प्रत्येक मातृ मृत्यु का हो पाएगा सामजिक अंकेक्षण

महिला मृत्यु की सूचना देने वाले को स्वास्थ्य विभाग करवाएगा 200 रूपए का मोबाइल रिचार्ज

राजस्थान में महिला मृत्यु की सूचना देने वाले को स्वास्थ्य विभाग प्रोत्साहन स्वरूप द्वारा 200 रुपए मोबाइल रिचार्ज के माध्यम से देय होंगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने स्वास्थ्य विभाग के इस नवाचार की जानकारी देते हुए बताया कि 15 से 49 वर्ष आयु की किसी भी महिला जिसकी मृत्यु किसी भी कारणों से घर पर या रास्ते में हुई हो, उसकी मृत्यु की सूचना यदि कोई व्यक्ति 24 घंटे के अन्दर टोल फ्री नंबर 104 या 108 पर कॉल कर के या नजदीकी ई मित्र पर देता है तो विभाग द्वारा 3 दिन के भीतर एएनएमध्एलएचवी या आशा द्वारा सूचना का सत्यापन करवाया जाएगा और सूचना सही पाए जाने पर सूचना देनेवाले प्रथम जागरूक जिम्मेदार व्यक्ति के मोबाइल पर स्वास्थ्य विभाग 200 रूपए का रिचार्ज करवाएगा।
सूचना प्रदाता को महिला जिसकी मृत्यु हुई है उसका नाम, पिता/पति का नाम, पता, महिला की अनुमानित आयु, मृत्यु की दिनांक, समय, स्थान व मृत्यु के संभवित कारण की जानकारी व स्वयं का परिचय देना होगा। सूचना का सत्यापन होने पर उसके सही या गलत होने की जानकारी खंड स्तर पर विभागीय ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में दर्ज की जाएगी। फिर सूचना सही होने पर सीएमएचओ की अनुशंषा पर निदेशालय जयपुर स्तर से सूचना प्रदाता के मोबाइल पर 200 रूपए का रिचार्ज कर दिया जाएगा। रिचार्ज द्वारा प्रोत्साहन का नवाचार जितना अनूठा है उतना ही आसान व पारदर्शी। इस पुरस्कार के लिए न्यूनतम कागजी कार्यवाही द्वारा सही व्यक्ति को तुरंत बिना झंझट के फायदा मिल जाता है।
सीएमएचओ द्वारा इस योजना की प्रत्येक खंड व सेक्टर स्तर की बैठक में चर्चा करने व अन्तर्विभागीय बैठकों में भी इसकी जानकारी देने के निर्देश सभी खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को दिए गए हैं क्यों कि योजना के आम जन तक पहुचने हेतु इसका समुचित प्रचार प्रसार बहुत जरुरी है।
डॉ. चौधरी ने बताया कि किसी की मृत्यु होना उसके परिवार के लिए बड़ा दुखद समय होता है लेकिन उसके कारणों की समीक्षा कर जाने कितनी जिंदगियां बचाई जा सकती है अतः उसकी जानकारी सही समय पर मिले ये अति आवश्यक है।

मातृ मृत्यु क्या है ?
15 से 49 आयु की महिला की मृत्यु गर्भावास्था, प्रसव/गर्भ समापन अथवा प्रसव के 42 दिन के भीतर गर्भावस्था की अवधि या स्थल का ध्यान किए बिना गर्भावास्था या उसके प्रबंधन से जुड़े किसी भी कारण से अथवा गर्भावस्था द्वारा उस कारण के बढ़ने से, हुई मृत्यु को मातृ मृत्यु कहते हैं।

मातृ मृत्यु के प्रमुख कारण
रक्त स्त्राव, संक्रमण, उच्च रक्त चाप, गर्भपात एवं खून की कमी।

मातृ मृत्यु का समाजिक अंकेक्षण
प्रत्येक मातृ मृत्यु की सूचना मिलने पर खंड या जिला स्तरीय अधिकारी कर्मचारी मृतक महिला के घर जा कर उसकी मृत्यु के कारणों की समीक्षा करते हैं जिससे न केवल विभागीय जिम्मेदारी तय होती है बल्कि समाज में भी उस कारण के प्रति जागरूकता का संचार होता है और यदि वह कारण मानवीय सीमा में है तो कम से कम उस कारण से तो उस क्षेत्र में कोई माँ की जान ना जाए, ये सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाता है।

मातृ मृत्यु की वस्तु स्थिति
एस.आर.एस. सर्वे 2012-13 के अनुसार राज्य की मातृ मृत्यु दर 244 प्रति लाख जीवित जन्म है व बीकानेर संभाग की 191 है। प्रतिवर्ष राज्य में 3000 से अधिक माताओं की मृत्यु होती है जबकि 25-30 प्रतिशत मातृ मृत्यु की सूचना ही प्राप्त होती है।

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