बीकानेर 25 नवम्बर, 2016। प्रसार षिक्षा निदेषालय, स्वामी केषवानन्द राजस्थान कृषि विष्वविद्यालय, बीकानेर द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित ‘‘सूचना संचार तकनीकी का षिक्षा और ग्रामीण विकास में उपयोग’’ विषय पर आयोजित 21 दिवषीय पाठयक्रम के समापन समारोह में संवाद करते हुऐ माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर बी.आर. छीपा ने कहा कि ग्रामीण विकास में सूचना संचार तकनीकी का महत्व दिन प्रतिदिन बढता जा रहा हैं। इसके मद्धेयनजर युवा वैज्ञानिको को कृषि तकनीकी के प्रसार में नये नये संचार साधनो का उपयोग करना चाहिये ताकि कृषि तकनीकी का किसान ज्यादा से ज्यादा फायदा उठा सके।
डॉ. पी.एल. नेहरा, निदेषक प्रसार षिक्षा ने सत्र समापन को सम्बोधित करते हुऐ कहा कि कृषि वैज्ञानिक को सूचना संचार तकनीकी के कृष्क सहयोगी माड्युल्स विकसीत करके उसका ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण स्तर तक प्रसार करना चाहिए।
पाठ्यक्रम निदेषक डॉ. चित्रा हेनरी ने 13 राज्यो से विभिन्न विषय विषेषज्ञ की सूचना संचार तकनीकी के भविषय में आवष्यकता व महत्व पर प्रकाष डाला।
इस अवसर पर विष्वविद्यालय के निदेषक, अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे। डॉ. दीपक चतुर्वेदी, पाठ्यक्रम समन्वयक ने उक्त कार्यक्रम के समापन अवसर पर धन्यवाद दिया। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. सीमा त्यागी द्वारा किया गया।
Chitra Henry
पाठ्यक्रम निदेषक