बीजो का हवाई स्प्रे करने करवाने की मांग

पहाड़ियों को फिर हरा करने की गुहार
IMG_20170214_152503बाड़मेर
कभी संभाग भर में अपने औषिधीय पादपो और हरियाली की वजह से पहचानी जाने वाली छप्पन की पहाड़ियों में बीते कुछ सालों से पर्यावरण का हास् हो रहा है ऐसे में इलाके में पर्यावरण सरंक्षण और जल संरक्षण के लिए अब कदम बढ़ाने बेहद जरूरी है ऐसे में जिला प्रशासन से सिवाना प्रधान गरिमाराजपुरोहित ने सिवाना के कोटश्वर महादेव मंदिर नाल, भीमगोड़ा मंदिर पादरड़ी कला और पिपलिया महादेव का मंदिर सिणेर में पौधों और बीजो का हवाई स्प्रे करवाने की मांग की है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी को लिखे पत्र में सिवाना प्रधान गरिमा राजपुरोहित ने बताया कि इलाके में बड़, पलाश, धव, गूगल, सहजना, बॉस , कुमट, सतावर, वज्रदंती और सेवण के पौधों और बीजो का अगर हवाई स्प्रे किया जाए तो इलाके में फिर से हरियाली फैल सकती है। हवाई स्प्रे के बाद इलाके में फैलने वाली हरियाली से जल संरक्षण के कार्यो में भी सफलता मिलेगी। सिवाना प्रधान ने सिवाना पंचायत समिति में वन विभाग द्वारा यह कार्य करवाये जाने की बात कही है। सिवाना प्रधान ने प्रशासन को लिखे पत्र में आफरी जोधपुर और काजरी जोधपुर से भी मदद लेने की बात कही है।

थार और अरावली के मेल पर संकट के बादल
सिवाना – मोकलसर की छप्पन की पहाड़ियां बाड़मेर की वह जगह है जहाँ थार मरुस्थल और अरावली पर्वतमाला एक साथ स्थित है। इलाके में पश्चिम में मरुस्थल है और दक्षिण पूर्व में अरावली। इस इलाके में एक जमाने में असीम कुदरती वनस्पति पायी जाती थी। लेकिन उनमें से कई वनस्पतियां और औषिधीय पादप आज विलुप्ति की कगार पर है जिनके संरक्षण की बेहद आवश्यकता है। यहाँ पाए जाने वाली गूगल, अश्वगंधा, मूसली , सहजना, वज्रदंती विश्व के सबसे उम्दा औषधीय पादप है जिनके सरंक्षण की बेहद जरूरी है ऐसे में यहाँ हवाई स्प्रे से औषधीय पौधों को फिर जीवनदान दिया जा सकता है।

error: Content is protected !!