बीकानेर, 21 अक्टूबर। स्वामी केशावानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा गांव बेनीसर, तहसील श्रीडूंगरगढ़ में कृषक संवाद का आयोजन किया गया।
स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. छीपा की अध्यक्षता में आयोजित इस कृषक संवाद कार्यक्रम में लगभग 500 कृषक, कृषक महिलाएँ, स्कूली छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। कुलपति प्रो. बी.आर. छीपा ने राज्यपाल का बेनीसर के किसानों के नाम संदेश पढ़कर सुनाया व कहा कि आजकल कृषि आजीविका का साधन नहीं है, बल्कि उद्यमिता बनकर उभर रही है। इसलिए खेती में नवाचार को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें प्रधानमन्त्री द्वारा दिए गए, प्रति बूंद अधिक उपज के मन्त्र को अपनाकर खेती में उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने पर जोर देना चाहिए। उन्होंने महिलाओं और बच्चों में पोषण व शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरुरत बताई व बेनीसर गांव के किसानों को वृक्षारोपण करने का आह्वान किया, जिससे गांव का वातावरण शुद्ध रह सके। उन्होंने किसानों को तालाबों के जीर्णोद्धार व गांव के संस्थागत विकास में योगदान देने के लिए कहा।
समारोह के विशिष्ट अतिथि श्रीडूंगरगढ विधायक किशनाराम नाई ने कहा कि वे इस क्षेत्र के विकास के लिए कृतसंकल्प हैं। गांव बेनीसर में शीघ्र ही माध्यमिक विद्यालय को सीनियर माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत किया जायेगा। साथ ही उन्होंने गांव में खेल मैदान बनाने हेतु राशि दिलवाने की बात कही। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. आई.जे. गुलाटी ने किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह कार्ड खेती की रीढ की हड्डी की तरह है व उत्पादकता बढ़ाने में इसका महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने बताया कि राजस्थान राज्य मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाने में अग्रणी है। इससे किसान को जमीन की ऊपजाउ पन का पता स्वयं चल पायेगा।
प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. पी.एल. नेहरा ने विश्वविद्यालय द्वारा स्मार्ट गांव बेनीसर में की गई गतिविधियों के बारे में बताया। उन्होंने स्मार्ट गांव में अब तक कृषक व कृषक महिलाओं हेतु 37 प्रशिक्षण, 2 दिवसीय कार्यशाला, गृह विज्ञान महाविद्यालय, कृषि महाविद्यालय, बीकानेर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा स्वच्छता पर किये गये कार्यों पर प्रकाश डाला। बेनीसर के सरपंच श्रवण कुमार मेघवाल ने राज्यपाल श्री कल्याण सिंह व कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गांव व इसके आस-पास के क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। उन्होंने ग्रामीणों का आह्वान किया कि वे ग्रामीण विकास के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर भाग लेवें व इस गांव को आदर्श गांव बनाने में अपना योगदान देवें।
विश्वविद्यालय व कृषि विभाग के द्वारा किसानों व कृषक महिलाओं को 20 मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी वितरित किये गये। इस अवसर पर कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक, आनन्द स्वरुप छीपा व उदयभान सिंह उपस्थित थे। इससे पूर्व कृषक वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया। इस संगोष्ठी में डॉ. विमला डुकवाल, डॉ. शंकर लाल गोदारा, डॉ. शिशुपाल सिंह, डॉ. ए.आर. नकवी, डॉ. सागरमल कुमावत, डॉ. सुशील, डॉ. एम.एम. शर्मा, डॉ. एस.एस. शेखावत, डॉ. शीशराम यादव, ने ग्रामीण महिलाओं व कृषकों द्वारा खेती-बाड़ी तथा खाद्य व पोषण सम्बन्धित विषयों पर पूछे गये प्रश्नों का समाधान किया।
इस मौके पर विस्तार निदेशालय द्वारा जल बचत, सौर ऊर्जा, सब्जियों व फसलों के उन्नत बीज, बाजरे के उत्पाद व गांव बेनीसर के विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा कम कीमत में ऊर्जा सम्बन्धित मॉडल बनाकर गांव के बच्चों व अतिथियों को अवगत कराया। प्रदर्शनी प्रभारी डॉ. जे.पी. लखेरा, ईजी. जे.के. गौड़, डॉ. भारती भटनागर व डॉ. बी.एस. मिठारवाल रहे। डॉ. सुभाष चौधरी, उपनिदेशक प्रसार, डॉ. वृजेन्द्र त्रिपाठी ने संचालन किया। कृषि विज्ञान केन्द्र, बीछवाल-बीकानेर के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं स्मार्ट गांव बेनीसर की कार्यान्वयन संस्था के नोडल ऑफिसर डॉ. इन्द्र मोहन वर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
——- मोहन थानवी