आधा पीपीएम से ज्यादा फ्लोराइड वाला पानी भी दे सकता है फ्लौरोसिस की बीमारी

अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में विशेषज्ञों ने जताई चिंता

whatsapp-image-2016-11-24-at-5-41-24-pmपेय जल में फ्लोराइड की मात्रा 0.5 पीपीएम से ज्यादा हो तो ये आपकी हड्डियों व दांतों के लिए घातक हो सकती है। लगातार ऐसे पानी का सेवन करने से फ्लौरोसिस जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने बताया कि हाल ही में फ्लोराइड अनुसंधान पर अंतर्राष्ट्रीय सोसाइटी के हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पोषण संस्थान में आयोजित 33 वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन में विशेषज्ञों ने इस बात का पुर जोर समर्थन किया कि फ्लौरोसिस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए भारत में पानी में फ्लोराइड के वर्तमान स्वीकृत मानक स्तर 1 पीपीएम को घटा कर 0.5 पीपीएम कर देना चाहिए क्योकि गरीब व दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में निवास कर रहे भारतीयों के भोजन में कैल्सियम, विटामिन व आयरन के अभाव के चलते 1 पीपीएम से अधिक मात्रा वाले पानी का लगातार सेवन भी फ्लौरोसिस दे सकता है।
कांफ्रेंस में यह तथ्य भी उभरकर आया कि मात्र स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों के बजाय जलदाय विभाग, नगर/ग्रामीण निकाय, केमिस्ट व डेंटिस्ट का भी समन्वय आवश्यक है। 3 दिवसीय कांफ्रेंस में सोसाइटी के अध्यक्ष अरुण एल. खंडारे द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में फ्लोराइड टेस्टिंग लैब की स्थापना का प्रस्ताव रखा गया।
कांफ्रेस में बीकानेर से सीएमएचओ डॉ. देवेन्द्र चौधरी व जिला फ्लौरोसिस सलाहकार महेंद्र जायसवाल सहित राज्य नोडल अधिकारी डॉ. देवेन्द्र शर्मा व डॉ. दीपक चौधरी तथा राजस्थान के 17 जिलों के दलों ने भाग लिया।

क्या है फ्लौरोसिस ?
डॉ. चौधरी ने जानकारी दी कि लगातार अधिक फ्लोराइड युक्त पानी, तम्बाकू, सुपारी, काली चाय, काला नमक इत्यादि का सेवन व फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट का उपयोग करने पर हड्डियों में टेढ़ापन, कुबड़ापन, दांतों में पीलापन को फ्लौरोसिस कहते है।
फ्लौरोसिस से बचने के लिए वर्षा जल एकत्र कर पिएँ, ईमली, आंवला, नीम्बू, हरी सब्जियां, दूध-दही, विटामिन सी, डी, कैल्सियम व आयरन युक्त खाद्यों का सेवन करना चाहिए।

जिले की स्थिति
जिला फ्लौरोसिस सलाहकार महेंद्र जायसवाल ने बताया कि राष्ट्रीय फ्लौरोसिस नियंत्रण कार्यक्रम के तहत गत 2 वर्षों के दौरान गाँव-गाँव से किए गए सर्वे व टेस्ट के दौरान पानी के कुल 557 सैंपल लिए गए जिसमे से 249 सैंपल में फ्लोराइड का स्तर 1 पीपीएम से अधिक पाया गया। इसी प्रकार संदिग्ध फ्लौरोसिस रोगियों के लिए गए कुल 2250 यूरिन सैंपल में से 1948 व्यक्तियों के मूत्र में फ्लोराइड का स्तर 1 पीपीएम से अधिक पाया गया है। जिला फ्लौरोसिस ईकाई द्वारा फ्लौरोसिस नियंत्रण हेतु सर्वे, टेस्टिंग, आई.ई.सी. द्वारा जन जागरण व रोगियों का निःशुल्क उपचार करवाया जाता है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
बीकानेर

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