द्वारा 11 हजार और प्रशांत वेद डब्ल्यूडीटी पंचायत समिति खाजूवाला द्वारा 10
हजार रूपये देने की घोषणा की।
इसी प्रकार, जयमलसर व मोरखाणा सरपंच ने 25-25 हजार, नोखड़ा, बेरासर, बजरांगसर,
सोनियासर मीठिया सरपंच, ठेकेदार अनवर अली तथा उदासर के रामलाल कुड़िया ने 21-21
हजार, भाजपा महिला मोर्चा देहात अध्यक्ष सरोज मरोठी ने 11 हजार रूपये देने की
घोषणा की। इसी प्रकार मुखराम धतरवाल भीखनेरा ने 7 लाख 25 हजार, सरपंच करणीसर
भाटियान ने 1 लाख रूपये देने की घोषणा की। वहीं, मोरखाणा के जलग्रहण समिति के
अध्यक्ष शेर सिंह ने अभियान के लिए जेसीबी देने की घोषणा की। इस प्रकार
कार्यशाला के दौरान दानदाताओं ने अभियान के लिए 16 लाख 53 हजार रूपये की राशि
देने की घोषणा की।
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*गुरूवार को खाजूवाला दौरे पर रहेंगे संसदीय सचिव*
बीकानेर, 7 सितम्बर। संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ मेघवाल गुरूवार को खाजूवाला के
दौरे पर रहेंगे। मेघवाल प्रातः 10.30 बजे चन्दी महाविद्यालय में मूर्ति अनावरण
व सुखमणि साहब के पाठ के भोग में शामिल होंगे। इसके बाद वे हाजी जिन्दू खां के
इंतकाल पर शोक व्यक्त करने उनके निवास पर जाएंगे। इसके पश्चात संसदीय सचिव 22
केजेडी में जगदीश सिहाग के निवास पर आयोजित कार्यक्रम तथा 30 केवाईडी में वीर
तेजाजी के जागरण में भाग लेंगे।
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*संभागीय आयुक्त तथा प्रभारी सचिव लेंगे बैठक*
बीकानेर, 7 सितम्बर। संभागीय आयुक्त तथा जिले के प्रभारी सचिव सुवालाल गुरूवार
को प्रातः 9ः30 बजे कलक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक
लेंगे।
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*साक्षरता मानव श्रृंखला आयोजित *
बीकानेर, 7 सितम्बर। अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर बुधवार को
जिला लोक शिक्षा समिति की ओर से ‘साक्षरता मानव श्रृंखला’ का आयोजन किया गया ।
यह श्रृंखला जूनागढ़ से फोर्ट डिस्पेन्सरी, हनुमान हत्था, राजकीय मुद्रणालय ,
अभिलेखागार होते हुए दीनदयाल सर्किल तक आयोजित की गयी।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए राजस्थानी भाषा
साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के पूर्व सचिव डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य ने कहा कि
साक्षरता एवं विकास एक-दूसरे के पूरक हैं। साक्षरता से मानव चेतना भी जागृत
होती है। डॉ. आचार्य ने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वह अपने परिवार और
आस-पास रहने वाले निरक्षरों की पहचान करें और उन्हें साक्षर बनाएं। कार्यक्रम
में जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) हेमेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि साक्षरता के
बाद उत्तर साक्षरता और सतत शिक्षा में सक्रियता से कार्य करने की जरूरत है।
साक्षरता मानव श्रृंखला के अवसर पर बोलते हुए जिला साक्षरता एवं
सतत शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार सोलंकी ने बताया कि जिले में 219 लोक शिक्षा
केन्द्र संचालित हो रहे हैं, जहाँ 438 प्रेरक कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि
जिला अब समतुल्य शिक्षा कार्यक्रम की ओर भी बढ़त बना रहा है। जिले के प्रत्येक
ग्राम में साक्षरता कक्षाओं का संचालन एवं महात्मा गाँधी पुस्तकालय व वाचनालय
भी संचालित हो रहे हैं। सोलंकी ने साक्षर भारत कार्यक्रम की रूपरेखा से भी
