बीकानेर, 26 अप्रैल। सुप्रीम कार्ट के आदेशानुसार सभी विभागों को अपने विभाग से संचालित या ऑपरेट होने वाली सभी वेब साईट को आईटी एक्ट 2005 व आधार एक्ट 2016 के अनुसार परिवर्तित कराने के निर्देश जारी किए गए हैं।
जिला सूचना विज्ञान अधिकारी ए. के. पिल्लई ने बताया कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर यदि किसी व्यक्ति या लाभार्थी की निजता की दृष्टि से उनके आधार नंबर ,मोबाइल नंबर या अकाउंट नंबर बिना उनकी सहमति के ऑनलाइन वेबसाइट या किसी भी रिपोर्ट के माध्यम से उपलब्ध होते हैं, तो यह एक्ट का उल्लंघन माना जाएगा। लीगल सेक्शन से इस एक्ट की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। अगर इस सन्दर्भ में किसी प्रकार का डाटा विभाग की हार्ड डिस्क में उपलब्ध है और प्राप्त किया जा सकता है, तो तुरंत कार्यवाही की जाए।