बाड़मेर / बुधवार को पटवार संघ ने अपनी मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के मुताबिक राजस्व मण्डल द्वारा जहां प्राथमिक कार्यकर्ता उपलब्ध ना हों वहां पटवारी,कृषि पर्यवेक्षकांे द्वारा फसल कटाई प्रयोग करवाये जाने के निर्देष जारी किए है। वर्तमान मंे प्रदेष में कृषि पर्यवेक्षक, सहायक कृषि अधिकारी व भू0 अभिलेख निरीक्षकों के अधिकांष पद भरे हुए है जबकि पटवारियों के 60 प्रतिषत पर रिक्त है। इसके बावजूद भी अधिकांष प्रयोग पटवारियों को आवंटित किए गए है। इस समय पटवारी खरीफ गिरदावरी, जमाबंदी, सेग्रीगेषन, कृषि गणना जैसे महत्वपूर्ण कार्य में व्यस्त है। वर्तमान स्थिति में एक पटवारी को कम से कम 12 तथा अधिकतम 64 प्रयोग आवंटित किए गए है जो कि 2 या 3 पटवार मण्डलों की खरीफ गिरीदावरी, जमाबंदी व अन्य राजस्व कार्यों के साथ किया जाना सम्भव नहीं है और ना ही न्याय संगत है। तथा लैण्ड रिकार्ड रूल्स 1957 के प्रावधानों के विपरीत है। फसल कटाई प्रयागों के निरीक्षण हेतु दौरे पर आए एन0एस0एस0 के अधिकारियों द्वारा भी पटवारियों से प्रयोग करवाए जाने पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि प्रयोग सहायक कृषि अधिकारी/भू0 अभिलेख निरीक्षक से कम स्तर के कार्मिकों से न करवायें जाने की मांग की।
राजस्थान पटवार संघ द्वारा राजस्व विभाग, राजस्व मण्डल की नीतियों एवं जिला कलक्टर्स द्वारा पटवारियों की उपेक्षा के चलते राजस्व विभाग की ये दुर्दषा हो गई है कि ’’जयपुर में विकास अधिकारी द्वारा उपखण्ड अधिकारी से स्पष्टीकरण लिया जा रहा है। सवाई माधोपुर में प्रधानाचार्य एक तहसीलदार को बेईज्जत कर कुर्सी से खड़ा कर देता है। बारां में सहायक कृषि अधिकारी पटवारी को उसकी औकात बता रहा है तथा नायब तहसीलदार को ए0पी0ओ0 करवा देता है। हिण्डौली (बंूदी) में पटवारी पर हमला करने के आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर रही है। झालावाड़ में महिला पटवारी को प्रधान पति धमका रहा है। पटवारियों के साथ उपद्रवी तत्वों द्वारा हमले व नेताओं द्वारा धमकाना आम बात हो गई है। अब वो दिन दूर नहीं जब जिला कलक्टर्स के साथ भी नेताओं व अन्य विभाग के अधिकारियों द्वारा यही व्यवहार किया जाएगा’’।
भंवराराम गोदारा
जिला अध्यक्ष
पटवार संघ जिला बाड़मेर