हरिश शर्मा , 23 नवम्बर। ग्राम पंचायत घटटी के गांव भग्ग का डाण्डा में करीब दो साल से खण्डर पड़ा प्राथमिक विद्यालय का भवन जिसकी कुछ समय पहले दैनिक नवज्योति में खबर प्रकाशित की गई थी। जिसपर राज सरकार द्वारा नए विद्यालय भवन के लिए सर्वशिक्षा अभियान द्वारा 7 लाख 60 हजार रूप्ये स्वीकृत हुए थे जो विद्यालय शाखा प्रबन्ध के खाते में आ गए। जिस पर 21 / 11 / 2016 को विद्यालय प्रशासन व भवन निर्माण समिति ने प्रस्ताव लेकर कार्य आरम्भ कर दिया। मंगलवार को नींव खुदाईकर नींव भर दी गई। जिसके बाद कनिष्ट अभियन्ता को सूचना दी गई। बुधवार सुबह गांव वालों की शिकायत पर जब संवाददाता ने वहा जाकर देखा तो गांव वालों का विद्यालय प्रशासन एवं भवन निर्माण विकास समिति के खिलाफ व ठेकेदार के खिफाफ गुस्सा फट पड़ा व गांव वालों ने घटिया निर्माण के चलते नीवं भराई के बाद कार्य बन्द करा दिया गया। गांव के मोरसिंह बन्जारा ने बताया कि लोकल नदी नालों की रेत से कार्यहो रहा है। व 40 तगारी में 1 कटटा सीमेन्ट मिलाकर नीवं भरी गई है। नींव में नीचे गिटटी रेत मिलाकर नहीं डाली गई लगभग 1 फिट नींव खोदकर सीधे आड़े तीरछे पत्थर भर उपर से चुनाई का मसाला डाल दिया गया। कहने पर कहा कि यह रेत बहुत बढ़िया ह ै मसाला बहुत डाल रहे है । भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष रामसिंह के बेटे इन्दर सिंह ने बताया कि नींव में गिटटी नहीं डाली गई है। व लोकर रेत से ही नीवं भरी गई है। विद्यालय के शिक्षक मनीन्द्र व सुरेन्द्र सेन ने बताया कि हमारे द्वारा 2 कारीगरों को बुलाकर नीवं का दागबेल दिलवाकर नीवं खुदाईकरवाकर यह कार्य एसएमसी द्वारा करवाया जा रहा है। उन्होने बताया कि नीवं में पीसीसी का कोई नियम नहीं है। हमने पीपल्दा में बहुत भवन बना दिये है कहीं पर भी नीचे नीवं में कहीं पीसीसी नहीं की गई है। व पीसीी तो उस जगह की जाती है जहां नीवं कीगहराई 10 -10 फीट हो पीसीसी का नियम कहीं पर भी नहीं है। जिससे पता लगता है कि अध्यापकों का भवन निर्माण में कितना ध्यान है। जबकि नियम यह है कि सर्वशिक्षा अभियान के कनिष्ट अभियन्ता को लाकर जगह दिखाकर नीवं खुदाई के दागबेल दिलाना व नीवं भरते समय नीवं में पीसीसी करके उसके बाद पत्थरों की चुनाई करना उसके बाद बनास रेत में 18 तगारी में 1 कटटा सीमेन्ट मिलाकर कार्य करने के नियम है।
पुराना भवन व नए भवन का योग संयोग अध्यापक एवं अध्यक्ष वही कैसे हो गुणवत्ता पूर्वक निर्माण।
भवन निर्माण समिति द्वारा 2003 में खण्डहर हुए भवन का निर्माण हुआ किया गया था। जिस समय भी सुरेन्द्र सेन अध्यापक व भवन निर्माण समिति का अध्यक्ष रामसिंह बन्जारा ही थे। और अभी जो भवन निर्माझा हो रहा है उस समय भी अध्यापक एवं अध्यक्ष भी वही है। जब पुराने भवन का ही इन दोनों की देखरेख में इतना घटिया निर्माण हुआ था । जो अभी नए बनाए जा रहे भवन की क्या दुर्दशा होगी। इन्होने तो नीवं से ही घटिया निर्माण चालू कर दिया है। जब अध्यापक मनीन्द्र से पूछाकि जब घटिया निर्माण के चलते पुराना भवन ही खण्डहर होगया है तो अब जब आप नए भवन का निर्माण करावा रहे हो उसमे भी घटिया सामग्री का उपयोग कर नीवं में पीसीसी नहीं की जा रही है अगर भविष्य में ये भवेन गिर गया तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। तो अध्यापक ने कहा कि एसएमसी के सदस्य व गांव वाले इसके जिम्मेदार होगे न की अध्यापक। जबकि गांव वालों का कहना है कि हम तो सिर्फ यहां पर मजदूरी कर रहे है भवन निर्माण का ठेका तो किसी बंगाली को दिया गया ह ै।
सर्वशिक्षा अभियान के कनिष्ट अभियन्ता कृष्णमोहन पाण्डेय ने बताया कि मेरेे द्वारा विद्यालय भवन की दागबेल नहीं दी गई है। मुझे इसकी कोई सूचना नहीं दी गई थी। दोपहर को मुझे ता लगा तो मेने जाकर देखा तो नीवं भर चुकी थी व घटियंा रेत से निर्माण हो रहा था।
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सरोज दिक्षीत ने बताया कि सर्वशिक्षा अभियान से 7लाख 60 हजार रूप्ये स्वीकृत हुए है। अगर भवन निर्माण के शुरूआती चरण में ही घटिया निर्माण हो रहा है तो कनिष्ट अभियन्ता को भेजकर जांच करवायी जायेगी। इसके साथ ही विद्यालय प्रशासन को नोटिस जारी किया जायेगा।
सर्वशिक्षा अभियाान के मुख्य अभियन्ता राकेश यादव ने बताया कि नीवं में पीसीसी का नियम है व हमारे द्वारा नींव खुदाई के लिएदागबेल दिया जाता है अगर अध्यापक द्वारा अपने द्वारा ही दागबेल दे दिया है तो गलत है। जॉच कर उचित कार्यवाही की जायेगी।