अवगत कराया।
साक्षरता मानव श्रृंखला के संयोजक सहायक परियोजना अधिकारी
(वरिष्ठ) राजेन्द्र जोशी ने बताया कि मानव श्रृंखला में साक्षरताकर्मियों ने
साक्षरता नारे लगी तख्तियां लेकर निरक्षरता उन्मूलन का संकल्प लिया। श्रृंखला
में रा.बा.मा.वि. सूरसागर स्कूल के मार्गदर्शन में अग्रवाल माध्यमिक.विद्यालय,
गंगाबाल विद्यालय एवं दयानन्द पब्लिक स्कूल के लगभग 350 साक्षरता स्वयंसेवकों
ने भाग लिया।
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*केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री मेघवाल से मिले एकीकृत कर्मचारी महासंघ के
पदाधिकारी*
बीकानेर, 7 सितम्बर। केन्द्रीय वित्त एवं कम्पनी मामलात राज्यमंत्री श्री
अर्जुनराम मेघवाल ने बुधवार को सांसद सेवा केन्द्र में आमजन के अभाव अभियोग
सुने और समस्याओं के समाधान के लिए उन्हें भरोसा दिलाया।
एकीकृत महासंघ का एक प्रतिनिधि मण्डल संघ के जिला अध्यक्ष एवं
प्रदेश उपाध्यक्ष भंवर पुरोहित के नेतृत्व में केन्द्रीय राज्यमंत्री से मिला।
उन्होंने इंजीनियरिंग कॉलेज के 150 संविदा कार्मिकों को पुनः सेवा में लेेने
के आग्रह किया। मेघवाल ने संगठन के पदाधिकारियों से पूरे मामले की जानकारी ली
तथा कहा कि इस संबंध में उनकी ओर से सकारात्मक प्रयास किए जाएंगे।
मेघवाल ने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थिति में सुधार के लिए
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीआई) से बजट प्राप्त करने के लिए
प्रस्ताव बनाकर भेजा जायेगा। प्रतिनिधि मण्डल में एकीकृत महासंघ के जिला
अध्यक्ष भंवर पुरोहित सहित दिनेश पारीक, नरेन्द्र आचार्य, रमेश उपाध्याय,
महिपाल चौधरी, श्याम तिवाड़ी, सुनील सिंह आदि शामिल थे।
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*कैंसर रोग पहचान, जांच एवं परामर्श शिविर आयोजित*
बीकानेर, 7 सितम्बर। जिला एनसीडी इकाई तथा जिला चिकित्सालय के संयुक्त
तत्वावधान में बुधवार को एसडीएम राजकीय जिला चिकित्सालय में कैंसर रोग की
पहचान, जांच एवं परामर्श शिविर आयोजित किया गया। इस अवसर पर शिविर प्रभारी डॉ.
सी. एस. थानवी के निर्देशन में प्रातः 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक विषय
विशेषज्ञों की टीम द्वारा रोगियों की जांच की गई तथा आवश्यक उपचार उपलब्ध
करवाते हुए लोगों को इस रोग के लक्षण व उपचार के बारे में जानकारी दी गई।
प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. बी. एल. हटीला ने बताया कि शिविर में डॉ. थानवी,
डॉ. एमएस राजपुरोहित डॉ. हिमांशु दाधीच, डॉ. सुषमा व डॉ. सविता ने अपनी
सेवाएं दी।
उन्होंने बताया कि शिविर में बताया गया कि पुरूषों में मुख्यतया
मुंह, फेफडे़, ग्रासनली तथा अग्नाशय कैंसर व महिलों में गर्भाशय, स्तन व मुंह
के कैंसर का खतरा रहता है। ऎसे में सूक्ष्म लक्षण सामने आते ही सम्बंधित
जांचें करवाई जाएं तथा आवश्यक उपचार तुरंत प्रारम्भ किया जाए। इस अवसर पर 11
महिलाओं की स्क्रीनिंग की गई तथा 10 महिलाओं का पेप्समीयर लिया गया। वाईट
डिजेज के 9 मरीज पाए गए। मधुमेह के 58 रोगियों की जांच की गई। जिसमें से 15
रोगियों में मधुमेह पाया गया। शिविर में रक्तचाप के 5 नए मरीज मिले जिन्हें
मौके पर ही उपचार व सलाह दी गई। इस अवसर पर एनसीडी के इन्द्रजीत सिंह ढाका,
पुनीत कुमार, उमेश पुरोहित, धन्नाराम, मनमोहन मिश्रा, मूलचंद आदि ने आमजन को
आईसी मेटेरियल के माध्यम से जागरूक किया।
