अंषकालीन रसोइयों कोे कम वेतन देना दमनकारी -बडेरा

badmer newsअंषकालीन रसोइयों व चौकीदार संघर्ष समिति राजस्थान के अध्यक्ष लक्ष्मण बडेरा ने राज्य की मुख्य मंत्री वसुन्धरा राजे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी व मानवधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाष टाटिया व मुख्य सचिव राजस्थान सरकार को पत्र भेजकर राज्य सरकार द्वारा संचालित छात्रावासों में वर्षो से कार्यरत अंषकालीन रसोइयो व चौकीदारों को कम वेतन देना दमनकारी है प्रदेष अध्यक्ष लक्ष्मण बडेरा ने लिखा कि सामाजिक न्याय एंव अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में पिछले 20-21 वर्षो से सरकार कम वेतन में काम ले रही है बडेरा ने बताया कि 2006 से पूर्व सरकार इन रसोइयों को प्रति माह मात्र 600 रुपये देती थी एक जुलाई 2006 में सरकार ने अंषकालीन श्रेणी के श्रमिक मानते हुए न्युनतम मजदुरी अधिनियम 1948 की धारा 2012 के अन्तर्गत राज्य सरकार ने इन्हें न्यूनतम वेजेज देना षुरू किया लेकिन सरकार ने समान काम के समान दाम नहीं दिये जिससे एक ही काम में लगाये गये लोगों को किसी दूसरे व्यक्ति से कम सैलेरी देकर मानवीय गरीमा के खिलाफ काम किया है
सरकारी छात्रावासों में कार्यरत अंषकालीन रसोइयों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देषानुसार समान काम के समान दाम देने की मांग की गई।
कालीन रसोईये अपनी ईच्छा से कम पैसे पर काम नहीं करते बल्कि वह खुद की प्रति दांव पर लगाकर इसलिये काम करता है ताकि वह अपने परिवार का पेट भर सकें क्योंकि वह जानता यदि उसने कम पैसे में काम स्वीकार नहीं किया तो उसकी मुष्किलें बढ़ सकती बडेरा ने कहा कि राज्य की इन्ही छात्रावासों में काम कर रहे अन्य रसोंइयों को स्थाई वेतन श्रंखला भते दिये जा रहे है मगर इन्हीं के साथ समान करने वाले अंषकालीन रसोईयों व चौकीदारों को तुच्छ वेतन दिया जाकर शोषण किया जा रहा है जो कल्याणकारी राज्य होने के कारण सरकार भेदभाव नहीं कर सकती।
बडेरा ने कहा कि गडरारोड़ छात्रावास में सुगालाराम 29.03.1996 से लूणाराम 01.02.1998 से धर्माराम 01.02.1999 से बाखासर में मनसुखलाल 15.07.1995 से गिरधारी लाल 19.09.1995 से रामसर में रमेंष कुमार 1994 से चोहटन में प्रभुराम 2002 से बायतु में रमेष कुमार 2005 से विकलांग देवराज कुमार परिहार दिसम्बर 1997 से बाड़मेंर में ओमप्रकाष 2000 से छात्रावासों में हाडतोड़ मेहनत कर सैकड़ो छात्रो को भोजन पकाकर खिलाते है ।
ष् बडेरा ने लिखा कि हाडतोड़ मेहनत करने वाले अंषकालीन रसोइयों को विभाग ने जुलाई 2016 से वेतन भी नहीं दिया उसके बावजूद लगातार काम कर रहे है बडेरा ने मुख्य मंत्री को अवगत कराया कि विता विभाग के पुराने आदेष पर छात्रावासों के काम ठेकेदारों को दिया ठेकेदार ने एक आदमी भी नहीं लगाया और ठेकेदार ने कोई काम नहीं किया उसके बावजूद विभाग ने लाखों रुपये का भुगतान ठेकेदारों को कर दिया जबकि काम करने वाले अंषकालीन रसोइयों व चौकीदारों को वेतन नहीं देकर भूखे मरने पर मजबूर किया जा रहा है
बडेरा ने राज्य की मुख्यमंत्री व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री से अंषकालीन रसोइयों व चौकीदारों को नियुक्ति तिथि से नियमित करने व अन्य सेवा लाभ देने की मांग की है ।

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