विश्व अस्थमा दिवस पर मंगलवार को आयोजित होंगे जागरूकता के कार्यक्रम

bikaner samacharबीकानेर, 1 मई 17। विश्व अस्थमा दिवस पर मंगलवार को पी.बी.एम. अस्पताल के श्वसन व टी.बी.रोग विभाग की ओर से विशेष चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाएगा तथा रैली निकाली जाएगी। विभाग की ओर से सप्ताह के दौरान आम लोगों में अस्थमा के प्रति जागरूकता के लिए विभिन्न आयोजन किए जाएंगा।

टी.बी.एवं श्वसन रोग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ.गुंजन सोनी ने सोमवार को यह जानकारी अस्पताल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दी। उन्होंने बताया कि सप्ताह के दौरान मंगलवार को सुबह आठ बजे नर्सिंग विद्यार्थियों की रैली श्वसन एवं टी.बी.रोग विभाग से रवाना होकर अस्पताल के अधीक्षक कार्यालय तक पहुंचेगी। इसी दिन सुबह दस से शाम चार बजे तक रोडवेज बस स्टैण्ड में रोडवेज कर्मियों के अस्थमा की जांच की जाएगी। इसी तरह 3 मई से 7 मई तक विभिन्न स्थानों पर अस्थमा की जांच की जाएगी।

डॉ.सोनी ने बताया कि बीकानेर में अस्थमा के रोगियों के इलाज के लिए पी.बी.एम. अस्पताल में बेहतर चिकित्सा सुविधा है। अस्पताल में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.माणक गुजरानी, डॉ.राजेन्द्र सौगात व डॉ.ओ.पी.सुथार के साथ एक दर्जन से अधिक रेजीडेंट चिकित्सक रोगियों की आधुनिक तरीके से जांच कर बेहतर इलाज कर रहे हं। उत्तम इलाज व सरकार की निःशुल्क दवा योजना से आउट डोर रोगियों की संख्या 250 से 300 तक नियमित रहती है।

डॉ.सोनी ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बार विश्व अस्थमा दिवस पर थीम ’अपने फेफड़ों को बचाएं’ ’सेव योर लंग्स’ रखा है। अस्थमा का पता स्पाइरोमिट्री या पुल्मोनेरी टेस्ट से लगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि वंशानुगत, धुल, धुएं, प्रदूषण, मौसम में बदलाव, तेज महक, और जरूरत से अधिक शारीरिक श्रम सहित विभिन्न कारणों से अस्थमा रोग होता है। बार-बार खासी आना, जुकाम का होना आदि कारण अस्थमा के प्रारंभिक लक्षणों में शामिल है।

टी.बी.एवं श्वसन रोग के विभागाध्यक्ष ने बताया कि सूजन की वजह से सांस नलियां जरूरत से ज्यादा कमजोर हो जाती है, इस स्थिति में उन पर जल्दी असर होता है और वह सिकुड़ जाती है। इसलिए कई रोगी बहुत अधिक खांसी करते हैं। उनको श्वास लेने में भी कठिनाई होती है। अस्थमा के दौरे पड़ते हैंं। वह अधिक खतरनाक होते हैं। अस्थमा होने की स्थित में देरी किए बिना चिकित्सक से सलाह लेकर इलाज करवावें। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.माणक गुजरानी ने बताया कि 2005-6 के सर्वे के दौरान बीकानेर में 3 प्रतिशत अस्थमा के रोगी पाए गए।

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