मेनार।
स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले पोषाहार की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए राज्य सरकार ने जिला व ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को हर माह स्कूलों में जाकर निरीक्षण करने के आदेश दे रखे हैं। लेकिन ब्लॉक स्तर के अधिकारियों द्वारा निर्धारित संख्या में निरीक्षण नहीं किए जा रहे हैं।
इससे मिड डे मील आयुक्तालय के आदेश कागजी बन कर रह गए हैं। राज्य सरकार ने बच्चों को स्कूलों में गुणवत्ता युक्त भोजन उपलब्ध हो रहा है या नहीं इसके लिए जिला स्तर व ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को हर माह निर्धारित निरीक्षण करने के निर्देश दे रखे है लेकिन इन अधिकारियों को फुर्सत ही नहीं है कि वे बच्चों का दिए जा रहे भोजन का निरीक्षण कर सकें।
आयुक्तालय मिड डे मील की ओर से जारी निर्देशों में जिला कलक्टरों व अतिरिक्त जिला कलक्टरों, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को महीने में 5-5 स्कूल में पोषाहार की जांच करने को कहा गया है लेकिन इन अधिकारियों को इतना समय ही नहीं है कि वह बच्चों के पोषाहार की जांच कर सकें। ऐसा ही मामला पंचायत समिति भिंडर ब्लाक के विभिन्न पंचायतों के अंतर्गत चलने वाले हैं स्कूलों देखने को मिल रहा है साथ ही रुंडेडा,वाना ,बामणिया ,भमरसिया, भटेवर जैसी कई पंचयतो में कई बार शिकायत आने के बावजूद भी कोई सुध लेने वाला नही हे ।
इसके अलावा एसडीएम, एसीएम, बीडीओ आदि को महीने में 10-10 स्कूल, जिला शिक्षा अधिकारियों, खण्ड शिक्षा अधिकारियों, उपखण्ड शिक्षा अधिकारियों को भी माह में 20-20 स्कूल में मिड डे मील की गुणवत्ता की जांच करने के निर्देश हैं लेकिन स्थिति यह है कि कोई भी अधिकारी निर्धारित निरीक्षण नहीं कर रहा है।
उन्हे स्कूलों में बच्चों को कैसा भोजन परोसा जा रही है इससे कोई सरोकार नहीं है जिससे आयुक्त मिड डे मील के हर माह नियमित निरीक्षण करने के आदेश हवा हो रहे हैं।
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