(राजस्थान सिविल सर्विसेज अपीलीय अधिकरण, जयपुर का मामला)
जयपुर, राजस्थान सिविल सर्विसेज अपीलीय अधिकरण ने सेवानिवृŸ कर्मचारी मदन लाल शर्मा के मामले में वसूली आदेश पर रोक लगाते हुये राज्य सरकार, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक, सवाईमाधोपुर, संयुक्त निदेशक, पेंशन एवं पेंशन कल्याण विभाग, उपनिदेशक, माध्यमिक शिक्षा, भरतपुर से जवाब तलब किया है। उल्लेखनीय है कि प्रार्थी मदन लाल शर्मा ने अपने अधिवक्ता डी.पी.शर्मा के माध्यम से अधिकरण के समक्ष अपील प्रस्तुत कर निवेदन किया कि प्रार्थी की नियुक्ति दिनांक 01.07.81 को हुई थी तथा उसकी पदोन्नति दिनांक 31.10.2000 को द्वितीय श्रैणी अध्यापक के पद पर हुई तथा पुनः व्याख्याता के पद पर दिनांक 27.07.2015 को हुई तथा दिनांक 31.07.2016 को सेवानिवृŸ हो गये। सेवानिवृŸि के पश्चात् प्रार्थी का मामला पेंशन विभाग में भेजा गया तो उसमे आक्षेप लगाकर वसूली के आदेश यह कहते हुये दिये कि प्रार्थी की पदोन्नति वरिष्ठ अध्यापक के पद पर दिनांक 31.10.2000 अंकित की गई है, अतः दिनांक 01.07.2008 को 27 वर्षीय एसीपी 4800 ग्रेड पे गलत दी गई है। 4200 ग्रेड पे व 3 प्रतिशत ही देय है। प्रार्थी के अधिवक्ता का तर्क था कि पेंशन विभाग द्वारा जारी वसूली आदेश पूर्णतया मनमाना है क्यांेकि प्रार्थी का पूर्व में नियमानुसार वेतन दिया गया यदि यह मान भी लिया जाये कि प्रार्थी को अधिक वेतन दिया गया तो भी वसूल नहीं किया जा सकता क्योंकि प्रार्थी ने अधिक वेतन मिथ्या अभिवचन व धोखे से वेतन प्राप्त नहीं किया हैं तथा राज्य सरकार के आदेश दिनांक 17.08.2016 के तहत व्यवस्था है कि सेवानिवृŸ कर्मचारी से वेतन की वसूली नहीं की जा सकती तथा इस आदेश की अनदेखी कर पेंशन विभाग द्वारा मनमाना आक्षेप लगाया गया ताकि पेंशन में देरी हो सके तथा प्रार्थी से अनुचित रूप से वेतन की वसूली की जाये। मामले की सुनवाई के पश्चात् अधिकरण ने उक्त आदेश दिये।