व्यापार महासंघ ने की आयकर अधिकारी से चर्चा

नए नियमों की मांगी जानकारी
निर्देषों को बताया व्यापार विरोधी

01फ़िरोज़ खान
बारां 05 अप्रेल। बारां व्यापार महासंघ से जुडे व्यापारिक संस्थाओं के पदाधिकारियों ने आज दोपहर आयकर अधिकारी धर्मेन्द्र श्रृंगी से भेंट कर नए आयकर के नए नियमों के प्रभावी होने के बारे में जानकारी लेते हुए व्यापारिक मुद्दों पर चर्चा की। व्यापार महासंघ अध्यक्ष ललितमोहन खंडेलवाल ने नेतृत्व में धानमंडी व्यापार संघ अध्यक्ष देवकीनंदन बंसल, धर्मादा अध्यक्ष ललित कुमार धक्का, केट के जिलाध्यक्ष सतीश खंडेलवाल, खाद्य किराना पदार्थ के अध्यक्ष योगेश कुमरा, विरेन्द्र जैन, सर्राफा संघ के पवन बंसल ने आयकर अधिकारी धर्मेन्द्र श्रृंगी तथा निरीक्षक आर.ए.गुप्ता से नए आयकर नियमों की जानकारी लेकर जिले के व्यापारियों को अवगत कराने का निर्णय लिया। खंडेलवाल ने बताया कि आयकर अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के बाद अब किसी भी बैंक से दो लाख से अधिक की राशि एक साथ नही निकाली जा सकेगी। अगर व्यापारियों के खाते अलग-अलग बैकों में है तो उन खातों से प्रतिदिन दो लाख रूपए की नगद राशि का निकास हो सकता है लेकिन एक ही बैंक की एक से अधिक शाखाएं है तो उनसे कोई लेनदेन नही हो सकेगा। आयकर अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि नगद पूंजी व राजस्व व्यय द्वारा भुगतान के लिए सीमा प्रति व्यक्ति बीस हजार से दस हजार रूपए प्रतिदिन कर दी गई है। अतः कोई भी व्यापारी अपने कर्मचारियों को दस हजार से अधिक की राशि का भुगतान चैक द्वारा ही करे एवं व्यापारी के मालभाडे के लिए ट्रकों एवं अन्य साधनों के भुगतान की सीमा 35 हजार रूपए ही यथावत रहेगी। खंडेलवाल ने बताया कि जिले के व्यापारी नए नियमों की पालना में एक व्यक्ति एक बैंक से दो लाख से अधिक की राशि प्रतिदिन प्राप्त नही करेगा। यदि एक व्यक्ति को एक दिन में तीन लाख के माल का बेचान होता है तो दो लाख से कम की राशि नकद व शेष राशि चैक से प्राप्त की जा सकेगी। अगर एक व्यक्ति एक ही दिन में डेढ-डेढ लाख के तीन बिल बनवाता है तो धारा 269 के तहत दण्डनीय अपराध होगा। व्यापारिक प्रतिनिधियों को जानकारी देते हुए अधिकारी ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति अपनी कार तीन लाख में बेचकर नगद प्राप्त करता है तो उससे तीन लाख का ही जुर्माना वसूला जाएगा। वहीं केश बिक्री के लिए नेट लाभ को 8 प्रतिशत टर्न ओवर सकल रसीद के रूप में लिया जाएगा। वहीं दो हजार रूपए से अधिक का नकद दान भविष्य में अब व्यापारी नही कर सकेगा। महासंघ अध्यक्ष ललितमोहन खंडेलवाल ने बताया कि आयकर अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में नियत तिथि तक रिटर्न नही भरा तो 31 दिसम्बर 2016 तक देरी के लिए पांच हजार रूपए तथा उसके बाद दस हजार रूपए विलंब शुल्क का प्रावधान रखा गया है। व्यापार संघ पदाधिकारियों ने केन्द्र सरकार के नए नियमों को व्यापार एवं कारोबारी विरोधी बताते हुए इनमें ओर अधिक राशि की निकासी तथा नियमों के सरलीकरण की मांग के लिए जयपुर व दिल्ली स्थित व्यापारिक संगठनों को पत्र लिखकर सरकार पर दबाव बनाने का आग्रह किया है। व्यापार महासंघ अध्यक्ष ललितमेाहन खंडेलवाल ने बताया कि सरकार लगातार व्यापार को चैपट करने का प्रयास कर रही है। आम व्यक्ति खुद के पूंजी के लिए बैकों पर निर्भर हो जाएगा और आवश्यकता पडने पर उसे दूसरे के सामने हाथ फैलाना पडेगा।

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