लोक अदालत ने लीलाकंवर को दिलाई राहत

bikaner samacharबीकानेर, 1 दिसम्बर। जिले के ग्राम मोखा चारणान की लीलाकंवर के प्रकरण में राहत दिलाते हुए स्थायी लोक अदालत ने जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेट को लीलाकंवर के पति की मृत्यु के लिए जिम्मेदार मानते हुए प्रार्थी को बतौर क्षतिपूर्ति 6,50000 रूपए देने का आदेश दिया है। साथ ही इस राशि पर प्रार्थी 18 मई 2016 से 7 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज भी प्राप्त करने के अधिकारी बताया है। इस राशि में से प्रार्थी की नाबालिग संतानों के खाते में 50-50 हजार रूपये की एफडीआर कराई जाने के आदेश दिए गए हैं जबकि शेष पांच लाख रूपये की राशि व ब्याज लीलाकंवर को देनी होगी। जिसमें से निगम को 1 लाख रूपये लीलाकंवर के बचत खाते में व शेष राशि 2-2 वर्ष के अंतराल से 50-50 हजार रूपये बचत खाते में जमा करानी होगी।
स्थायी लोक अदालत की अध्यक्ष डॉ श्रीमती कमलदत्त व सदस्य श्रीमती मधुलिका आचार्य व महेन्द्र कुमार जैन द्वारा पारित निर्णय में कहा गया कि पूरे प्रकरण में उपलब्ध साक्ष्य व दस्तावेज से स्पष्ट है कि जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेट द्वारा बिजली की लाइनो का सही तरीके से रखरखाब नहीं किया गया। इस कारण जेठूदान की मृत्यु होने के लिए वही उतरदायी है। लीलाकंवर के पति जेठूदान की असामयिक मौत ग्राम मोखा चारणान में 7 मार्च 2015 को कृषि कार्य कर लौटते समय फव्वारे का पाइप खेत में से गुजर रही 11000 वोल्ट की विद्युत लाइन से टकरा जाने के कारण हो गई थी। लोक अदालत ने माना कि यह दुर्घटना विघुत विभाग की लापरवाही, गलफत एवम् गलती के कारण घटित हुई है। इस सम्बन्ध में पुलिस रिपोर्ट भी की गई एवम् पुलिस की जांच में रिपोर्ट की पुष्टि हो गई है। इससे पूर्व प्रकरण में दोनों पक्षकारो को सुनवाई का पूरा मौका देकर अपने अपने दस्तावेज प्रस्तुत करने का मौका दिया गया।

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