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*क्षेत्रीय अनुसंधान एवं प्रसार सलाहकार समिति की बैठक आयोजित *
बीकानेर, 7 सितम्बर। कृषि अनुसंधान केन्द्र पर रबी 2015-16 पर जोन 1-सी की दो
दिवसीय क्षेत्रीय अनुसंधान एवं प्रसार सलाहकार समिति की बैठक 6-7 सितम्बर को
आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता क्षेतर््ीय निदेशक अनुसंधान डॉ. शंकर लाल
गोदारा ने की। अतिरिक्त निदेशक डॉं. आर. एस. यादव (अनुसंधान) संयुक्त निदेशक
कृषि (विस्तार) श्री आनन्द स्वरुप छींपा व प्रधान वैज्ञानिक व अध्यक्ष, काजरी
डॉं. एन. डी. यादव भी मौजूद थे।
अध्यक्षीय भाषण में डॉ.गोदारा ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया व जोन 1-सी
के कार्यक्षेत्र व अनुसंधान केन्द्र द्वारा किये गये अनुसंधान कार्यो के बारे
में बताया। उन्हाेंने बताया की हाल ही में कृषि अनुसंधान में कुल 1.60 करोड़
लागत की तीन नई परियोजनाऍं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत स्वीकृत की गई
हैं। डॉं. गोदारा ने बताया कि कृषि अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर पर विकसित मोठ
की किस्म ’आर.एम.ओ.-2251’ को बैंगलुरु में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में
चिन्हित किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की विषम परिस्थितियों को देखते हुए यहॉं अनुसंधान
कार्य अधिक चुनौतीपूर्ण है तथा वैज्ञानिकों व विस्तार कार्यकत्र्ताओं के
प्रयास ऎसी कृषि तकनीकी विकसित करने की हो जो सुगम, कम लागत वाली व मृदा
स्वास्थ्य के लिए हितकर हो। उन्होंने कहा कि मृदा स्वास्थ्य के लिये कृषि में
रसायनों के आवश्यकतानुसार व कम प्रयोग किये जाने चाहिए।
बैठक में कृषि अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिकों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद
के बीकानेर स्थित केन्द्रों के वैज्ञानिकों, बीकानेर, जैसलमेर व चूरु जिलों के
कृषि विभाग के अधिकारियों, कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिकों तथा क्षेत्र
के कृषकों ने भाग लिया। बैठक में अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिकों ने गत रबी
2015-16 में किए गए अनुसंधान कायार्ें को प्रस्तुत किया। गहन चर्चा के बाद सदन
ने कुछ अनुसंधानों से प्राप्त परिणामों के आधार पर उन्हें जोन के लिए समग्र
सिफारिशों में शामिल करने का अनुमोदन किया।
ग्रीन हाउस में खीरा उत्पादन तकनीकी व मूंग में खरतपवार नियंत्रण तकनीकी को
जोन के लिए समग्र सिफारिशों में शामिल करने के लिए स्वीकृति दी। जीरे में
झुलसा व जड़ गलन के नियंत्रण की जैविक तकनीकी, सरसों में ओरोबन्की नियंत्रण की
तकनीकी तथा फसलों में कीट-नियंत्रण हेतु फिरोमोन प्रपन्च के उपयोग की तकनीकी
को भी जोन के लिए कृषि सिफारिशों में शामिल करने की अनुशंषा की।
बैठक में संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) आनन्द स्वरुप छींपा ने सभी
वैज्ञानिकों एवं विस्तार कार्यकत्र्ताओं को क्षेत्र के कृषको की आवश्यकतानुसार
अनुसंधान व विस्तार कार्य करने की सलाह दी। उन्होने कहा कि वैज्ञानिक बाजार
में उपलब्ध अधिक प्रभावशाली कीटनाशी व खरपतवारनाशी रसायनों के प्रयोग पर भी
अपने अनुसंधान निर्धारित करें। अंत में डॉं. गोदारा ने सभी प्रतिभागियों का
बैठक में भाग लेने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। बैठक का संचालन डॉं. नरेन्द्र
कुमार पारीक व डॉं. सुशील कुमार ने किया।
—– मोहन थानवी