बीकानेर, 13 सितम्बर। विद्या भारती, राजस्थान के क्षेत्रीय कार्यकारिणी सदस्य कोटा के राधेश्याम शर्मा ने कहा है कि बच्चों को शिक्षित, संस्कारित व स्वस्थ बनाएं तथा प्रोत्साहित करें। घर को शिक्षण संस्था तथा स्कूल को घर बनाने में विद्यार्थियों की माताएं सक्रिय भूमिका निभाएं। शर्मा मंगलवार को रघुनाथसर कुआं स्थित भारतीय आदर्श विद्या मंदिर माध्यमिक में आयोजित मातृ सम्मेलन 2016 में मुख्य वक्ता के रूप् में बोल रहे थे। सम्मेलन में मुख्य वक्ता शर्मा के साथ सेवानिवृत बैंक अधिकारी कालूराम उपाध्याय, प्रधानाचार्य घनश्याम व्यास ने शिक्षण संस्थान में आयोजित बालकृष्ण रूप् सज्जा व गणवेश, बस्ता प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
शर्मा ने करीब एक घंटें के व्याख्यान में उपस्थित बड़ी संख्या में बच्चों की माताओं से सीधा संवाद करते हुए कहा कि बच्चों के प्रति माताएं जागरूक रहें, उन्हें व्यायाम, प्राणायाम व सेवा व सम्मान करने की भारतीय वैदिक परम्परा का निर्वहन करना सिखाएं। बच्चों के सामने अपना कार्य, व्यवहार, आचरण तथा वचनों की श्रेष्ठ अभिव्यक्ति दें। बच्चें बड़ों को देखकर बहुत कुछ सीखते है। बड़े करते है वैसे ही बच्चे करते है। बच्चों को शैतान नहीं कहें ना ही उन्हें किसी दूसरों के सामने नीचा दिखाते हुए हतोउत्साहित करें । बच्चों को हमेशा प्रोत्साहित करें उन पर अपने विचार नहीं थोपे । उनकी अभिव्यक्ति व इच्छा को पूछकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। चिकित्सक, इंजीनियर बनाने से पहले बच्चों को अच्छा इंसान बनाने का प्रयास करें। बच्चों की कुंठाओं को दूर करें तथा मित्रवत व्यवहार करते हुए उन्हें आगे बढ़ाएं।
सम्मेलन में सेवा निवृत बैंक अधिकारी कालूराम उपाध्याय, विद्यार्थियों की माताओं में श्रीमती कृष्णा शर्मा, अंजलि जोशी व बिन्दू शर्मा ने विचार व्यक्त किए। आयोजन के महत्व को शाला प्रधानाचार्य घनश्याम व्यास ने उजाकर किया। भाव गीत कवीन्द्र श्रीमाली ने प्रस्तुत किया।
विद्या भारती राजस्थान के क्षेत्रीय कार्यकारिणी सदस्य कोटा के राधेश्याम शर्मा ने मंगलवार को ही गंगाशहर, भीनासर, किसमीदेसर स्थित भारतीय आदर्श विद्या मंदिरों में भी व्याख्यान दिया।
संवाद प्रेषक शिव कुमार सोनी, 98297.96214