बाड़मेर।
धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोट बंदी के मार्फत यह बताया कि हम काले धन को लेकर बड़े गंभीर हैं।लेकिन प्राइवेट बैंकों ने मोदी की सारी योजना को पलीता देकर तबाह कर दिया है।
बाड़मेर में एक ऐसा ही गंभीर मसला इन दिनों सामने आया है जिसमें दो प्राइवेट बैंक इंडसइंड बैंक और यस बैंक के मैनेजर के साथ एक भारतीय जनता पार्टी के नेता ने सांठगांठ कर गरीब और दलित वर्ग के लोगों के सैकड़ों अकाउंट फर्जी तरीके से खुलवाए और उसमें अकूत काली संपत्ति का लेन देन इन एकाउंट्स के मार्फत हुआ है।
मजे की बात यह है कि प्राइवेट बैंकों के मैनेजर ने भी कुछ धन के लालच में प्रधानमंत्री मोदी को भी ठेंगा दिखा दिया है। इस बीजेपी के तथाकथित नेता की ग्वार गम की फैक्ट्री में ये गरीब मजदूर काम करते थे जिनको इस नेता ने बीमा करवाने के नाम पर फोटो और आइडेंटी कार्ड ले लिए और बैंक मैनेजर के साथ सांठगांठ कर उनके फर्जी बैंक खाते खुलवा दिए।
जिसमें लाखों रुपए का ट्रांजैक्शन आज भी बेधड़क किया जा रहा है ऐसे में काले धन के इन कुबेरों पर इनकम टैक्स की नजर अभी तक क्यों नहीं गई यह बड़ा सवाल है और आयकर अधिकारियों के भी इस बीजेपी के नेता और बाड़मेर शहर के धनकुबेर के साथ साथ सांठगांठ के अंदेशे से से भी इनकार नहीं किया जा रहा है।
इन परिवारों ने बीजेपी जिला महामंत्री कैलाश कोटडिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की मांग का ज्ञापन कार्यालय अधीक्षक को सौंपा। साथ ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामेश्वर मेघवाल से भी पीड़ित परिवारों ने मुलाकात की और उन्हें बताया कि उनकी बिना सहमति के खोले गए एकाउंट्स में बीजेपी के जिला महामंत्री कैलाश कोटडिया और उनके परिवार के फैक्ट्री में काम संभालने वाले लोगों ने बीमा करवाने के नाम पर उनसे कागजात लिए और पहले उन अकाउंट का उपयोग शेयर मार्केट में किया और बाद में नोट बंदी के दौरान लाखों रुपए की ब्लैकमनी उनके अकाउंट में डाल कर विड्रॉल कर दिए इस गंभीर घटना को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामेश्वर मेघवाल ने प्रकरण की जांच करवाने की बात कही है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामेश्वर मेघवाल ने कहा कि कई गांवों के लोग उनके पास आए जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं उन्होंने ग्वारगम फैक्ट्री संचालक के खिलाफ ज्ञापन सौंप कर कार्यवाही की मांग की है, और पुलिस इस मसले की गंभीरता से जांच करवाएगी व
अब सदर थाने में मुकदमा दर्ज करवाने के लिए परिवाद पेश किया हैं जिसे सदर पुलिस ने स्वीकार करते हुए जांच प्रारम्भ की हैं। मामले की जाँच सब इंस्पेक्टर केसर कंवर कर रही है | उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही भाजपा नेता की हलक से काला धन सामने आएगा |
सदर थाना अधिकारी जय राम चौधरी ने बताया कि अचलाराम सेन चौथाराम भील वगैरह करीब आधा दर्जन लोगों ने यह रिपोर्ट सदर थाने में पेश की कि कैलाश कोटडिया, हितेश कोटडिया और श्रीकांत ने कुछ समय पहले श्रमिकों का बीमा करवाने का कहकर उनके और परिवार के लोगों के कागजात फोटो प्राप्त किए थे। कैलाश कोटडिया ने उनको बताया था कि दुर्घटना या कोई गंभीर बीमारी होने की स्थिति में उनको निशुल्क चिकित्सा और बीमा राशि प्रदान की जाएगी लेकिन बीमा करवाने की बजाए उसने बाड़मेर की यस बैंक और इंडसइंड बैंक में उनके नाम से और उनके परिवारजनों के नाम फर्जी बैंक अकाउंट खुलवा दिए। जिनमें से कई अकाउंट शेयर मार्केट में उपयोग के लिए डीमेट अकाउंट थे। उनको इस गोरखधंधे का तब पता चला जब नोट बंदी के बाद उनके घर इंडसइंड बैंक की बैंक स्टेटमेंट और यस बैंक की चेक बुक पहुंची उन्होंने जब इन दस्तावेजों की बारे में पढ़े लिखे लोगों से जानकारी प्राप्त की तो पता चला कि उनके नाम से अकाउंट खुल गए हैं और लाखों रुपए का ट्रांजेक्शन नोट बंदी के दौरान हुआ है।
इस घटना के बाद उन्होंने बैंक से भी संपर्क किया लेकिन बैंक कर्मचारियों ने उनको किसी भी तरीके से संतोषप्रद जवाब नहीं दिया साथ ही जब कैलाश कोटडिया को इस बात की भनक पड़ी। पीड़ित परिवार अब उसके खिलाफ कार्यवाही करवाने जा रहे हैं तो उन्होंने पीड़ित परिवारों को घर जाकर धमकाया और यह लालच भी दिया कि अगर उन्होंने इस मामले को लेकर चुप्पी साधे रखी तो उनको कुछ पैसा दिया जाएगा लेकिन पीड़ित परिवारों ने उनके इस प्रलोभन को सिरे से नकार दिया और यह कह दिया कि हमें इस पैसे से मतलब नहीं है सिर्फ हमें यह बताया जाए कि हमारी बिना सहमति के एकाउंट क्यों खुलवाए गए और अब अगर उनके विरुद्ध इनकम टैक्स या फिर दूसरे संबंधित विभाग कार्रवाई करेंगे तो इसका जिम्मेदार कौन होगा ?
इस पर कैलाश कोटडिया ने उनको धमकाते हुए यह कह दिया कि गाड़ियों के पीछे घसीटकर उन्हें मार दिया जाएगा वरना वह अपनी जुबान बंद रखें अंत में भयभीत होकर उन्होंने पहले अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से गुहार की और शनिवार को सदर थाने पहुंच कर उन्होंने कैलाश कोटडिया हितेश कोटड़ीया और श्रीकांत के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने के लिए रिपोर्ट सदर थाना अधिकारी को सुपुर्द की है।
सदर थाना अधिकारी ने इस प्रकरण की गंभीरता से जांच करवाने की बात कहते हुए इसकी जांच पुलिस ऑफिसर केसर को सौंपी है। पीड़ित परिवारों ने रिपोर्ट के साथ बैंक स्टेटमेंट भी सौंपे हैं।
