डिजिटल शिक्षा में नई क्रान्ति लाएगा मिस्टर भारतीय ऐप

bikaner samacharबीकानेर : अब स्कूली बच्चों को घर बैठे मोबाइल एप पर वीडियो ट्यूटोरियल्स के माध्यम से अपने पाठ्यक्रम की पुस्तकों का ज्ञान नि:शुल्क मिल जाएगा तो उनकी शैक्षिक तरक्की में चार-चांद लग जाएंगे। सबसे ज्यादा फायदा उन विद्यार्थियों को होगा जो दूर-दराज के गांवों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं। शिक्षा की डिजिटल अलख जगाने और देश के सबसे बड़े स्कूल बनाने का सपना साकार करने के लिए ‘मिस्टर भारतीय’ मोबाइल एप्लीकेशन की लांचिंग की गई। लांचिग अवसर पर ही मिस्टर भारतीय एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज राजपुरोहित, दिनेश राजपुरोहित, धीरेन्द्र श्रीमाली, मनीष जोशी, हिमांशु माथुर, डॉ. स्वाति गोखरू, हिमांशु कोठारी ने ऐप के ब्रॉशर का भी विमोचन किया। मिस्टर भारतीय एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज राजपुरोहित ने बताया कि लॉन्चिंग के साथ ही 14.5 एमबी के इस ऐप को कोई भी विद्यार्थी गूगल प्ले स्टोर, एप्पल स्टोर सहित अन्य माध्यमों से आसानी से डाउनलोड कर सकता है। ज्ञान के इस अथाह भंडार को देश के मूर्धन्य शिक्षकों के कई नायाब ट्यूटोरियल्स से सुसज्जित किया गया है। पहले चरण में एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम के अनुसार 9वीं से 12वीं कक्षा के विषयों पर वीडियो हिन्दी व अंग्रेजी में उपलब्ध हैं जिन्हें तीन राज्यों के 19 शिक्षकों की टीम ने 550 वीडियो ट्यूटोरियल एलएम एस तकनीक (लर्निग मैनेजमेंट सिस्टम विद ग्राफिक व्यू) से तैयार किए हैं। जो बच्चे महंगे कोचिंग अफोर्ड नहीं पाते हैं, उनके लिए यह वरदान साबित होगा। यहां उन्हें कंटेंट के साथ ही शॉर्ट नोट्स कैप्स्यूल, ट्यूटोरियल, अभ्यास प्रश्नों के सेट, परिकल्पनाओं व अवधारणाओं से संबंधित सभी समस्याओं का सरल और सिलसिलेवार उत्तर मिलेगा। इन नोट्स को ऑफलाइन भी पढ़ा जा सकता है। यही नहीं एग्जाम की सटीक तैयारी के लिए नोट्स के प्रिंट भी लिए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि स्टार टीचर्स राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा सम्मानित एवं गुगूल से प्रमाणित प्रोफेसर्स हैं जो अपने विषयों के निष्णात और शोध में 25 से अधिक वर्ष का अनुभव लिए हैं। मिस्टर भारतीय समय की मांग और समाज के लिए अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगा। इससे जहां एक ओर बालिका शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा वहां कोचिंग में व्यर्थ में खर्च हो रहे धन में कमी आएगी। प्राइवेट परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को भी यह उत्प्रेरित करेगा और अप्रत्यक्ष रूप से छात्रों में जो तनाव और आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ रही है, उस पर अंकुश लगेगा।

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