कृषि क्षेत्रा का विद्यार्थी ‘जोब प्रोवाइडर’ बने

कृषि क्षेत्रा में हो रहे हैं नित नए नवाचार
स्वामी केशवनांद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह आयोजित

convocation-1बीकानेर, 20 अक्टूबर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय का चौदहवां दीक्षांत समारोह गुरूवार को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित हुआ। दीक्षांत समारोह में 685 विद्यार्थियों को स्नातक, 84 विद्यार्थियों को स्नातकोतर, 20 विद्यार्थियों को विद्या वाचस्पति की उपाधि तथा 17 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।
इस अवसर पर केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफेयर्स राज्यमंत्राी अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था, कृषि पर आधारित है। देश की जीडीपी में कृषि का बड़ा योगदान है। यह हिस्सा और बढ़े, इसके लिए कृषि विश्वविद्यालय, कृषि वैज्ञानिक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी कृषि क्षेत्रा में नवाचार करें। उन्होंने कहा कि कृषि शिक्षा वर्तमान युग के अनुकूल हो तथा कृषि क्षेत्रा का विद्यार्थी ‘जॉब प्रोवाइडर’ बने, केन्द्र सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कृषि जींस के जीएसटी से मुक्त रहने की बात कही।
मेघवाल ने कहा कि रेगिस्तानी क्षेत्रा में स्वतः उगने वाली औषधीय वनस्पतियों के संबंध में भी शोध किया जाए। उन्होंने बीकानेर के कृषि विश्वविद्यालय को केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के रूप में क्रमोन्नत करने की बात कही तथा कहा कि यह विश्वविद्यालय संसाधन, भूमि, विशेषज्ञों की उपलब्धता के आधार पर सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। उन्होंने दीक्षांत समारोह में परम्परागत वेशभूषा के स्थान पर भारतीय संस्कृति से संबंधित वेशभूषा पहनने के राज्यपाल के निर्णय का स्वागत किया तथा विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं।
कृषि एवं पशुपालन मंत्राी प्रभुलाल सैनी ने कहा कि राज्य का किसान, कृषि वैज्ञानिकों की सलाह से कृषि में नित नए नवाचार कर रहा है, इससे उत्पादन एवं उत्पादकता में सुधार हुआ है। राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियां अत्यंत प्रतिकूल हैं, लेकिन राज्य सरकार रेगिस्तान को हरा-भरा करने के लिए लगातार प्रयासरत रही है। उन्होंने कहा कि आज कृषि, बागवानी, पशुपालन सहित प्रत्येक क्षेत्रा में नए प्रयोग करने की जरूरत है। सरकार की मंशा है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर की तकनीक लाकर, किसानों की आमदनी बढ़ाई जाए। इसके लिए कई देशों की कृषि पद्धतियों का अध्ययन किया जा रहा है। इसी उद््देश्य से नवंबर में ‘ग्लोबल राजस्थान एग्रोटेक मीट’ का आयोजन जयपुर में किया जा रहा है।
सैनी ने कहा कि ओलिव ऑयल उत्पादन के क्षेत्रा में राजस्थान, देश का सिरमौर बन गया है। यह गुणवत्ता की दृष्टि से स्पेन, ब्राजील और मोरक्को जैसे देशों से कहीं कम नहीं है। इसका उत्पादन और अधिक बढ़ाने की योजना है। उन्होंने बीकानेर संभाग में पिस्ता की खेती की संभावनाओं की जानकारी दी तथा कहा कि इसके लिए क्षेत्रा का चिन्हीकरण किया जा रहा है। उन्होंने राजस्थान में किनवा और ड्रेगन फू्रट के उत्पादन की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह किसी भी विद्यार्थी के जीवन का महत्त्वपूर्ण अवसर है। विद्यार्थी, इसकी महत्ता समझते हुए समाज और देश के उत्थान में अपना योगदान दें।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उपमहानिदेशक (कृषि शिक्षा) डॉ. एन. एस. राठौड़ ने कहा कि भारत सरकार के कृषि शिक्षा के 11 संकायों को व्यावसायिक डिग्री के रूप में मान्यता दे दी है। इससे विद्यार्थियों को भरपूर लाभ होगा। उन्होंने कहा कि किसानों को खेती के परम्परागत तरीकों के साथ, नवीनतम तकनीकों को अपनाना होगा। सरकार की मंशा है कि छात्रा एवं किसान उद्यमी बनें, जिससे सन् 2022 तक उनकी आय दोगुनी की जा सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा ग्रहण कर चुके विद्यार्थी, अपना ज्ञान का सकारात्मक उपयोग करें।
अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. बी. आर. छीपा ने कहा कि अब तक आयोजित 13 दीक्षांत समारोहों में 13 हजार 818 विद्यार्थियों को स्नातक, 3 हजार 495 विद्यार्थियों को स्नातकोतर, 659 विद्यार्थियो को विद्या वाचस्पति की उपाधियां दी जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2015-16 में 3 हजार 115 क्विंटल प्रजनन बीज का उत्पादन एवं राज्य केन्द्रीय बीज निगमों के माध्यम से किसानों में वितरण किया गया है। उन्होंने कहा कि कृषि एवं इससे संबंधित चुनौतियों का सामना करने के लिए विश्वविद्यालय सदैव प्रतिबद्ध रहेगा।
इससे पहले पारम्परिक धुन के साथ विद्वत शोभायात्रा का समारोह स्थल पर प्रवेश हुआ। अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन किया। कुलसचिव डॉ. आई.जे. गुलाटी ने कुलपति तथा समारोह अध्यक्ष की अनुमति से दीक्षांत समारोह के शुभारम्भ की घोषणा की। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न पुस्तकों का विमोचन भी किया गया।
इस अवसर पर महापौर नारायण चौपड़ा, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ए. के. गहलोत, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. चंद्रकला पाडिया, डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य, सहीराम दुसाद, भूपेन्द्र शर्मा, सहायक निदेशक (कॉलेज शिक्षा) दिग्विजय सिंह सहित विश्वविद्यालय के बोम सदस्य, एकेडमिक सदस्य, स्टाफ, विद्यार्थी एवं आमजन मौजूद थे।
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संभाग स्तरीय बैठक 22 अक्टूबर को
बीकानेर, 20 अक्टूबर। मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए कन्टीजेंसी प्लान बनाने एवं स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता के लिए गठित संभाग स्तरीय कमेटी की बैठक 22 अक्टूबर को प्रातः दस बजे संभागीय आयुक्त कार्यालय में संभागीय आयुक्त सुवालाल की अध्यक्षता में आयोजित की जाएगी। कमेटी के सदस्य सचिव तथा अतिरिक्त संभागीय आयुक्त डॉ. राकेश कुमार शर्मा ने बताया कि बैठक में सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, उपनिदेशक स्थानीय निकाय विभाग, संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं तथा अतिरिक्त मुख्य अभियंता पीएचईडी मौजूद रहेंगे।
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राजस्व अधिकारियांे की बैठक स्थगित
बीकानेर, 20 अक्टूबर। राजस्व अधिकारियों की शुक्रवार को मध्यान्ह तीन बजे होने वाली मासिक बैठक पंचायत मुख्यालयों पर आयोजित होने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन कल्याण पंचायत शिविरों के कारण स्थगित कर दी गई है।
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कर्मचारी कल्याण अभियान के तहत हो प्रभावी कार्रवाई-संभागीय आयुक्त
बीकानेर, 20 अक्टूबर। संभागीय आयुक्त सुवालाल ने 30 नवंबर तक चलने वाले कर्मचारी कल्याण अभियान को सफल बनाने के लिए सभी जिला कलक्टर्स को प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
संभागीय आयुक्त ने बताया कि इस अभियान के दौरान कर्मचारियों के सेवा संबंधी प्रकरणांे का निस्तारण किया जा रहा है। अभियान को सफल बनाने के लिए मंत्रालयिक संवर्ग के कर्मचारियों की विशेष भूमिका है। आदेशानुसार कर्मचारियों की समय पर वरिष्ठता सूची जारी नहीं होने, वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन के पूर्ण नहीं होने, कर्मचारियों की जीपीएफ तथा एसआई की पास बुक में कटौतियो का अंकन समय पर नहीं होने के कारण ऋण स्वीकृति आदि में विलम्ब, सेवाभिलेख में आवश्यक प्रविष्टियों का अंकन नहीं होने के कारण सेवानिवृति के समय अड़चन आना, निलम्बन के दौरान निर्वाह भत्ते का समय पर स्वीकृत न होना, कार्मिकों के आवास ऋण, वाहन ऋण का यथासमय अदेयता प्रमाण पत्रा जारी नहीं होना, कर्मचारियों के विभिन्न बिलों का समय पर भुगतान नहीं होना समय पर पेंशन परिलाभों का भुगतान न होना तथा अनुकम्पात्मक नियुक्ति प्रकरणों को समय पर नियोक्ता अधिकारी के पास नहीं भेजना, कार्य सुधार के लिए कार्मिकों के प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था न होना तथा संसाधनों का अभाव जैसी समस्याएं रहती है। इन समस्याओं को दूर करने के लिए संभाग के सभी जिलों के कलक्टर जिला स्तरीय बैठक कर अधिकारियों को निर्देशित करें। उन्होंने कहा कि कार्यालय अध्यक्ष द्वारा अपने स्तर पर लम्बित प्रकरणों की समीक्षा करना भी आवश्यक होगा।
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